पहली लाठी हम खाएंगे बोला था, पर पहले ही निकल गए; प्रशांत किशोर से नाराज छात्र बोले- राजनीति खेल गए
पुलिस की लाठीचार्ज में घायल एक प्रदर्शनकारी प्रशांत किशोर से काफी नाराज नजर आया। उसने अपने जख्मों को दिखाते हुए कहा, ‘हम अपनी हक की लड़ाई के लिए 13 दिनों से गर्दनीबाग में अपना आंदोलन चला रहे थे। लेकिन यहां भी राजनीति खेल गए।'
पटना में रविवार को BPSC अभ्यर्थियों ने पहले मार्च निकाला और फिर वो जेपी गोलंबर के पास जममा हो गए। लेकिन इस मार्च का नेतृत्व कर रहे प्रशांत किशोर 7 बजे तक छात्रों के साथ ही डटे रहे। इसके बाद चले गए। उनके जाने से कुछ छात्र भड़क गए और प्रशांत किशोर के खिलाफ ही नारेबाजी शुरू कर दी। छात्रों का कहना था कि यह उनका आंदोलन है और इसे वही संभालेंगे। किसी राजीनतिक दल की मदद की उन्हें जरूरत नहीं है।
पुलिस की लाठीचार्ज में घायल एक प्रदर्शनकारी प्रशांत किशोर से काफी नाराज नजर आया। उसने अपने जख्मों को दिखाते हुए कहा, ‘हम अपनी हक की लड़ाई के लिए 13 दिनों से गर्दनीबाग में अपना आंदोलन चला रहे थे। लेकिन यहां भी राजनीति खेल गए। प्रशांत किशोर आगे निकल गए और हमलोगों के ऊपर लाठियां चल रही हैं। प्रशांत किशोर ने बोला था कि पहली लाठी हम खाएंगे लेकिन लाठी चलने से पहले ही वो यहां से निकल गए।’
बता दें कि पटना में बीपीएसी परीक्षा को दोबारा करवाने की मांग को लेकर रविवार को छात्र अपना विरोध दर्ज कराने सुबह से ही गांधी मैदान पहुंचने लगे थे। दोपहर 1.30 बजे प्रशांत किशोर भी वहां पहुंचे। उनके आने के बाद गांधी मैदान का दस नंबर गेट खोला गया। ताकि वहां लगे मेले में आने-जाने वाले लोगों को कोई परेशानी नहीं हो।
इसके बाद छात्र संसद की शुरुआत हुई। छात्रों का कहना था कि पेपर लीक हुआ है और इसे रद्द किया जाए। इस पर प्रशांत किशोर ने कहा कि यह आंदोलन छात्रों का है और आप जो निर्णय लेंगे हम उसके साथ रहेंगे। जब छात्रों ने मार्च करने का निर्णय लिया तो प्रशांत किशोर भी उनके साथ हो गए। उन्होंने मार्च का नेतृत्व भी किया। हालांकि, बाद में वो वहां से चले गए।
पुलिस ने बताया कि जेपी गोलंबर पर छात्रों का जमावड़ा हो गया और फिर कई बार छात्रों को चेतावनी दी गई कि वो वहां से चले जाएं लेकिन छात्र वहां से जाने के तैयार नहीं थे। छात्रों की भीड़ की वजह से वहां यातायात व्यवस्था भी कई घंटों तक बाधित रहा। पुलिस का यह भी कहना था कि छात्रों ने धक्का-मुक्की शुरू की जिसक बाद वाटर कैनन का इस्तेमाल किया गया और फिर हल्का बल प्रयोग कर उन्हें वहां से हटाया जा सका था।