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बीएनएमयू के पॉलिटिकल साइंस विभाग में कानूनी मुद्दों और प्रासंगिक विधानों को समझा

भूपेंद्र नारायण मंडल विश्वविद्यालय में स्नातकोत्तर राजनीतिक विभाग द्वारा मूट कोर्ट का आयोजन किया गया। इस दौरान मनोहर बनाम भारत संघ मामले पर सुनवाई हुई। डॉ. अर्जून कुमार यादव न्यायाधीश रहे, जबकि डॉ....

Newswrap हिन्दुस्तान, मधेपुराSun, 22 Sep 2024 02:01 AM
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मधेपुरा निज प्रतिनिधि भूपेंद्र नारायण मंडल विश्वविद्यालय के स्नातकोत्तर राजनीतिक विभाग में मूट कोर्ट का आयोजन किया गया। जिसमें मनोहर बनाम भारत संघ मामले पर सुनवाई की गई। मूट कोर्ट में भूपेंद्र नारायण मंडल विश्वविद्यालय के ‌राजनिति शास्त्र के विभागाध्यक्ष

न्यायाधीश के रूप में डॉ. अर्जून कुमार यादव, अधिवक्ता के रूप में डा. अर्पना कुमारी, वरिष्ठ अधिवक्ता अमित विश्वकर्मा रहे।

मामले के तथ्य को देखते हुए बहस करते हुए कहा कि डॉ. अर्पना कुमारी ने संविधान के अनुच्छेद के तहत अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के उल्लंघन का दावा करते हुए एक कानून को चुनौती दी। इस प्रकार की शैक्षणिक गतिविधि पर निदेशक,आइ क्यू ए सी के निदेशक, डॉ नरेश कुमार ने कहा कि मूट कोर्ट एक शैक्षणिक प्रक्रिया है। जिसमें विधि के साथ राजनीति विज्ञान के विद्यार्थी न्यायालय की वास्तविक कार्यवाही का अभ्यास करते हैं। इसका मुख्य उद्देश्य छात्रों को न्यायालय की वास्तविक प्रक्रिया और न्यायिक प्रणाली के संचालन से परिचित कराना होता है।

मूट कोर्ट का औचित्य विधिक अनुसंधान कौशल का विकास: मूट कोर्ट छात्रों को गहन कानूनी अनुसंधान करने का अवसर प्रदान करता है। जिससे वे कानूनी मुद्दों और प्रासंगिक विधानों को समझने और विश्लेषण करने में निपुण हो जाते हैं और मौलिक अधिकारों की समझदारी बढ़ती है छात्र विभिन्न संवैधानिक और विधिक मुद्दों पर बहस करते हैं। जिससे उन्हें मौलिक अधिकारों और उनके कार्यान्वयन की बेहतर समझ होती है। मूट कोर्ट छात्रों को अपनी कानूनी दलीलें प्रभावी ढंग से मौखिक और लिखित रूप में प्रस्तुत करने का अवसर देता है। इससे उनकी अभिव्यक्ति और प्रस्तुति कौशल में सुधार होता है।

न्यायिक प्रक्रिया का अनुभव: मूट कोर्ट न्यायालय की प्रक्रिया और न्यायाधीशों के प्रश्नों का उत्तर देने की क्षमता को विकसित करने में सहायक होता है। यह उन्हें असली कोर्ट की कार्यवाही के लिए तैयार करता है। उन्होंने कहा कि मूट कोर्ट टीम आधारित होता है। जिसमें एक छात्र वादी और दूसरा प्रतिवादी के पक्ष में दलीलें प्रस्तुत करता है। यह सहयोग और प्रतिस्पर्धात्मक भावना को बढ़ावा देता है।

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