600 रुपये की रिश्वत के लिए आयकर असिस्टेंट को एक साल की जेल, 5 हजार का जुर्माना भी लगा
पटना सीबीआई स्पेशल कोर्ट ने सासाराम के तत्कालीन आयकर असिस्टेंट को 600 रुपये की रिश्वत लेने के मामले में दोषी पाते हुए एक साल जेल की सजा सुनाई है। उस पर 5 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है।
बिहार के पटना सीबीआई स्पेशल कोर्ट ने शुक्रवार को एक घूसखोर आयकर असिस्टेंट को एक साल जेल की सजा सुनाई। रिश्वत मामले में दोषी पर पांच हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। यह मामला साढ़े तीन साल पुराना है। सीबीआई ने सासाराम में तैनात इनकम टैक्स विभाग के तत्कालीन असिस्टेंट राम नारायण सिंह को 600 रुपये की रिश्वत लेते गिरफ्तार किया था। सीबीआई ने इस मामले में 16 मार्च 2021 को एफआईआर दर्ज की थी।
सीबीआई सूत्रों के अनुसार राम नारायण पर आरोप था कि उन्होंने शिकायतकर्ता के 5826 रुपये का आयकर रिफंड वापस करने की एवज में उनसे 600 रुपये की रिश्वत मांगी थी। इसके बाद संबंधित शिकायतकर्ता ने इसकी जानकारी सीबीआई को लिखित रूप से दी। शिकायत मिलने के बाद सीबीआई ने मामले की जांच की और सत्यतता प्रमाणित होने के बाद जाल बिछाया और राम नारायण को रिश्वत की रकम के साथ रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया।
इस मामले की जांच पूरी होने के बाद सीबीआई ने 28 जून, 2011 को आरोपित के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया। इस मामले की सुनवाई के बाद अब सीबीआई मामलों के विशेष न्यायाधीश-एक ने एक वर्ष की सजा और जुर्माने की सजा सुनाई।
दो सप्ताह पहले इसी अदालत ने भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) के पूर्व मैनेजर को घूस लेने के मामले में ढाई साल की जेल की सजा सुनाई थी। उस पर 30 हजार रुपये का जुर्माना अलग से लगाया गया था। सीबीआई ने मुजफ्फरपुर में तैनात एफसीआई के तत्कालीन मैनेजर नागेंद्र प्रसाद सिंह को 14 साल पहले 5000 रुपये की रिश्वत लेते गिरफतार किया था। उसने एक ठेकेदार से बिल पास कराने की एवज में यह घूस ली थी। लंबे ट्रायल के बाद 14 नवंबर 2024 को पटना सीबीआई कोर्ट ने उसे दोषी करार देते हुए सजा सुनाई।