वीटीआर में जंगल सफारी इसी महीने शुरू होगी, भारी बारिश और बाढ़ से टूट गए रास्ते
वीटीआर में जंगल सफारी अमूमन अक्टूबर महीने के पहले सप्ताह में ही शुरू हो जाती है। इस साल आई बाढ़ की वजह से जंगल के कई रास्ते क्षतिग्रस्त हो गए हैं। इन्हें दुरुस्त किया जा रहा है। काम पूरा होते ही जंगल सफारी समेत अन्य पर्यटन केंद्र खोल दिए जाएंगे।
बिहार के पश्चिम चंपारण जिले में नेपाल बॉर्डर पर स्थित वाल्मीकि टाइगर रिजर्व (वीटीआर) में जंगल सफारी को फिर से इसी महीने शुरू किया जाएगा। मॉनसून सीजन के बाद आम तौर पर अक्टूबर के पहले सप्ताह में ही जंगल सफारी शुरू कर दी जाती है। मगर इस साल भारी बारिश और गंडक नदी में उफान एवं बाढ़ आने से सफारी के रास्ते और रीवर पाथवे क्षतिग्रस्त हो गए। इन रास्तों को दुरुस्त करने का काम तेजी से चल रहा है। बिहार का कश्मीर कहे जाने वाले वीटीआर में 15 अक्टूबर के बाद कभी भी जंगल सफारी शुरू कर दी जाएगी।
वीटीआर के पर्यटन केंद्र वाल्मीकिनगर, मंगुराहा, गोबर्धना से जल्द ही सफारी शुरू की जाएगी। पर्यटक प्राकृतिक सुंदरता और खुले जंगलों मे बाघ, तेंदुआ, गौर समेत विभिन्न प्रजातियों के पक्षियों की चहचहाहट देख-सुन सकेंगे। यहां पर जंगल सफारी से लेकर बोटिंग, साइकिल सफारी समेत पूरे पर्यटक केंद्र को सैलानियों के लिए खोल जाएगा। सफारी रूट और रीवर पाथवे समेत अन्य रूट क्षतिग्रस्त हो जाने के कारण इस साल देरी से जंगल सफारी खोली जा रही है। पर्यटकों के लिए सारी तैयारियां और सुख सुविधाओं को ध्यान मे रख मरम्मत कार्य अंतिम चरण में है।
वीटीआर प्रशासन की मानें तो 15 से लेकर 25 अक्टूबर के अंदर पर्यटकों के लिए जंगल सफारी समेत पूरी तरह से पर्यटन केंद्रों को शुरू कर दिया जाएगा। इस संबंध मे वाल्मीकिनगर के प्रभारी वनक्षेत्र अधिकारी राजकुमार पासवान ने बताया कि पर्यटकों के लिए जंगल सफारी अक्टूबर के पहले सप्ताह मे ही शुरू होने वाली थी। लेकिन, बीच में हुई भारी बारिश के कारण ही जंगल सफारी के रूट जर्जर हो गए। इस कारण जंगल सफारी शुरू होने में देरी हुई है। जंगल सफारी के रूट को दुरुस्त कराया जा रहा है जो कि अंतिम चरण में काम हो रहा है। अगर सबकुछ ठीक-ठाक रहा तो 15 से 25 अक्टूबर के बीच में ही पर्यटकों के लिए जंगल सफारी समेत पूरी तरह से पर्यटन केंद्रों को खोल देने की संभावना है।
मुबंई के मरीन ड्राइव की तर्ज पर तैयार है रीवर पाथवे
वीटीआर के वन प्रमंडल दो के वाल्मीकिनगर एवं नेपाल बॉर्डर से गुजर रही गंडक नदी के किनारे बनाया गया रीवर पाथवे मुंबई के मरीन ड्राइव के तर्ज पर संवारा गया है। पर्यटन सत्र हो या आने वाला नया साल, यहां आने वाले देसी-विदेशी समेत अन्य जगहों से आने वाले पर्यटकों की पहली पंसद बनती है। रीवर पाथवे से पर्यटक बहती गंडक नदी की सुंदरता समेत नेपाल के हिमालय एवं अन्य पहाड़ों और प्राकृतिक सुंदरता का लुत्फ उठाते हैं।