मल्टीग्रेन आटा से निर्मित विभिन्न उत्पादों से की जा सकती है अच्छी आय
36 ग्रामीण युवतियों को दिया गया प्रशिक्षण, स्थानीय उपलब्ध संसाधनों द्वारा कृषि उत्पाद जैसे मल्टीग्रेन आटा दलिया और नूडल्स बनाने का विधि पर प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाया गया, जिसमें कृषि विज्ञान केंद्र के...
36 ग्रामीण युवतियों को दिया गया प्रशिक्षण मेहंदीया, एक संवाददाता कृषि विज्ञान केंद्र अरवल में ग्रामीण युवतियों के लिए नौ सितंबर से चलाए जा रहे पांच दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुक्रवार को समापन हो गया। स्थानीय उपलब्ध संसाधनों द्वारा कृषि उत्पाद जैसे मल्टीग्रेन आटा दलिया और नूडल्स बनाने का विधि पर प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाया गया, जिसमें कृषि विज्ञान केंद्र के आसपास रहने वाली ग्रामीण क्षेत्र के 34 युवतियों ने भाग लिया। केंद्र के वरीय वैज्ञानिक एवं प्रधान, डॉक्टर अनिता कुमारी ने मल्टीग्रेन आटा से बने उत्पाद के महत्व एवं कुटीर उद्योग स्थापित कर, उत्पाद के मार्केटिंग के बारे में विस्तार से चर्चा की। केंद्र के विषय वस्तु विशेषज्ञ वैज्ञानिक डॉक्टर कविता डालमिया ने कहा कि लेसन प्लान के अनुसार इस प्रशिक्षण को पूरा किया गया। पहले दिन रजिस्ट्रेशन एवं प्रशिक्षण के महत्व के बारे में बताया गया। प्रशिक्षण सत्र के दूसरे दिन ग्रामीण युवतियों को विभिन्न आटा, चक्की मशीन, नूडल्स मशीन एवं फूड प्रोसेसिंग मशीन के प्रयोग के बारे में प्रशिक्षण दिया गया और इसकी विस्तृत जानकारी दी। प्रशिक्षक डॉक्टर कविता डालमिया ने बताया कि मल्टीग्रेन आटा से निर्मित विभिन्न उत्पाद जैसे चीला, दलिया, चपाती, हलवा बाजरा, साबुत मूंग, गेहूं से बना मल्टीग्रेन आटा एवं दलिया के निर्माण कर इसके उत्पाद को ग्रामीण क्षेत्रों में मार्केटिंग का अच्छा पैसा कमाया जा सकता है और ग्रामीण क्षेत्र की युवतियां स्वावलंबी बनकर अपने पैरों पर खड़ा हो सकती है। विभिन्न प्रकार के आटे से निर्मित नूडल्स बनाने का प्रायोगिक प्रशिक्षण देकर प्रशिक्षण के अंतिम दिन प्रशिक्षण प्रमाण पत्र का वितरण किया। जिसमें कलेर प्रखंड के कथराइन एवं सरवरपुर गांव की रहने वाली 36 सफल ग्रामीण युवतियों ने भाग लिया। फोटो-13 सितम्बर अरवल-13 कैप्शन-अरवल कृषि विज्ञान केन्द्र में प्रशिक्षण प्राप्त करते ग्रामीण युवतियां।
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।