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बिहार की जड़ी-बूटियों से बनेंगी दवाएं, इन बीमारियों का होगा इलाज; जानें सरकार का प्लान

इस योजना से 10 हजार लोगों को प्रत्यक्ष और 50 हजार से अधिक लोगों को अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलेगा। अभी जंगल-पहाड़ के पास स्थित गांवों के जिन लोगों की जीविका इसपर आधारित है उनको भी इस योजना से जोड़ा जाएगा।

Sudhir Kumar हिन्दुस्तान, पटना, आशुतोष कुमार आर्यMon, 28 Oct 2024 06:00 AM
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बिहार के जंगलों और पहाड़ों में पाई जानेवाले उपयोगी जड़ी-बूटियों की बिक्री की जाएगी। इसके लिए सर्वे पूरा कर लिया गया है। सूबे के 11 जिलों के जंगल-पहाड़ों पर 52 तरह की जड़ी-बूटियों की भरमार है। इनका शोधन कर ढाई सौ से अधिक उत्पाद बनाने की योजना है। इनको वैश्विक बाजार में उतारने के लिए प्रोसेसिंग, पैकेजिंग और मार्केटिंग के लिए वृहत रणनीति बनाई गई है।

इस योजना से 10 हजार लोगों को प्रत्यक्ष और 50 हजार से अधिक लोगों को अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलेगा। अभी जंगल-पहाड़ के पास स्थित गांवों के जिन लोगों की जीविका इसपर आधारित है उनको भी इस योजना से जोड़ा जाएगा। नालंदा-नवादा के 117 समेत 11 जिलों के 800 से अधिक गांव चिह्नित किये गए हैं। पहले चरण में सूधा बूथ व ग्रामोद्योग की दुकानों में काउंटर खोला जाएगा। राजगीर की जड़ी-बूटियां वर्षों से प्रसिद्ध हैं।

बौद्ध साहित्य के अनुसार राजगीर में प्रसिद्ध वैद्यराज जीवक रहते थे। उन्होंने यहीं की जड़ी-बूटियों से भगवान बुद्ध और राजा बिम्बिसार की चिकित्सा की थी। अब भी देशभर के आयुष चिकित्सक यहां से जड़ी-बूटियां ले जाकर असाध्य रोगों का इलाज करते हैं।

क्या कहते हैं विभागीय मंत्री?

नालंदा, नवादा, गया, रोहतास, जमुई, वाल्मीकिनगर, औरंगाबाद, कैमूर, बांका, मुंगेर और बेतिया के जंगलों-पहाड़ों पर पाये जाने वाले औषधीय पौधों का सर्वे कराया गया है। अब इनसे रोग उपचार वाले उत्पाद बनाकर प्रोसेसिंग, पैकेजिंग व मार्केटिंग की जाएगी।

-डॉ. प्रेम कुमार, वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री।

दो हजार से अधिक किस्म की जड़ी-बूटियां

जिला वन प्रमंडल पदाधिकारी राजकुमार एम. ने बताया कि राजगीर समेत सूबे के पहाड़ों पर दो हजार से अधिक किस्म की जड़ी-बूटियों के होने का पौराणिक प्रमाण है। पहले चरण में राजगीर-नवादा की तीन (जंगली प्याज, सतमूली व हरमदा) समेत सूबे की 52 जड़ी-बूटियों को योजना में शामिल किया जा रहा है। आयुष मंत्रालय अन्य जड़ी-बूटियों का अध्ययन पौराणिक ग्रंथों के आधार पर जारी रखेगा। छत्तीसगढ़ के आधार पर बिहारी जड़ी-बूटियों की ब्रांडिंग की जाएगी। वहां 68 प्रकार की जड़ी-बूटियों से 165 प्रकार के उत्पाद बनाये जाते हैं।

जड़ी-बूटी, रोग में उपयोगी

गुड़मार शुगर

अश्वगंधा इम्यूनिटी बढ़ाना, ब्रेन टॉनिक

सतावरी पौष्टिक

गिलोय इम्यूनिटी बढ़ाना

सरपोका व गोरखमुंडी लीवर

कालमेग मलेरिया बुखार

अनंत मूल खून साफ

अर्जुन छाल (कहुआ) हृदय रोग, ब्लड प्रेशर

काउज बीज (कुकुअत) वीर्यवर्द्धक

ब्राह्मबूटी स्मरण शक्ति बर्द्धक

शंखपुष्पी अनिद्रा नाशक

मरोर फली स्त्री रोग नाशक

करंजी बीज फाइलेरिया में

सफेद मूसली धातु पौष्टिक

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