16 साल में कोर्ट से 11 KM नहीं जा सका रिहाई का आदेश, मर्डर केस में बरी होकर भी जेल में बंद हैं लाठी सिंह
इस मामले में सुनवाई के लिए अगली तिथि 1 अक्टूबर को निर्धारित की है। पिछले 16 वर्ष से रिहाई आदेश बेऊर जेल नहीं पहुंचने पर सुजीत कुमार के वकील विजय भानु ने जिला न्यायाधीश के कोर्ट में क्रिमिनल मिसलेनियस आवेदन दायर किया।
फास्ट ट्रैक कोर्ट पटना -5 ने हत्या के एक आपराधिक मामले में 16 वर्ष पहले आरोपी सुजीत कुमार उर्फ लाठी सिंह को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया था। बड़ी हैरानी की बात है कि बरी होने के बाद भी कोर्ट से बेऊर जेल रिहाई आदेश अबतक नहीं पहुंचा है। यहां बता दें कि पटना सिविल कोर्ट से बेऊर जेल की दूरी करीब 10 किलोमीटर से थोड़ा ही ज्यादा है। बेऊर जेल में बंद लाठी सिंह के आवेदन पर सुनवाई करने के बाद पटना जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने फास्ट ट्रैक कोर्ट-5 के कार्यालय से रिपोट मांगी है।
इस मामले में सुनवाई के लिए अगली तिथि 1 अक्टूबर को निर्धारित की है। पिछले 16 वर्ष से रिहाई आदेश बेऊर जेल नहीं पहुंचने पर सुजीत कुमार के वकील विजय भानु ने जिला न्यायाधीश के कोर्ट में क्रिमिनल मिसलेनियस आवेदन दायर किया। इसमें कहा गया कि फास्ट ट्रैक कोर्ट-5 ने 12 नंवबर 2008 को पुनपुन थाना कांड संख्या 29/2004 में आरोपी लाठी सिंह को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया गया था पर जेल से मुक्त करने का आदेश बेऊर जेल नहीं पहुंचा है।
इस बात का खुलासा तब हुआ जब पटना हाईकोर्ट के एक आदेश के बाद परिहार बोर्ड ने हत्या के एक अन्य मामले में आजीवन कारावास से सजायाफ्ता सुजीत सिंह को बेऊर जेल से मुक्त करने आदेश दिया है। इस आदेश के बाद भी लाठी सिंह बेऊर जेल से रिहा नहीं हुआ। लाठी सिंह दूसरे मामले पुनपुन थाना कांड संख्या 29/2004 में बरी होने के बाद फास्ट ट्रैक कोर्ट से उसकी रिहाई का आदेश बेऊर जेल नहीं पहुंचा।