बिहार के आईपीएस सुधीर पोरिका को क्लीनचिट, अवैध बालू खनन मामले में दो साल रहे थे सस्पेंड
बिहार सरकार ने औरंगाबाद के पूर्व एसपी सुधीर पोरिका को अवैध बालू खनन और भ्रष्टाचार से जुड़े मामले में क्लीनचिट दे दी है। अब उन्हें निलंबन अवधि का दो साल का पूरा वेतन और भत्ता भी दिया जाएगा।
बिहार के आईपीएस (भारतीय पुलिस सेवा) अधिकारी सुधीर कुमार पोरिका को भ्रष्टाचार और बालू के अवैध खनन से जुड़े मामले में क्लीनचिट दे दी गई है। सुधीर फिलहाल विशेष शाखा में एसपी हैं। औरंगाबाद जिले के एसपी रहते हुए उन पर ये आरोप लगे थे। साल 2021 में उन्हें सस्पेंड कर दिया गया था। वे दो साल तक निलंबित रहे। गृह विभाग ने उनके खिलाफ चल रही विभागीय कार्यवाही खत्म कर दी है। साथ ही निलंबन अवधि का पूरा वेतन एवं भत्ता देने का आदेश भी दिया है। बुधवार को गृह विभाग ने इसका संकल्प जारी किया।
मालूम हो कि आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) की रिपोर्ट के बाद इस मामले में जुलाई 2021 में आईपीएस सुधीर कुमार को निलंबित कर विभागीय कार्यवाही शुरू की गई थी। विभाग ने इस साल सितंबर में उनके खिलाफ चल रही विभागीय कार्यवाही समाप्त की थी। अब गृह विभाग ने अपने नए आदेश में कहा है कि सुधीर पोरिका के 27 जुलाई 2021 से 16 जुलाई 2023 तक, करीब दो वर्ष की निलंबन अवधि को विनियमित किया जाता है। निलंबन अवधि का पूरा वेतन और भत्ता उन्हें दिया जाएगा।
हालांकि, निलंबन अवधि में उन्हें मिले जीवन निर्वाह भत्ता और अन्य भत्तों को इसमें एडजस्ट किया जाएगा। साथ ही सुधीर पोरिका की निलंबन अवधि को ड्यूटी में जोड़ा जाएगा। बता दें कि सुधीर कुमार पोरिका साल 2010 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं।