31 अगस्त को प्रदोष व्रत
भाद्रपद प्रदोष व्रत 31 अगस्त को रखा जाएगा। प्रदोष व्रत भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा का पर्व है। यह व्रत दुख-कष्टों को दूर करने में सहायक होता है। आचार्य संजय पाठक ने बताया कि यह व्रत भाद्रपद माह...
कजरा, एक संवाददाता। महीने की दोनों त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत रखा जाता है। इस तरह साल में 24 प्रदोष व्रत आते हैं। हाल ही में भाद्रपद प्रदोष महीना शुरू हुआ है और भाद्रपद कृष्ण त्रयोदशी को इस माह का पहला प्रदोष व्रत रखा जाता है। प्रदोष व्रत महादेव और माता पार्वती की विधि-विधान से पूजा की जाती है। प्रदोष व्रत रखने से भगवान शिव अपने भक्तों के सारे दुख-कष्ट दूर करते हैं। आचार्य संजय पाठक ने कहा कि पंचांग के अनुसार भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि 31 अगस्त की देर रात 2 बजकर 25 मिनट पर शुरू होगी और इसका समापन 1 सितंबर को देर रात 3 बजकर 40 मिनट पर होगा। चूंकि प्रदोष व्रत की पूजा प्रदोष काल में करने का महत्व है इसलिए भाद्रपद प्रदोष व्रत 31 अगस्त को प्रदोष व्रत रखा जाएगा।
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