निचले इलाके को प्रभावित कर सकता है कोसी बैराज का पानी
कोसी बैराज से पानी छोड़े जाने के बाद चौसा में निचले इलाकों में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है। प्रशासन ने 25,000 से अधिक प्रभावित लोगों को ऊंचे स्थानों पर जाने के लिए अलर्ट किया है। पिछले डेढ़ माह से बाढ़ की...
चौसा, निज संवाददाता। कोसी बराज से छोड़े गए पानी के प्रखंड क्षेत्र में देर रात तक फैलने की आशंका जतायी जा रही है। कोसी बैराज का पानी निचले इलाके में रहने वाले लगभग पच्चीस हजार से अधिक लोगों को प्रभावित कर सकती हैं। कोसी बैराज का पानी फैलने की आशंका को देखते हुए प्रशासन ने निचले इलाके में रहने वाले लोगों को देर शाम से ही अलर्ट कर दिया है। विशेष रूप से निचले तथा कोसी नदी के इलाकों में रहने वाले लोगों को ऊंचे स्थानों पर रहने के लिए आदेश जारी कर दिया है। बताया गया कि शनिवार को नेपाल के कोसी बैराज से पानी छोड़े जाने के बाद से ही चौसा प्रशासन ने प्रखंड क्षेत्र के निचले और कोसी नदी के इलाकों में रहने वाले लोगों को अगले आदेश तक मवेशियों के साथ-साथ घर द्वार तथा सामानों को लेकर ऊंचे स्थानों पर शरण लेने के लिए आदेश जारी कर दिया है। मोरसंडा के अमन कुमार, अभिमन्यु पासवान, अभिषेक चौधरी, शंभू पंडित, पंकज भगत, मुकेश पासवान, पंजाबी पासवान ने कहा कि उन लोगों के घर को छोड़कर निचले इलाकों में पिछले डेढ़ माह से बाढ़ की समस्या बरकरार है। उन्होंने कहा कि बाढ़ की अधिक समस्या उत्पन्न हो जाने के बाद वे लोग मवेशियों को लेकर ऊंचे स्थानों पर शरण लेने के लिए तैयार हो चुके हैं। इतना ही नहीं बलोरा घाट के पास अमनी बासा में रहने वाले करीब डेढ़ सौ परिवारों को ऊंचे स्थानों पर शरण लेने के लिए जागरुक कर दिया गया है। लोगों ने कहा कि प्रशासन की ओर से हाई अलर्ट किए जाने के बाद से ही बाढ़ की समस्या से जूझने के लिए देर रात से ही सूखा राशन मक्का का सत्तू, मक्का का भुजा की तैयारी शुरू कर दी गयी है। लोगों ने कहा कि वे लोग तो किसी तरह रुखा सूखा राशन के सहारे तो रह लेंगे, लेकिन पशु चारा की समस्या उत्पन्न होने के बाद मवेशियों की परेशानी बढ़ सकती है।
सीओ शशिकांत यादव ने कहा कि कोसी बैराज का पानी फैलने की आशंका को लेकर निचले इलाकों में हाई अलर्ट घोषित कर दिया गया है। आवागमन की व्यवस्था बनाए रखने के लिए दो दर्जन नाव का परिचालन कराया जा रहा है।
इन पंचायतों में पूर्व से है बाढ़ की समस्या बरकरार
चौसा। प्रखंड क्षेत्र के आधा दर्जन से अधिक पंचायत के दर्जनों गांव में पिछले डेढ़ माह से बाढ़ की समस्या बरकरार है। इन गांव में बाढ़ की समस्या उत्पन्न हो जाने के बाद से ही अब तक विशेष रूप से आवागमन का संकट गहराया हुआ है। बताया गया कि पिछले डेढ़ माह से फुलौत पश्चिमी तथा फुलौत पूर्वी, मोरसंडा, चिरौरी, पैना, लौआलगान पूर्वी तथा लौआलगान पश्चिमी और चौसा पश्चिमी सहित आधा दर्जन से अधिक पंचायत का दर्जनों गांव बाढ़ से प्रभावित है। हालांकि इन बार प्रभावित हुए गांव में सरकारी स्तर पर आवागमन की व्यवस्था बनाए रखने के लिए नाव का परिचालन कराया जा रहा है।
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