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निर्देश के बाद अलर्ट पर सदर अस्पताल

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Newswrap हिन्दुस्तान, जमुईWed, 8 Jan 2025 01:47 AM
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निर्देश के बाद अलर्ट पर सदर अस्पताल निर्देश के बाद अलर्ट पर सदर अस्पताल

जरूरी सामानों की बनाई जा रही है सूची

एचएमपीभी वायरस को लेकर राज्य स्वास्थ्य विभाग ने जिला को किया अलर्ट

फोटो-15 : जमुई सदर अस्पताल की तस्वीर

जमुई, निज संवाददाता

चीन में फैले एचएमपीभी वायरस से को लेकर बिहार के स्वास्थ्य विभाग द्वारा सभी जिले को अलर्ट किया गया है। जमुई सदर अस्पताल में अभी इस बीमारी को लेकर काई खास तैयारी नहीं है। लेकिन निर्देश के बाद स्वास्थ्य विभाग ने तैयारी शुरू कर दी है। वैसे तो जमुई सदर अस्पताल में ऑक्सीजन के दो प्लांट काम कर रहे हैं। एचएमपीभी वायरस के रोकथाम को लेकर कोविड-19 की तर्ज पर सभी स्वास्थ्य संस्थानों में इंतजाम करने का निर्देश दिया गया है। सदर अस्पताल में सर्दी, खांसी, बुखार से पीड़ित मरीजों के उपचार को लेकर पर्याप्त व्यवस्था उपलब्ध है। एचएमपीवी के लक्षण पाए जाने वाले मरीज की जांच की व्यवस्था फिलहाल सदर अस्पताल में नहीं है। लक्षण पाए जाने पर उक्त मरीज का सैंपल लेकर एनआईवी पुणे भेजा जाएगा जहां से जांच रिपोर्ट आने के बाद ही एचएमपीवी की पुष्टि हो पाएगी। फिलहाल सर्दी खांसी बुखार और निमोनिया से पीड़ित मरीजों पर विशेष नजर रखी जा रही है। एचएमपीवी के लक्षण पाए जाने वाले मरीजों के लिए ऑक्सीजन दवा सहित अन्य सभी सुविधाएं सदर अस्पताल में उपलब्ध हैं। साथ ही सदर अस्पताल में आईसीयू की कोई व्यवस्था उपलब्ध नही है। वही सदर अस्पताल में मौजूद दोनो औक्सीजन प्लांट पूरी तरह काम कर रहा है। वही दवा की बात करे तो सर्दी, खांसी और बुखार से संबंधित सभी दवा जिले के सभी अस्पताल में उपलब्ध है। साथ ही कोविड - 19 की तर्ज पर स्वास्थ्य विभाग तैयारी में लगी हुई है। फिलहाल जमुई में अभी तक कोई भी मरीज की पहचान नही हो पाई है।

ये हैं एचएमपीवी वायरस का लक्षण :

विभाग के अनुसार इसके लक्षणों में कफ, बुखार, नाक में संक्रमण, श्वास में परेशानी, गंभीर स्थिति में ब्रोंकाइटिस एवं न्यूमोनिया शामिल है। एचएमपीवी एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में खांसने अथवा छींकने से फैलता है। साथ ही संक्रमित व्यक्ति को छूने, एवं संक्रमित वस्तुओं के मुंह, आंख अथवा नाक के संपर्क होने से फैल सकता है।

कोरोना की तरह करना है बचाव :

एचएमपीवी से बचाव के लिए कोरोना के समान ही प्रमुख विधि बताई जा रही है। विशेषकर छोटे बच्चे, 60 वर्षो से अधिक अधिक उम्र वाले व्यक्ति तथा कमजोर इम्यूनिटी वाले व्यक्ति के लिए एहतियात बरतने का सुझाव दिया गया है।

एंटीवायरल दवा या टीका उपलब्ध नहीं: पांच साल से कम उम्र के बच्चे, बुजुर्ग व्यक्ति, गर्भवती महिलाएं और किडनी या हृदय रोग जैसी स्थितियों के कारण कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले लोग अधिक जोखिम में हैं। संक्रमण के तीन से छह दिनों के भीतर वायरस एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैल सकता है। COVID-19 की तरह, HMPV उपचार के लिए अभी तक कोई विशिष्ट एंटीवायरल दवा या टीका उपलब्ध नहीं है।केंद्र सरकार के दिशा-निर्देश के बाद बिहार स्वास्थ्य विभाग के स्वास्थ्य सचिव संजय सिंह द्वारा जिलों के डीएम, सिविल सर्जनों को इस वायरस से बचाव के लिए कोरोना की तर्ज पर ही इंतजाम करने का निर्देश दिया है। स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक यह एक श्वसन तंत्र से जुड़ा हुआ वायरस है। इसके संक्रमण से बचने के लिए कोई विशेष एंटी वायरल या वैक्सीन अबतक उपलब्ध नहीं है। इसलिए इससे बचाव के लिए लक्षण आधारित इलाज जैसे खूब पानी पीना, आराम करना, दर्द अथवा श्वसन संबंधी लक्षण को कम करने के लिए निर्धारित दवा लेना एवं गंभीर मामलों में ऑक्सीजन की सहायता देना है। स्वास्थ्य सचिव ने निर्देश दिया है कि सभी स्वास्थ्य संस्थानों द्वारा इंफ्लूएंजा के समान बीमारी एवं सिवियर एक्यूट रेस्पिरेटरी न्यूमोनिया (सारी) का सर्विलांस सुनिश्चित करते हुए इसको आईएचआईपी पोर्टल पर प्रतिदिन रिपोर्ट देना सुनिश्चित करें। साथ ही कोविड-19 से संबंधित दवा, किट, वेटिलेटर, ऑक्सीजन, मास्क इत्यादि की उपलब्ध सुनिश्चित करें। लोगों को स्वास्थ्य संक्रमण के लक्षण और बचाव के उपाय भी बताते हुये जागरूक करें। स्वास्थ्य सचिव द्वारा जारी किये गये निर्देश में बताया गया कि एचएमपीवी एक समान रेस्पिरेटरी वायरस है जिसका लक्षण कोविड-19 के समान है। विगत कई दिनों से चीन के कुछ प्रदेशों में रेस्पिरेटरी निमोनिया वाले मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी देखा जा रहा है। चीन द्वारा इसे सीजनल इन्फ्लूएंजा माना जा रहा है। वर्ष 2024 में मलेशिया में 327 एचएमपीभी कैसे प्रतिवेदन हुए हैं। भारत में दिसंबर 2024 में सारी के 714 कैसे प्रतिवेदित हुए हैं जिसमें इसमें 9 मामले लैब टेस्ट में एचएमपीभी पॉजिटिव पाया गया है। उन्होंने बताया कि एचएमपीभी एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में खाने अथवा छींकने से फैलता है। साथ ही संक्रमित व्यक्ति को छूने एवं संक्रमित वस्तुओं के मुंह, आंख अथवा नाक के संपर्क से फैल सकता है। इसकी अवधि 3 से 6 दिन और ठंड के मौसम में रहता है। राज्य में एचएमपीभी के किसी भी तरह के आउटब्रेक को रोकने के लिए निम्न निर्देशों का अनुपालन खरना सुनिश्चित करना अनिवार्य है। सभी स्वास्थ्य कर्मियों को एचएमपीभी से बचाव के बारे में प्रशिक्षित करें। सभी स्वास्थ्य संस्थानों में इन्फेक्शन कंट्रोल प्रैक्टिस की संघन मॉनिटरिंग किया जाये। अस्पताल में गंभीर रूप से भर्ती सारी केसेस के सैंपल्स एनआईभी पुणे भेजा जाए ताकि एचएमपीभी के लैब कंफर्मेशन हो सके। निर्देश है की श्वसन तंत्र एवं बुखार के मरीज के उपचार के लिए अस्पताल को अधिक से अधिक सुव्यवस्थित किया जाये।

वायरस से बचने के लिए कोविड -19 के समान ही एतिहात बरतना आवश्यक है :

- हाथों को साबुन एवं पानी से लगातार धोना

- गंदे हाथों से आंख, नाक अथवा मुंह को नहीं छूना

- संक्रमण व्यक्ति से दूरी बनाए रखना

- खांसते और छिंकते समय टिशू पेपर या रुमाल का प्रयोग करना

- संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आए वस्तुओं को लगातार साफ करना

- संक्रमण की अवधि में खुद को घर में ही आइसोलेट करना

- छोटे बच्चे, 60 वर्ष से अधिक उम्र वाले व्यक्ति तथा कमजोर इम्यूनिटी वाले व्यक्ति के लिए विशेष एतिहात बरते

बिहार में अभी तक एक एचएमपीभी के एक भी संक्रमित नहीं पाया गया है। राज्य स्वास्थ्य सचिव के निर्देश को लेकर सदर अस्पताल अलर्ट मोड में आ गया है। सदर अस्पताल में ऑक्सीजन, दवा और चिकित्सक मौजूद हैं। घबराने की जरूरत नहीं है। सर्दी, खांसी और बुखार के मरीज पर विशेष नजर रखा जा रहा है।

डॉ सैयद नौशाद अहमद, उपाधीक्षक सदर अस्पताल, जमुई

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