हिम्मत है तो हज पर बोल कर दिखाएं, दिलीप जायसवाल ने मल्लिकार्जुन खरगे को दी चुनौती
दिलीप जायसवाल ने कहा कि हम किसी धर्म का मजाक नहीं उड़ाते। हम महाकुम्भ का भी सम्मान करते हैं और हज का भी। अगर खरगे जी में हिम्मत है तो हज के ऊपर वे बोलकर दिखाएं। जो राजनीतिक लोग राजनीति करते हुए धर्म का मखौल उड़ाते हैं, उन्हें सही नहीं ठहराया जा सकता है।

कुछ दिनों पहले कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कुछ दिनों पहले गंगा स्नान को लेकर बयान दिया था। लेकिन अब उनके इस बयान पर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। बिहार भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सह राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री डॉ. दिलीप जायसवाल ने कहा है कि कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के बयान से हिंदुओं की आस्था पर चोट पहुंची है। उन्होंने अपने बयान से सनातन का माखौल उड़ाया। निश्चित तौर पर और अधिक संख्या में सनातनी गंगा स्नान करने जाएंगे और स्नान कर कांग्रेस को धोएंगे। राजनीतिक लोगों द्वारा धर्म का मखौल उड़ाना हास्यास्पद है।
बुधवार को प्रदेश भाजपा कार्यालय में पत्रकारों से बातचीत में प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि उम्मीद से ज्यादा लोग गंगा स्नान और कुंभ में स्नान कर रहे हैं। हम किसी धर्म का मजाक नहीं उड़ाते। हम महाकुम्भ का भी सम्मान करते हैं और हज का भी। अगर खरगे जी में हिम्मत है तो हज के ऊपर वे बोलकर दिखाएं। जो राजनीतिक लोग राजनीति करते हुए धर्म का मखौल उड़ाते हैं, उन्हें सही नहीं ठहराया जा सकता है। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी उम्र के हिसाब से परिपक्व नहीं हुए हैं।
उनका दिमाग अभी भी अविकसित है। वे कभी केजरीवाल का विरोध करते हैं तो कभी उनसे कभी गलबहिया करते हैं। वे कब क्या करते हैं, उन्हें खुद पता नहीं है। कुम्भ में हुई भगदड़ पर अफसोस जाहिर करते हुए प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि इस घटना में हताहत लोगों को भगवान श्रीचरणों में स्थान दें। यूपी सरकार ने बहुत ही बेहतर व्यवस्था की है लेकिन काफी भीड़ है। करोड़ों की भीड़ के कारण यह घटना घटी है। सरकार इस पर सख्त है। आगे की व्यवस्थाएं की जा रही हैं, लेकिन इस बार कुम्भ में उम्मीद से अधिक लोग आए।
खरगे ने क्या कहा था…
आपको बता दें कि मध्य प्रदेश के महू में खरगे ने एक कार्यक्रम के दौरान कहा था, ‘अरे भाई गंगा में डुबकी लगाने से गरीबी दूर होती है क्या, आपके पेट को खाना मिलता है? मैं किसी के आस्था पर ठोस नहीं लगाना चाहता, किसी को दुख हुआ तो माफी चाहता हूं। लेकिन बताइए जब बच्चू भूखा मर रहा है, बच्चू स्कूल में नहीं जा रहा है। मजदूरों को मजदूरी नहीं मिल रही है तो ये लोग जाकर हजारों रुपये खर्च कर रहे हैं। कंपटीशन में डूबकी मार रहे हैं। ऐसे लोगों से देश की भलाई नहीं होने वाली है।’
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