कोर्ट निर्णय से आर्मी महिलाओं के लिए वरदान
सेना में महिलाओं के लिए सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसले का सैनिक परिवारों ने स्वागत किया है। अब कंबैट इलाकों को छोड़कर उनको स्थाई कमीशन...
सेना में महिलाओं के लिए सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसले का सैनिक परिवारों ने स्वागत किया है। अब कंबैट इलाकों को छोड़कर उनको स्थाई कमीशन मिलेगा।
सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले पर प्रादेशिक सेना (टेरिटोरियल आर्मी) की देश की प्रथम महिला अधिकारी कटिहार निवासी लेफ्टिनेंट शिल्पी गर्ग ने बताया कि एससी की फैसला आर्मी की सभी महिला अधिकारियों के लिए बहुत बड़ी उपलब्धि है। सेंटर की अपील के विरोध एससी का निर्णय आर्मी महिला अधिकारियों के लिए मोटिवेट करेगा और बाकी तीन फोर्सेस के महिला अधिकारियों के लिए बहुत इंस्पायर करेगा। यह देखकर बहुत ही अच्छा लगता है कि भारत में लैंगिक विधिक विभिन्नताएं और पुरानी मानसिक से बहुत आगे देखते हैं। उन्होंने कहा कि किसी यूनिट को कमांड करना इस पर निर्भर नहीं होना चाहिए की कमांडिंग ऑफिसर मेल है या फ ीमेल बल्कि इस पर निर्भर होना चाहिए कि वह कितना योग्य और काबिल है। उन्होंने कहा कि जब पहले पुलिस भर्ती के लिए महिला अधिकारी को अनुमति दी गई थी तब भी हर जगह विरोध देखा गया था। महिला अधिकारी ये जिम्मेदारी कैसे निभा पाएगी। महिला पुलिस पदाधिकारी ने अपने आपको साबित कर दिखाया है कि वह किसी से कम नहीं है। वायुसेना के पूर्व सैन्य अधिकारी जावेद आलम की स्नातक पास पत्नी प्रो. तहसीम फतामा ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर कांबेैट सेनाओं में महिलाओं की भूमिका और उसका स्थाई कमीशन इन कमिश्निंग सराहनीय कदम है।
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