सुमन कुमार की उपलब्धि से नगरवासियों में हर्ष
सुमन कुमार की उपलब्धि से नगरवासियों में हर्ष
बड़हिया, एक संवाददाता। कहते हैं कि भाषा और भाव का कोई सीमित दायरा अथवा सीमा नहीं होता है। भाषा दिल और देश को जोड़ने का काम करता है। जिसे सच कर दिखाया है नगर के वार्ड संख्या 12 टोला दानी निवासी रामचंद्र प्रसाद सिंह के पोते और मनोज सिंह व पिंटू देवी के पुत्र सुमन कुमार ने। जिन्होंने भारत और ताइवान की शिक्षा प्रणाली में अपनी भूमिका निभाते हुए परिवार, प्रदेश और देश का नाम रोशन किया है। बता दें कि देश के प्रसिद्ध विश्वविद्यालय जेएनयू के छात्र रहे सुमन ने स्वयं की मेहनत और लगन से कई महत्वपूर्ण उपलब्धियों को हासिल किया है। जिसने इएफएलयु हैदराबाद के सहायक प्रो राकेश रंजन के मार्गदर्शन में जेएनयू से चीनी भाषा से बीए और एमए की पढ़ाई पूरी की है। मेधावी प्रतिभा के कारण सुमन को चीनी सरकार द्वारा वर्ष 2017-18 में एक वर्ष की छात्रवृत्ति प्राप्त हुई है। जिसके बूते सुमन ने चीन के झेंग्झौ विश्वविद्यालय जाकर चीनी भाषा और संस्कृति की गहरी शिक्षा प्राप्त की। बीते कोविड काल में इसने मुंबई जाकर विश्वस्तरीय कंपनी में चीनी-अंग्रेजी अनुवादक के रूप में परियोजना प्रबंधक का पद संभाला। अपने सफर को और आगे बढ़ाते हुए अब सुमन ने चीनी भाषा मे (पीएचडी) करने का मन बनाते हुए ताइवान शिक्षा मंत्रालय द्वारा आयोजित छात्रवृत्ति प्रतियोगिता 2024 में हिस्सा लिया और सफल भी हुए हैं। जिसके लिए इन्हें दिल्ली स्थित ताइवान के दूतावास में पीएचडी कोर्स के लिए स्कॉलरशिप का प्रमाण पत्र और सम्मान प्राप्त हुआ है। अब ताइवान में रहते हुए सुमन का चीनी भाषा में पीएचडी करने का सपना पूरा हो सकेगा। बड़े भाई सुमन की राह पर चलते हुए अमन ने भी भाषाई संपन्नता के राह को चुना है। सेमी कंडक्टर के अध्ययन और इसके भविष्य में उपयोग के बारे में बताते हुए सुमन ने कहा कि सेमीकंडक्टर तकनीक में अनुसंधान और विकास भारत और ताइवान दोनों के लिए महत्वपूर्ण है। यह भविष्य में नई तकनीकों और नवाचारों के लिए आधार तैयार करेगा। जिससे वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा मिलेगा।
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