बाढ़ पानी से विस्थापित होकर ग्रामीण ऊंचे स्थान पर जाने को विवश
प्राणपुर के दो दर्जन गांवों में गंगा और महानंदा की बाढ़ ने विकराल स्थिति पैदा कर दी है। बस्ता गांव के 80 परिवार ऊंचे स्थान पर चले गए हैं क्योंकि पानी पांच फीट से ज्यादा हो गया है। बिजली और खाना बनाने...
प्राणपुर, एक संवाददाता। महानंदा एवं गंगा का बाढ़ पानी प्राणपुर के दो दर्जन गांवों में विकराल रूप धारण कर ग्रामीणों को घर छोड़ने के लिए विवश कर डाला। गौरीपुर पंचायत अंतर्गत बस्ता गांव के 80 घर के ग्रामीण बाल बच्चों एवं सामान के साथ घर छोड़कर विस्थापित होने के लिए ऊंचे स्थान पर पश्चिम बंगाल के नवापारा महानंदा तटबंध पर चले गए। स्थानीय मुखिया प्रमोद कुमार सिंह ने बताया कि गौरीपुर पंचायत अंतर्गत वार्ड नंबर 9 बस्ता गांव में पांच फीट से ज्यादा पानी होने के कारण ग्रामीण दो दिनों तक पानी घटने का इंतजार किया। पानी नहीं घटने के कारण व्याप्त समस्याओं को देखते हुए घर छोड़ना उचित समझा। बस्ता गांव में सड़कों पर नाव चल रही है। बिजली नहीं है। किसी भी ग्रामीणों के घर में खाना बनाने का कार्य नहीं हो पा रहा था।
मंगलवार को सुबह अपना बोरिया बिस्तर लेकर बाल बच्चों के साथ पश्चिम बंगाल तटबंध नवापारा ऊंचे स्थान पर चले गए। प्रशासन की ओर से किसी तरह का सहयोग नहीं मिलने के कारण बाढ़ पीड़ितों में आक्रोश व्याप्त है। पूर्व मुखिया सऊद आलम ने बताया कि प्राणपुर क्षेत्र भौगोलिक दृष्टिकोण से सर्वाधिक गड्ढे नुमा है। इस क्षेत्र में महानंदा एवं गंगा का बाढ़ पानी प्रवेश करने के बाद जलजमाव के रूप में बहुत दिनों तक ठहरा रहता है। प्रमुख अमित साह ने बताया कि प्राणपुर प्रखंड अंतर्गत सभी बारह पंचायतों में महानंदा एवं गंगा का बाढ़ पानी से ग्रामीणों का जीवन नारकीय बना हुआ है। एक गांव का दूसरे गांवों से सड़क सम्पर्क भंग हो गया है।
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