क्षेत्र के भौगोलिक बनाबट शराब माफियाओं के लिये उपलब्ध करा रही है, सुरक्षित माहौल
क्षेत्र की भौगोलिक बनाबट शराब माफियाओं के लिए सुरक्षित माहौल बना रही है। त्यौहारों के मौसम में शराब की मांग बढ़ने से माफिया भंडारण में जुट गए हैं। जंगली व ग्रामीण रास्तों का उपयोग कर विदेशी शराब की...
क्षेत्र के भौगोलिक बनाबट शराब माफियाओं के लिये उपलब्ध करा रही है, सुरक्षित माहौल क्षेत्र के भौगोलिक बनाबट शराब माफियाओं के लिये उपलब्ध करा रही है, सुरक्षित माहौल
शराब माफिया, शराब तस्करी के लिये मुख्य मार्ग को छोड़ जंगली व ग्रामीण मार्गों का कर रहें हैं उपयोग
त्यौहार के मौसम में बढ़ जाती है शराब की मांग
आसन्न त्यौहार के मौसम में बढ़ते शराब की मांग को देख, शराब के भंडारण में लग गये हैं शराब माफिया
कम मिहनत थोड़ी जोखिम ज्यादा कमाई, युवायों को शराब तस्करी की ओर कर रही है आकर्षित
सोनो, रजनीकांत/निज संवाददाता
प्रखंड क्षेत्र के भौगोलिक बनाबट शराब माफियाओं को शराब तस्करी के लिये सुरक्षित माहौल उपलब्ध करा रहा है।, भौगोलिक बनावट के लाभ लेकर प्रखंड के तीन थाना क्षेत्र बटिया,सोनो व चरकापत्थर थाना क्षेत्र में ब्यापक पैमाने पर जहां देशी शराब के चुलाई व बिक्त्री की बात सामने आ रही है, वहीं काफी मात्रा में विदेशी शराब की तस्करी की सूचनाएं लगातार मिल रही है। इन दिनों शराब के तस्करी में तेजी को लेकर सूत्र बतातें है कि आसन्न दुर्गा पूजा समेत अन्य पर्व त्यौहार को लेकर शराब के बढ़ते मांग को देखते हुए शराब माफिया द्वारा बड़े पैमाने पर देशी व विदेशी शराब की भंडारण में लगें हैं।हाल के दिनों में पुलिस व उत्पाद विभाग द्वारा लगातार रियासी घरों के साथ साथ मुख्य मार्गों पर की जा रही शराब की बरामदगी इस बात को साबित भी कर रही है। बताया जाता है कि त्यौहार के दौरान अन्य प्रदेशों से घर लौटे प्रवासी शराब माफियाओं के लिये सबसे बड़ा ग्राहक बताया जाता है जो ऊंची व मुहमांगी कीमत पर शराब की खरीद करतें हैं। त्यौहार के पखवारा पूर्व से शराब भंडारण किये जाने का यह भी करण बताया जाता है कि जैसे जैसे त्यौहार का दिन नजदीक आते जाता है प्रशासन द्वारा ज्यादा शक्ति बरती जाती है। सूत्र बतातें हैं कि विदेशी शराब के तस्करी के लिये शराब तस्करों मुख्य मार्ग को छोड़ जंगली व ग्रामीण सड़कों का ज्यादा उपयोग कर रहें हैं। इन क्षेत्रों में झारखंड प्रदेश के सीमावर्ती जिला देवघर व गिरिडीह से ब्यापक पैमाने पर शराब की तस्करी हो रही है। गिरिडीह जिले के तीसरी व भेलवाघाटी थाना क्षेत्र जो कि प्रखंड का सीमावर्ती क्षेत्र है। इन सीमावर्ती क्षेत्र से शराब तस्कर, शराब तस्करी के लिये बड़े पैमाने पर वाईक उपयोग में ला रहें हैं। झारखंड प्रदेश के तीसरी व भेलवाघाटी थाना क्षेत्र का सीमा चरकापत्थर व बटिया थाना क्षेत्र से लगता है।पुलिस ने कई बार बटिया थाना क्षेत्र के कटहराटाँड़ के रास्ते भेलवाघाटी थाना क्षेत्र से शराब तस्करी की सूचना पर शराब तस्करों को शराब के साथ गिरफ्तार किया है। उसी प्रकार चरकापत्थर पुलिस द्वारा भी समय समय तीसरी थाना क्षेत्र से चरकापत्थर क्षेत्र के जंगली मार्ग से वाईक सवार, शराब तस्करों को शराब के साथ गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की है। लेकिन शराब तस्करों के खिलाफ पुलिस की जा रही यह कार्यवाई नकाफी साबित हो रही है।पुलिस द्वारा कभी कभार शराब माफियाओं के खिलाफ कार्यवाई कर भले ही अपना उपलब्धी बता रहा हो, लेकिन इस प्रकार के कभी कभार के कार्यवाई से शराब तस्करी पर किसी भी प्रकार का अंकुश नहीं लग पा रहा है।क्षेत्र में बड़े पैमाने पर अवैध रूप से शराब की आपूर्ति की जा रही है। साथ ही उपभोक्ताओं तक ऊँची कीमत लेकर घर पर ही (होम डिलीवरी) आपूर्ति सुनिश्चित की जा रही है। हालांकि सूत्र यह भी बतातें हैं कि शराब तस्करों द्वारा आपूर्ति की जा रही अधिकांश विदेशी शराब नकली होती है, जिसे ऊंची कीमत लेकर शराबियों को आपूर्ती की जा रही है। कम मिहनत थोड़ी जोखिम मोटी कमाई के चक्कर मे बड़े पैमाने पर क्षेत्र के युवाओं इस धंधे में शामिल हैं।इस धंधे में शामिल युवाओं के आर्थिक तरक्की देख ज्यादा से ज्यादा युवा इस धंधे की ओर आकर्षित हो रहे हैं।
उत्पाद विभाग वेरियर पर रह जातें हैं लाठी भांजते तस्कर चकमा देकर निकल जा रहे हैं शराब तस्कर :
शराब की तस्करी व शराबियों के उत्पात पर अंकुश लगाने के लिये उत्पाद विभाग द्वारा राष्ट्रीय उच्च पथ 333 के सीएस कॉलेज के पास बेरियर लगाया गया है, लेकिन उत्पाद पुलिस द्वारा शराब तस्कर व शराबियों के खिलाफ की जा रही कार्यवाई सिर्फ़ व सिर्फ खानापूर्ति ही साबित हो रही है। उत्पाद पुलिस द्वारा वेरियर पर तस्करी के लिये लाये जा रहे शराब के तलाश में लगे जवान बेरियर पर डंडा भांजते रह जाती हैं, उधर शराब तस्कर जंगली व ग्रामीण सड़कों का उपयोग कर ब्यापक पैमाने पर विदेशी शराब खेप क्षेत्र में खपा रहे हैं। शराब की तस्करी का कारोबार पर्व त्यौहार के मौसम में चरम पर होती है। आगामी दुर्गा पूजा के दौरान शराब की बढ़ते मांग को ध्यान में रखकर शराब माफिया द्वारा अभी से ही ब्यापक पैमाने पर शराब का भंडारण की जा रही है। उत्पाद पुलिस इन शराब माफियाओं के खिलाफ कार्यवाई तो की जा रही है लेकिन यह कार्यवाई नकाफी सिद्ध हो रही है। उत्पाद पुलिस के आँख में धूल झोंककर कहें या फिर मिलीभगत कहें शराब माफिया नित्य क्षेत्र में शराब की बड़ी से बड़ी खेप खपाने में कामयाब हो जा रहे हैं।
विदेशी शराब के आड़ में नकली व जहरीली शराब तक की जा रही है आपूर्ती :
बताया जाता है कि शराब तस्कर शराब तस्करी के दौरान अधिक कमाई के चक्कर मे नकली व जहरीली शराब की भी आपूर्ति करने से नहीं चूक रहे है।इसका खुलासा उत्पाद विभाग के जांच रिपोर्ट में भी हो चुका है। इस नकली व जहरीली शराब का नतीजा कभी कभी सामुहिक मौत के रूप में सामने आता है। त्यौहार आदि के मौके पर शराब की मांग कई गुना बढ़ जाता है। शराब की मांग बढ़ते ही शराब माफिया विदेशी शराब के आड़ में नकली व जहरीली शराब की आपूर्ति तेज कर देते है। प्रदेश में शराब बंदी के कानून के भय से शराब खरीदने बालों को इतना भी मौका नहीं रहता है कि वे असली व नकली में अंतर कर सकें।जिससे शराब माफियाओं को तो मौज है लेकिन इन नकली शराब का सेवन कर लोग मौत को गले लगा रहे हैं।
देशी शराब निर्माण के कुटीर उद्योग के रूप में चिन्हित है प्रखंड के दर्जनों गांव :
विदेशी शराब के साथ साथ देशी शराब यानि महुआ शराब निर्माण व बिक्री के लिये प्रखंड के दर्जनों गांव कुटीर उद्योग के रूप में चिन्हित हैं। जहां बड़े पैमाने पर अवैध महुआ शराब निर्माण के साथ साथ प्रखंड के अलावे अन्य प्रखंडों में बिक्री के लिये देशी शराब उपलब्ध कराई जाती है। अवैध महुआ शराब निर्माण के लिये चिन्हित गांव में बटिया थाना क्षेत्र के कोड़वाडीह, घोघा लालपुर। सोनो थाना क्षेत्र के बलथर पंचायत के तेलीयाछुराठ, पैरामटिहाना पंचायत के पैरा गांव के जंगली क्षेत्र, ढ़ोढ़री पंचायत के तिलवारिया, गोरवा मटिहाना समेत जनजाति बहुल्य क्षेत्र, लोहा के सलैया सुखासन के साथ साथ महादलित बस्ती व जनजातीय बाहुल्य क्षेत्र शामिल है।
शराब को नशीली बनाने के लिये कीटनाशक तक का किया जाता है उपयोग :
शराब को नशीला बनाने के लिये कीटनाशक उपयोग किये जाने की भी बात सामने आई है। पहचान नहीं बताने के शर्त पर एक शराब निर्माता ने बताया कि शराब निर्माण के लिये जावा महुआ में प्रकृति रूप से खमीर तैयार होने में कई दिन तक उसे पानी मे भिंगोय कर रखना पड़ता है तब जाकर वह शराब निर्माण के लिये तैयार होता है। समय के अभाव में हमलोग इंतजार नहीं करते हैं।जल्द से खमीर तैयार करने के लिये महुआ में रासायनिक खाद्य यूरिया व नोसादर का उपयोग करते है जिससे महुआ में कुछ ही घण्टों में शराब निर्माण के लिये तैयार हो जाता है। उसने एक जो ओर बात बताई वह आश्चर्य कर देने बाला था। उसने बताया कि शराब को नशीली बनाने के लिये फसलों में उपयोग में लाये जाने बाला कीटनाशक का उपयोग किया जाता है,लेकिन उसकी मात्रा काफी सन्तुलित रहती है अगर मात्रा की संतुलन बिगड़ी तो यह जानलेवा भी साबित हो सकती है।
सहकार भारती के जिला समिति का गठन
नंदलाल बने अध्यक्ष दशरथ वर्मा को उपाध्यक्ष
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परिचय - बैठक में शामिल समिति के सदस्य
जमुई, हिन्दुस्तान संवाददाता
शनिवार को सहकार भारती का जिला कमेटी का गठन किया गया। सहकार भारती के प्रदेश अध्यक्ष राम दयाल सिंह के निर्देशानुसार जमुई जिले में किसानों की एक मीटिंग मलयपुर ग्राम साथी संस्थान कार्यलय में आयोजित की गई। कार्यक्रम की अध्यक्षता समाज सेवी नंदलाल सिंह ने किया। बैठक में प्रदेश विधि प्रकोष्ठ के प्रमुख दीपक कुमार एवं संगठन प्रमुख राजेश कुमार श्रीवास्तव उपस्थित थे। श्रीवास्तव की देखरेख में जिला कमेटी का गठन किया गया। सभी किसानों के सर्व समिति से यह समिति का गठन किया। जिसमें सर्वसम्मति से सहकार भारती के जिला अध्यक्ष के रूप में नंदलाल सिंह को निर्वाचित किया गया। दशरथ वर्मा को उपाध्यक्ष नियुक्त किया गया। महामंत्री के रूप में बलराम यादव, संगठन प्रमुख मदन प्रसाद यादव, झाझा महिला प्रमुख सोनी कुमारी साह, उर्मिला कुमारी संगठन मंत्री, संतोष कुमार कार्यालय प्रभारी, कृष्ण देव यादव टैक्स प्रकोष्ठ के प्रमुख, प्रवीण कुमार सिंह खैरा प्रखंड अध्यक्ष के अलावा परमेश्वर प्रसाद यादव को भी संगठन का प्रभाव दिया गया। योगेंद्र यादव, सोनू एवं नंदलाल सिंह मलयपुर ने संगठन में रखा गया है। सहकार भारती मुख्य रूप से किसानों के सुख एवं समृद्धि के लिए पूरे देश में कार्य करती है। सरकार भारती का एक ही उद्देश्य है हर किसान सुखी हो। हर किसान स्वावलंबी हो। किसानों के विकास के लिए कई प्रस्ताव पारित किए गए। महिलाओं को स्वरोजगार हेतु छोटे-छोटे उद्योग की स्थापना के लिए गांव में समूह बनाकर सहकार भारती काम करेगी। किसान उत्पादक समूह के द्वारा किसानों के आए को दुगनी करने के लिए उन्हें एक समिति के रूप में निबंध कर कार्य किए जाएंगे। बैठक में मुख्य रूप से उपस्थित जिले के प्रमुख किसान कृष्ण देव यादव, दशरथ वर्मा, रंजन कुमार, संतोष कुमार, जोगेंद्र यादव, परमेश्वर यादव, विकास यादव, बच्चों यादव, मोहन कुमार, दुर्गा कुमारी, अजय कुमार, गीता भारती, राजेश श्रीवास्तव के संबोधन के बाद सभी निर्वाचित पदाधिकारी को धन्यवाद देते हुए सभा को समाप्त की गई।
124 लाभुकों का ऋण स्वीकृत
66 लाभुकों का किया गया ऋण का भुगतान
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परिचय - बैठक में शामिल अधिकारी व अन्य
जमुई, हिन्दुस्तान संवाददाता
समाहरणालय संवाद कक्ष में उद्योग विभाग द्वारा संचालित योजनाओं यथा - पीएचईजीपी, पीएचएफएमई एवं पीएम विश्वाकरमा योजना की प्रगति से संबंधित समीक्षात्मक बैठक का आयोजन जिलाधिकारी जमुई की अध्यक्षता मे किया गया। बैठक में उप विकास आयुक्त, बैंकिंग उपसमाहर्ता, मितेश कुमार शांडिल्य महाप्रबंधक जिला उद्योग केंद्र, अग्रणी बैंक प्रबंधक जमुई तथा सभी बैंकों के कोऑर्डिनेटर एवं अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे। बैठक में महाप्रबंधक जिला उद्योग केंद्र द्वारा बताया गया कि पीएचईजीपी योजना अंतर्गत अभी तक कुल 124 लाभुकों का ऋण स्वीकृत तथा 66 लाभुकों का ऋण का भुगतान किया गया। इसी तरह पीएचएफएमई योजना अंतर्गत वर्तमान वित्तीय वर्ष में अभी तक कुल 54 लाभुकों का ऋण स्वीकृत तथा 25 लाभुको का ऋण का भुगतान किया गया। महाप्रबंधक जिला उद्योग केंद्र द्वारा बैठक में बताया गया कि पीएचईजीपी योजना अंतर्गत लक्ष्य अनुरूप ऋण स्वीकृत में जमुई जिला पूरे बिहार में पहला स्थान पर है। बैठक में उप विकास आयुक्त जमुई द्वारा सभी बैंकों से अक्टूबर माह के अंत तक सभी योजनाओं का शत-प्रतिशत ऋण स्वीकृत करने का निदेश दिया गया।
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