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शराब लदी नई स्कॉर्पियो सुबह पुरानी हो गई, CCTV फुटेज भी गायब; थाने में हेराफेरी

एसपी ने बताया कि मामला संज्ञान में आने के बाद सदर एसडीपीओ-2 आशीष आनंद को जांच की जिम्मेवारी दी गई थी। एसडीपीओ ने मामले की जांच करते हुए अपनी रिपोर्ट दी। इसमें उन्होंने थाने से शराब के साथ पकड़ी गई नई स्कॉर्पियो को पुरानी स्कॉर्पियो से बदले जाने के मामले में दोषी पाया है।

Nishant Nandan हिन्दुस्तान टीम, सीतामढ़ीTue, 13 Aug 2024 04:38 AM
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सोनबरसा थाने में रात में शराब संग पकड़ी गई नई स्कॉर्पियो सुबह में पुरानी हो गयी। गाड़ी का नंबर तो वही रहा, मगर पूरी गाड़ी बदल गई। सुबह जब शराब संग गाड़ी पकड़ने वाले को गाड़ी पकड़ाने की जानकारी मिली तो मामले ने तूल पकड़ लिया। वरीय अधिकारियों के संज्ञान में थाने से गाड़ी बदल दिए जाने का मामला लाया गया। एसपी मनोज कुमार तिवारी ने मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच के बाद थानाध्यक्ष मनीष कुमार को गाड़ी बदले जाने के मामले में दोषी पाते हुए निलंबित कर दिया है।

एसपी ने बताया कि मामला संज्ञान में आने के बाद सदर एसडीपीओ-2 आशीष आनंद को जांच की जिम्मेवारी दी गई थी। एसडीपीओ ने मामले की जांच करते हुए अपनी रिपोर्ट दी। इसमें उन्होंने थाने से शराब के साथ पकड़ी गई नई स्कॉर्पियो को पुरानी स्कॉर्पियो से बदले जाने के मामले में दोषी पाया है। इसके बाद थानेदार को निलंबित कर लाइनहाजिर कर दिया गया है। थानाध्यक्ष मनीष कुमार के निलंबन के बाद ट्रैफिक थानाध्यक्ष सह इंस्पेक्टर धर्मेन्द्र कुशवाहा को सोनबरसा थाने की कमान सौंपी गई है।

22 जुलाई की मध्य रात्रि सोनबरसा थाना क्षेत्र में कार्यरत एएलटीएफ टीम के प्रभारी एसआई अरविंद कुमार दोहरे और एएसआई सिकंदर यादव ने क्षेत्र के चक्की गांव के समीप देसी व विदेशी शराब लदी एक स्कॉर्पियो एचआर 13 जी 2505 गाड़ी को पकड़ा था। इस दौरान धंधेबाज भाग निकला था। बाद में एएलटीएफ टीम ने शराब लदी गाड़ी को देर रात सोनबरसा थाना लाकर थानाध्यक्ष को सुपुर्द कर दिया। शराब लदी गाड़ी आने के बाद थानाध्यक्ष ने अपनी उपस्थिति में पीएसआई मुकेश कुमार से शराब की गिनती कराकर गाड़ी से उतरवाया। इसका एएलटीएफ के प्रभारी ने अपने मोबाइल तस्वीर भी लिया था। एएलटीएफ द्वारा जब्त नई स्कॉर्पियो सुबह में बदल गई। गाड़ी बदले जाने को लेकर सोनबरसा थानाध्यक्ष और एलटीएफ टीम के सब इंस्पेक्टर आमने-सामने हो गए हैं।

हेराफरी में छूट गए कई सुराग 

स्कॉर्पियो के बदलने के दौरान नंबर प्लेट की हेराफेरी की गई। इस दौरान जल्दबाजी में कई सुराग छूट गए। पहले वाली गाड़ी से नंबर प्लेट उखारकर बदली गाड़ी में सही तरीक से सेट नहीं कर पाये। एएलटीएफ टीम द्वारा शराब के साथ पकड़ी गई नई और चमचमाती दिख रही है। जबकि किसी कबाड़ खाने से लाकर गाड़ी पर जल्दबाजी में वहीं नंबर प्लेट लगाने का प्रयास किया गया। इसके कारण नंबर प्लेट सही से नही लग सका। एएलटीएफ टीम द्वारा पकड़ी गई स्कॉर्पियो की एसएलई मॉडल थी। जबकि, बदली गई स्कॉर्पियो एम हॉक लिखा है। गाड़ी के पीछे शीशा पर लिखे शब्दों का स्थान भी बदला हुआ और अन्य सामान का रंग भी बदला है।

गाड़ी बदले जाने के दौरान सीसीटीवी में भी छेड़छाड़

बताया जाता है कि गाड़ी बदलने के दौरान थाने में लगे सीसीटीवी कैमरे के फुटेज में भी छेड़छाड़ की गई है। एसडीपीओ ने मामले की जांच के लिए जब सीसीटीवी फुटेज खंगाला तो उसमें छेड़छाड़ पाया गया। शराब जब्त के दिन शाम तक का फुटेज मौजूद था। मगर, शाम के बाद से फुटेज गायब पाया गया। इस संबंध में थानेदार सीसीटीवी में खराबी आने की बात कहीं। मगर उसके अगले दिन का फुटेज कैमरे में कैद है। कैमरे में खराबी की कोई शिकायत भी थानेदार द्वारा नही की गई।

गाड़ी बदले जाने के मामले में थानेदार पर कसेगा शिकंजा

सूत्रों की माने तो थाने में जब्त गाड़ी को पुरानी गाड़ी से बदल कर जब्त सूची बनाने के मामले में थानेदार को दोषी पाया गया है। इसके बाद थानेदार मनीष कुमार पर शिकंजा कसता दिख रहा है। सूत्रों की मानें तो मनीष के विरुद्ध विभागीय जांच भी शुरू की गई है। साथ ही उनपर थाने से गाड़ी गायब कराने को लेकर एफआईआर भी की जा सकती है।

एसपी मनोज कुमार तिवार ने कहा कि मामला संज्ञान में आने के बाद एसडीपीओ सदर-2 को जांच की जिम्मेवारी दी गई थी। एसडीपीओ ने मामले की जांच कर रिपोर्ट सौंपी है। इसके बाद सोनबरसा थानाध्यक्ष मनीष कुमार को निलंबित कर लाइन क्लोज कर दिया गया है। ट्रैफिक थानाध्यक्ष को सोनबरसा थाने की कमान सौंपी गई है।

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