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जच्चा-बच्चा मौत में महिला कर्मी गिरफ्तार

लक्ष्मीपुर के मां दुर्गा इमरजेंसी हॉस्पिटल में प्रसव के बाद जच्चा-बच्चा की मौत के बाद फर्जी डाक्टर और हॉस्पिटल का पर्दाफाश हुआ। पुलिस ने महिला कर्मी मनीता देवी को गिरफ्तार किया और हॉस्पिटल को सील कर...

Newswrap हिन्दुस्तान, जमुईSun, 1 Sep 2024 11:24 PM
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लक्ष्मीपुर। फर्जी डाक्टर और फर्जी हॉस्पिटल मां दुर्गा इमरजेंसी हॉस्पिटल में प्रसव के बाद जच्चा बच्चा मौत के बाद संचालक की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही है। पीड़ित परिवार ने लक्ष्मीपुर थाना में केस दर्ज कार्रवाई तेज कर दी है। मामले में पुलिस ने हॉस्पिटल में कार्यरत महिला कर्मी मनीता देवी को पुलिस ने गिरफ्तार किया। गिरफ्तार मनिता देवी सोनो प्रखंड का रहने वाली है। वह नॉर्मल प्रसव कराने का काम कराती थी। मनिता को पुलिस ने उस समय गिरफ्तार किया। जब वह हॉस्पिटल में साक्ष्य मिटाने का प्रयास कर रही थी। पुलिस हॉस्पिटल संचालक डॉ. मनीष और आशा कार्यकर्ता कमली देवी की तलाश में है। महिला कर्मी मनीता की गिरफ्तारी के समय पुलिस ने ऐसे साक्ष्य जब्त किए हैं जो हॉस्पिटल के काले कारनामे को दर्शाता है। गिरफ्तारी और साक्ष्य जुटाने का काम थानाध्यक्ष आलोक कुमार ने प्रतिनियुक्ति दंडाधिकारी कपिलदेव पासवान की उपस्थिति में किया। उसके बाद हॉस्पिटल को सील कर दिया। सहयोग लेने के लिए प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. धीरेंद्र कुमार धूसिया को साथ रखा था। गिरफ्तार मनिता ने बताया कि नार्मल प्रसव के लिए तीस हजार और आपरेशन में पचास हजार रुपए लिए जाते थे। आपरेशन डॉ. मनीष करते थे। बिचौलिया को तीस प्रतिशत कमीशन भी दिया जाता था। रिपोर्ट की मानें तो बीते एक वर्ष के दौरान हॉस्पिटल में लगभग एक सौ प्रसव कराया गया। इसके बाद कुछ गैरकानूनी काम भी होता था। जिसमें गर्भपात शामिल है। प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी को सभी की जांच कर रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया था।

फर्जी डाक्टर के नाम अस्पताल का संचालन: लक्ष्मीपुर। लक्ष्मीपुर के केनुहट स्थित मां दुर्ग इमरजेंसी हॉस्पिटल में प्रसव के बाद जच्चा बच्चा की मौत के बाद कई खुलासे हो रहे हैं। ये खुलासे निजी हॉस्पिटल के संचालन से जुड़ा है। जहां फर्जी डिग्री के साथ फर्जी डाक्टर का नाम बड़े बोर्ड पर अंकित कर हॉस्पिटल का संचालन कर रहे हैं। जिसका गठबंधन क्षेत्र के आशा कार्यकर्ता और कुछ छूट भैये नेताओं से रहता है। जहां बिचौलिए के रूप में कार्य कर रही आशा कार्यकर्ता भोले-भाले मरीज को वैसे हॉस्पिटल में ले जाने का काम करती है।

बल्कि क्षेत्र में वैसे हॉस्पिटल की संख्या दर्जन भर होगी। जो अपने आपको अत्याधुनिक सुख सुविधा से पूर्ण बताते हैं। पुलिस अनुसंधान सही दिशा में चला और स्वास्थ्य विभाग के वरीय पदाधिकारियों का सहयोग मिला। तो वैसे कई निजी हॉस्पिटल पर ताला लटकने से इनकार नहीं किया जा सकता। वैसे हॉस्पिटल में एक्स-रे, अल्ट्रासाउंड और विभिन्न तरह के जांच किए जाते हैं। जो एक जांच का विषय है। चुंकि मां दुर्गा इमरजेंसी हॉस्पिटल के बोर्ड में जिन चिकित्सकों का नाम लिखा है। वे कभी हॉस्पिटल आते नहीं हैं। आज की तिथि में वे कहीं और हैं जिसमें दो किसी मामले आरोपित हैं। लेकिन उनके नाम के पीछे डॉ. मनीष मरीजों की जान के साथ खिलवाड़ कर रहा था। नतीजा हुआ कि पूनम पांडेय और नवजात शिशु को मौत को गले लगाना पड़ा।

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