मणिपुर हिंसा, ओडिशा ट्रेन हादसे के मृतकों का गया में पिंडदान; सालों से सामूहिक तर्पण कर रहा परिवार
मणिपुर हिंसा, कोलकाता हत्याकांड और ओडिशा ट्रेन हादसे के मृतकों का गया में गुरुवार को सामूहिक पिंडदान किया गया। चंदन कुमार सिंह और उनका परिवार बीते 24 सालों से यह काम कर रहा है।
बिहार के गया में पितृ पक्ष के दौरान देश-विदेश से लोग आकर अपने पूर्वजों का पिंडदान करके उनकी मोक्ष प्राप्ति की कामना कर रहे हैं। गयाजी धाम में एक परिवार ऐसा भी है जो सालों से सामूहिक तर्पण कर रहा है। शहर के विष्णुपद इलाके में सूर्यकुंड के रहने वाले चंदन कुमार सिंह ने मणिपुर हिंसा, ओडिशा ट्रेन हादसे से लेकर तुर्की और सीरिया में भूकंप से मारे गए हजारों लोगों के लिए गुरुवार को गयाजी धाम में सामूहिक पिंडदान किया। उन्होंने आश्विन कृष्ण पक्ष की नवमी तिथि पर कोलकाता के चर्चित जघन्य हत्याकांड की शिकार हुईं ट्रेनी डॉक्टर का भी तर्पण कर उनके मोक्ष की कामना की।
चंदन कुमार सिंह के पिता सुरेश नारायण ने पहली बार 2001 में देश-दुनिया में जाने-अनजाने में जान गंवाने वाले लोगों का सामूहिक पिंडदान शुरू किया था। वे आतंकी हमलों, जघन्य अपराध, दुर्घटना और महामारी में जान गंवाने वाले लोगों का हर साल पिंडदान करते रहे। 2004 में उनका निधन हो गया। उसके बाद उनके बेटे चंदन ने अपने पिता के द्वारा शुरू किए गए सामाजिक कार्य को आगे बढ़ाया। अब चंदन बीते 10 सालों से सामूहिक तर्पण कर रहे हैं।
चंदन कुमार ने बताया कि पिता आदेश के आदेश का पालन करते हुए पितृपक्ष में वे हमेशा मातृ नवमी के दिन ही सामूहिक पिंडदान एवं तर्पण करते कर रहे हैं। चंदन ने जघन्य हत्या के शिकार हुई कोलकाता की प्रशिक्षु डॉक्टर के लिए भी तर्पण किया। स्वामी जगद्गुरु वेंकटेश प्रपन्नचार्य के आचार्यत्व में पिंडदान एवं तर्पण हुआ।