बीएनएमयू मेें वर्षों से दैनिक वेतनभोगी के रूप में काम करने वाले कर्मचारियों को हटाया गया
बीएनएमयू में करीब 40 दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों को हटाया गया है, जो विश्वविद्यालय में काम कर रहे थे। उनमें से कुछ को नये लोगों ने भर्ती किया गया था। कुलसचिव ने दैनिक कर्मचारियों को बाहर करने के लिए...
मधेपुरा निज प्रतिनिधि बीएनएमयू में दैनिक वेतनभोगी के रूप में काम कर रहे करीब 40 कर्मचारियों को काम करने से बाहर कर दिया गया है। सरकार के निर्देश के बाद विश्वविद्यालय ने यह कदम उठाया है। ज्ञात हो कि कई कर्मचारी विश्वविद्यालय के स्थापना काल से ही काम कर रहे थे। उनमें से कुछ कर्मचारियों की नियुक्ति नहीं हो पायी थी। इसके साथ ही कुछ नये लोगों को पूर्व के कुलसचिव डॉ. मिहिर कुमार ठाकुर द्वारा जारी पत्र के आधार पर दैनिक वेतन भोगी के रूप में लगाया गया था। पिछले दिनों पटना में विभाग के अधिकारियों के साथ हुई विवि के कुलपति और कुलसचिव के साथ बैठक में सरकार ने कर्मचारियों की स्थिति की जानकारी मांगी। दैनिक वेतनभोगी कर्मचारी की जानकारी देने पर विभाग ने कहा कि शिक्षा विभाग में यह लागू नहीं होगा। ऐसे कर्मचारियों को काम लेने से हटाया जाए। विभाग के निर्देश के बाद कुलपति के आदेश पर कुलसचिव डॉ. बिपीन कुमार राय ने पत्र जारी कर दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों के पूर्व में जारी पत्र को निरस्त कर दिया है। कुलसचिव डॉ. राय ने बताया कि ऐसे कर्मचारियों के भविष्य के लिए विवि सहानुभूतिपूर्वक विचार कर आउट सोर्सिंग से होने वाली बहाली में समायोजित कने का प्रयास करेगा।
तृतीय और चतुर्थ वर्गीय कर्मचारी दैनिक वेतन भोगी में हैं शामिल: बीएनएमयू में दैनिक वेतन भोगी के रूप में तृतीय और चतुर्थ वर्गीय कर्मचारी शामिल हैं। ऐसे कर्मचारियों की संख्या करीब चालीस है। बताया गया कि ऐसे कर्मचारी इससे पहले अधिकांश कर्मचारी संविदा पर काम कर रहे थे। बाद में संविदा पर बहाल कर्मचारी को हटा दिया गया था। बाद में इनमें से अधिकांश को एक फरवरी 2024 में दैनिक कर्मचारी के रूप में रखा गया। अब दैनिक कर्मचारी को भी हटा दिया गया है।
कुलसचिव के पत्र के बाद कर्मचारियों मेंे मायूसी: बीएनएमयू में कुलसचिव डॉ. बिपीन कुमार राय द्वारा जारी पत्र के बाद कर्मचारियों में मायूसी व्याप्त है। कर्मचारियों का कहना है कि अब उनका भविष्य का क्या होगा। कुलसचिव ने कर्मचारियों से कहा कि सरकार के निर्देश का पालन किया गया है। इन कर्मचारियों को आउट सोर्सिं से होने वाली बहाली में वेटेज दिलाने का प्रयास किया जाएगा।
विश्वविद्यालय का काम पर पड़ रहा प्रतिकुल असर:बीएनएमयू में दैनिक कर्मचारियों के हटाने जाने से विश्वविद्यालय के काम काज पर प्रतिकुल असर पड़ा है। अधिकांश कार्यालयों मेंे दैनिक कर्मचारी के बदौलत ही काम काज हो रहा था। अब छात्रों के काम समय पर होने की संभावना कम दिखने लगी है। कुलसचिव डॉ. राय ने कहा कि जल्द ही समस्या का समाधान कर लिया जाएगा।
कोट
सरकार के निर्देश पर दैनिक कर्मचारियों को हटाया गया है। आउट सोर्सिंग से कर्मचारियों की कमी को पूरा किया जाएगा।
डॉ. बिपीन कुमार राय, कुलसचिव, बीएनएमयू, मधेपुरा
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