वीटीआर में जंगल सफारी का आगाज; पहले दिन पहुंचे हजारों टूरिस्ट, रिवर पाथवे, कौलेश्वर झूले का दिखा क्रेज
वाल्मीकि टाइगर रिजर्व (VTR) में जंगल सफारी की शुरुआत हो गई है। पहले दिन एक हजार पर्यटक पहुंचे। आधा दर्जन से ज्यादा जंगल सफारी चली। जंगली जानवरों को देखकर पर्यटक काफी रोमांचित हुए। वहीं टूरिस्टों में रिवर पाखवे और कौलेश्वर झूले का भी क्रेज दिखा
वाल्मीकि टाइगर रिजर्व में सोमवार को जंगल सफारी की शुरुआत हुई। सत्र व जंगल सफारी शुरू होने के पहले ही दिन एक हजार पर्यटक वीटीआर पहुंचे। आधा दर्जन से अधिक जंगल सफारी चली। इसमें दो दर्जन से अधिक पर्यटकों ने इसका लुत्फ उठाया। इससे पहले वीटीआर के वन संरक्षक सह निदेशक डॉ. नेशामणी के, वन प्रमंडल-2 के डीएफओ पीयुष बरनवाल, प्रशिक्षु डीएफओ स्टालिन फीडर, रेंजर राजकुमार पासवान, सुजीत कुमार ने हरी झंडी दिखाकर वाल्मीकिनगर और मंगुराहा पर्यटन केंद्रों से पर्यटकों को जंगल सफारी के लिए रवाना किया।
पहले ही दिन जंगल सफारी के दौरान मोर, गौर, चीतल, भालू, हिरण, जंगली सुअर, दुर्लभ प्रजाति के सांप, कछुआ और जंगल की हरियाली देखकर पर्यटक रोमांचित हो उठे। वन प्रमंडल-2 के डीएफओ पीयुष बरनवाल ने बताया कि सोमवार को पर्यटकों के लिए जंगल सफारी की शुरुआत कर दी गई है। पर्यटकों को गुलाब का फूल भेंट कर जंगल सफारी के लिए रवाना किया गया है।
उन्होंने बताया कि सफारी में जाने वाले नेचर गाइड, स्लीपर, वाहन चालक, वनपाल, वनरक्षी को निर्देश दिया गया कि देश-विदेश समेत अन्य राज्यों से आने वाले पर्यटकों को जंगल सफारी के दौरान सभी जानकारी, दिखने वाले विभिन्न प्रजाति के जानवरों, पेड़ पौधों समेत प्राकृतिक की सुन्दरता के बारे में बताएं। मौके पर पूर्व रेंजर सुनील कुमार पाठक, वनपाल, वनरक्षी, गाइड समेत वनकर्मी मौजूद रहें।
वाल्मीकि टाइगर रिजर्व में सोमवार को जंगल सफारी की शुरुआत हुई। सत्र व जंगल सफारी शुरू होने के पहले ही दिन एक हजार पर्यटक वीटीआर पहुंचे। आधा दर्जन से अधिक जंगल सफारी चली। इसमें दो दर्जन से अधिक पर्यटकों ने इसका लुत्फ उठाया। इससे पहले वीटीआर के वन संरक्षक सह निदेशक डॉ. नेशामणी के, वन प्रमंडल-2 के डीएफओ पीयुष बरनवाल, प्रशिक्षु डीएफओ स्टालिन फीडर, रेंजर राजकुमार पासवान, सुजीत कुमार ने हरी झंडी दिखाकर वाल्मीकिनगर और मंगुराहा पर्यटन केंद्रों से पर्यटकों को जंगल सफारी के लिए रवाना किया।
पहले ही दिन जंगल सफारी के दौरान मोर, गौर, चीतल, भालू, हिरण, जंगली सुअर, दुर्लभ प्रजाति के सांप, कछुआ और जंगल की हरियाली देखकर पर्यटक रोमांचित हो उठे। वन प्रमंडल-2 के डीएफओ पीयुष बरनवाल ने बताया कि सोमवार को पर्यटकों के लिए जंगल सफारी की शुरुआत कर दी गई है। पर्यटकों को गुलाब का फूल भेंट कर जंगल सफारी के लिए रवाना किया गया है।
उन्होंने बताया कि सफारी में जाने वाले नेचर गाइड, स्लीपर, वाहन चालक, वनपाल, वनरक्षी को निर्देश दिया गया कि देश-विदेश समेत अन्य राज्यों से आने वाले पर्यटकों को जंगल सफारी के दौरान सभी जानकारी, दिखने वाले विभिन्न प्रजाति के जानवरों, पेड़ पौधों समेत प्राकृतिक की सुन्दरता के बारे में बताएं। मौके पर पूर्व रेंजर सुनील कुमार पाठक, वनपाल, वनरक्षी, गाइड समेत वनकर्मी मौजूद रहें।
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पर्यटन सत्र के पहले दिन वाल्मीकिनगर पर्यटन केंद्र पर सात सफारी चली, जिसमें 32 पर्यटकों ने इसका आनंद लिया। वहीं मंगुराहा के पर्यटन केंद्र पर एक जंगल सफारी चली, जिसमें पांच पर्यटकों ने जंगल सफारी का आनंद उठाया। पर्यटकों के लिए वाल्मीकिनगर में रीवर पाथवे, कौलेश्वर झूला, इको पार्क आदि आकर्षण के केंद्र रहे। पर्यटकों ने गंडक बराज को भी देखा। वहीं मंगुराहा में ललभितिया सनसेट प्वाइंट, सोफा मंदिर समेत अन्य चीजों ने पर्यटकों को लुभाया।
पहले दिन के जंगल सफारी में बोकारो स्टील प्लांट के मैनेजर प्रमोद कुमार परिवार के साथ वाल्मीकिनगर पर्यटन केंद्र पर पहुंचे। उन्होंने जंगल सफारी का लुत्फ उठाया। मंगुराहा के पर्यटन केन्द्र पर महाराष्ट्र एजुकेशन क्षेत्र के मेघना अर्जुन, पटना के दीनानाथ कुमार सिन्हा, संस्कृति पाण्डेय, गौरी पादिकर, मो. नैय्यर आलम ने जंगल सफारी का लुफ्त उठाया।
पर्यटकों ने कहा कि वाकई वीटीआर बिहार का कश्मीर है। यहां पहाड़ों की खुबसूरती से लेकर जंगलों की हरियाली व खुले में जानवरों का विचरण देख मन खुश हो गया। फिर से पूरे परिवार के साथ आकर दो-तीन रहकर यहां का खूबसूरती का आनंद लेंगे। वीटीआर में एक दिन घुमने पर मन नहीं भर रहा है।