दोस्त के यहां पार्टी करने गया शख्स, घर लौटने में देर हुई तो खुद को करा लिया 'किडनैप'
पूर्णिया में एक युवक को दोस्त के यहां पार्टी करने के बाद घर लौटने में देर हुई तो खुद के अपहरण की कहानी रच दी। पुलिस ने इस मामले का खुलासा कर दिया है।
बिहार के पूर्णिया जिले से एक चौंकाने वाला वाला मामला सामने आया है। एक युवक अपने दोस्त के यहां पार्टी करने गया। जब घर लौटने में देर हुई तो मां-बाप की डांट से बचने के लिए उसने खुद के अपहरण की झूठी कहानी रच दी। उसने अपना मोबाइल फोन बंद करके दोस्त के यहीं पर रख दिया। फिर अचानक वह देर रात अपने घर पहुंचा और परिजन को खुद के अपहरण की कहानी सुनाई। हालांकि, जब पुलिस ने जब उससे सख्ती से पूछताछ की तो उसने सच कबूल लिया, जिसे सुनकर सभी हैरान रह गए।
पनोरमा सिटी में रहने वाले देव कुमार सिंह का बेटा प्रमोद कुमार अपनी छोटी बहन को परीक्षा दिलाने के लिए सोमवार को पूर्णिया कॉलेज छोड़ने गया था। परीक्षा खत्म होने के बाद जब उसकी बहन बाहर आई तो उसे अपना भाई नहीं दिखा। बहुत देर तक भाई की खोजबीन करने के बाद वह थक-हार कर अकेले ही घर पहुंच गई। प्रमोद का मोबाइल फोन भी बंद आ रहा था, जिससे घर वालों को चिंता हुई। देर शाम तक वह घर नहीं आया तो परिजन ने केहाट थाने पहुंचकर शिकायत दर्ज कराई।
इसके बाद सोमवार देर रात अचानक प्रमोद अपने घर पहुंच गया। उसने अपने परिवार वालों को बताया कि उसका अपहरण हो गया था। प्रमोद ने कहा कि जब उसकी बहन कॉलेज के अंदर चली गई तोो वह कॉलेज से पैदल ही चल दिया। फिर एक स्कॉर्पियो कार उसके पास आकर रुकी। उसमें सवार एक युवक ने उससे पता पूछा। फिर उसे गाड़ी में डालकर कहीं ले गए। प्रमोद ने बताया कि उसे बेहोश कर दिया गया था। जब रात में उसे होश आया तो उसने खुद को कप्तानपाड़ा के पास कहीं पाया। वह, किसी तरह वहां से अपनी जान बचाकर घर पहुंचा।
मंगलवार सुबह प्रमोद के पिता अपने बेटे को थाने लेकर पहुंचे। पुलिस उसे कोर्ट ले गई और उसका बयान दर्ज कराया गया। बाद में पुलिस ने अपने स्तर पर जांच शुरू की। प्रमोद की किडनैपिंग की कहानी पुलिस पदाधिकारियों के गले नहीं उतर रही थी। इसके बाद जब सच्चाई सामने आई तो सब लोग हैरान रह गए।
अपहरण की कहानी निकली झूठी
केहाट थानाध्यक्ष उदय कुमार ने बुधवार को कहा कि मामले की जांच के दौरान युवक का मोबाइल फोन बेलौरी स्थिति उसके एक दोस्त के घर से बरामद किया गया। प्रमोद से जब सख्ती से पूछताछ की तो उसने पुलिस के सामने सच उगल दिया। उसने बताया कि उसका किसी ने अपहरण नहीं किया था। वह अपने दोस्त के घर पार्टी करने चला गया था। उसे डर था कि देर से घर पहुंचेगा तो पिता डांट-फटकार लगाएंगे। इसी डर से उसने अपना मोबाइल स्वीच ऑफ करके दोस्त के घर पर रख दिया। फिर अपने घर आकर अपहरण की झूठी कहानी सुनाई। अब किडनैपिंग की कहानी गढ़ने के मामले में प्रमोद के खिलाफ पुलिस क्या कदम उठाएगी, इस बारे में पदाधिकारी कुछ भी कहने को तैयार नहीं हैं।