Hindi Newsबिहार न्यूज़जमुईGidhaur Kali Temple s 300-Year-Old Saloni Puja Tradition Continues with Devotion

नियम और निष्ठा के साथ मां काली की सलौनी पूजा संपन्न

गिद्धौर काली मंदिर में मंगलवार को मां काली की सलौनी पूजा संपन्न हुई। यह परंपरा लगभग तीन सौ वर्ष पुरानी है। इस वर्ष पतसंडा गांव के श्रद्धालुओं ने सावन माह में मां काली की पूजा अर्चना की और सुख-शांति की...

Newswrap हिन्दुस्तान, जमुईWed, 14 Aug 2024 01:05 AM
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गिद्धौर । निज संवाददाता गिद्धौर काली मंदिर में मंगलवार को मां काली की सलौनी पूजा पुरे नेम निष्ठा के साथ संपन्न हुई। बतातें चलें की लगभग तीन सौ वर्ष पूर्व में इस काली मंदिर का निर्माण गिद्धौर राज रियासत द्वारा करवाया गया था। तब से लेकर आज तक मां काली के मंदिर में विधिवत रुप से सावन माह में सलौनी पूजा कराने की परंपरा चली आ रही है। इस वर्ष भी पतसंडा गांव सहित प्रखंड भर के श्रद्धालुओं ने सावन माह में मां काली की सलौनी पूजा के अवसर पर माता की पूजा अर्चना करने आए। तथा मां काली की पूजा अर्चना कर अपने स्वजनों की सुख शांति की कामना एवं मन्नते मांगी। जिन भक्तों की मन्नते पतसंडा मां काली पूरा की उन्होंने मां काली को पाठे की बली भी चढ़ाई। मंगलवार की दोपहर से ही मां काली की पूजा अर्चना करने के लिये भक्त आते जाते देखे गए। सलौनी पूजा को विद्वान पंडित सुमन पांडेय, उमाशंकर पांडे, राजेश पांडेय, रोहित अमन पांडेय, बालमकुन झा द्वारा संपन्न कराया गया। पूजा की विधि व्यवस्था एवं प्रसाद वितरण का कार्य तैयारी समिति के राजीव सिंह चौहान, श्यामली राय, अमित चौहान, आयुष चौहान, मोनू कुमार, कुणाल चौहान, निहाल चौहान, मनोज सिंह द्वारा किया जा रहा था।

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