नए कोसी बराज निर्माण के लिए केन्द्र सरकार कर रही है विचार
वीरपुर में जल संसाधन विभाग के प्रधान सचिव संतोष कुमार मल्ल ने फिजिकल मॉडलिंग सेंटर और कोसी बराज का निरीक्षण किया। उन्होंने गेट नंबर 21 की स्थिति की जांच की और बताया कि क्षति की खबरें अफवाह थीं।...
वीरपुर/बसंतपुर, एक संवाददाता। जल संसाधन विभाग के प्रधान सचिव संतोष कुमार मल्ल शनिवार की देर शाम वीरपुर पहुंचे। उन्होंने सबसे पहले फिजिकल मॉडलिंग सेंटर का निरीक्षण किया। इसके बाद रविवार की सुबह कोसी बराज का जायजा लिया। उन्होंने गेट नंबर 21 को देखा। 29 सितंबर को पानी का जलस्तर 6 लाख 61 हजार क्यूसेक पार कर जाने के बाद गेट नंबर 21 के क्षतिग्रस्त होने की अफवाह उड़ी थी। उन्होंने गेट को गिराकर और उठाकर देखा। इस दौरान गेट के रेगुलशन में किसी प्रकार की परेशानी नहीं हुई। उन्होंने कहा कि गेट क्षतिग्रस्त होने की फैलाई गई खबर मात्र अफवाह थी। इसके बाद प्रधान सचिव कंटोल रूम को देखा। गेट रगुलेशन सिस्टम की जांच की और अधिकारियों से गेट रेगुलेशन सिस्टम के संबंध में जानकारी ली। वे कोसी बराज के कंट्रोल रूम के ऊपर पहुंचे और कोसी बराज के दोनों भाग में जमा सिल्ट के संबंध में जानकारी हासिल की और इस दिशा में किये जा रहे काम को जाना। उन्होंने बताया कि नए बराज के निर्माण को लेकर केंद्र सरकार गंभीरता से विचार कर रही है। इसके लिए केंद्र की ओर से ठोस पहल की शुरुआत भी की गई है। प्रधान सचिव ने नेपाल प्रभाग के पूर्वी बाहोत्थान बांध का भी निरीक्षण किया। मौके पर मुख्य अभियंता वरुण कुमार, सिंचाई विभाग मुख्य अभियंता निखिल कुमार, एनडब्लूडीए के डायरेक्टर बालेश्वर ठाकुर, कार्यपालक अभियंता हेडवर्कस बब्बन पांडेय, कार्यपालक अभियंता सिंचाई राजेश कुमार, एसडीएम नीरज कुमार आदि मौजूद थे।
कोसी मेची लिंक नहर से जोड़ी जाएगी 12 नदियां: सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इस यात्रा का मुख्य उद्देश्य कोसी मेची लिंक नहर के निर्माण से जुड़ी है। कोसी मेची लिंक नहर एकाएक चर्चा में है। क्योंकि सालों की प्रतीक्षा के बाद साल 2024 के बजट में इस परियोजना के निर्माण की स्वीकृति हुई है। सरकार ने 1100 करोड़ इस परियोजना को देने की घोषणा कर इसके निर्माण की दिशा में रास्ता साफ कर दिया है। 117 किमी दूरी तय करने वाली यह प्रस्तावित नहर 12 से ज्यादा नदियों को काटती या जोड़ती हुई पार करेगी। इन नदियों में परमान, टेहरी, लालदरा, भलुआ, बकरा, घाघी, पहरा, नोना, रतुआ, कबाल, पश्चिमी एवं पूर्वी कंकई आदि हैं। ये सभी नदी उत्तर से दक्षिण की दिशा में बहती है, जबकि अपने प्रस्तावित विस्तार सहित कोसी मेची लिंक नहर पश्चिम से पूर्व दिशा में बहेगी। इसके निर्माण से 2.15 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में अतिरिक्त सिंचाई होने लगेगी। इसके निर्माण से बाढ़ की समस्या का स्थाई राहत मिलने की आशा भी की जा रही है।
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