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बिहार में यूक्रेन के सॉफ्टवेयर से बदले जा रहे मोबाइल के IMEI नंबर, शातिर गिरफ्तार; गिरोह की तलाश

मोबाइल का आईएमईआई नंबर स्थायी रूप से बदल जाने के बाद पुलिस उसे ढूंढ नहीं पाती थी। इसका फायदा शातिर उठा रहे थे। आईएमईआई नंबर बदल जाने के बाद शातिर चोरी के मोबाइल को ऊंची कीमत पर लोगों को बेच देते थे। ग्राहक को पता नहीं चलता था और पुलिस भी मोबाइल नहीं ढूंढ पाती थी।

Sudhir Kumar हिन्दुस्तानSat, 7 Sep 2024 10:35 AM
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बिहार में यूक्रेन से सॉफ्टवेयर का उपयोग कर चोरी और लूट के मोबाइल के आईएमईआई बदले जाने के गैरकानूनी धंधे का खुलासा हुआ है। मुजफ्फरपुर में पुलिस ने एक शख्स को गिरफ्तार किया हौ जो सॉफ्टवेयर से चोरी, लूट व छिनतई के मोबाइल का लॉक और आईएमईआई नंबर बदलने का काम काफी दिनों से कर रहा था। आश्यचर्य की बात है कि यह शातिर शहर के बीचो बीच और नगर थाना से आधा किलोमीटर की दूरी पर यह काम कर रहा था जिसकी भनक पुलिस को भी नहीं थी। ऑपरेशन मुस्कान के तहत की जा रही कार्रवाई में इस गोरखधंधे का पर्दाफाश हुआ। इसमें पेंडुरा सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल किया जाता था।

सिटी एसपी अवधेश सरोज दीक्षित उन्होने बताया कि मामले में शहर के सरैयागंज टावर के पास से मोबाइल दुकानदार ओम उर्फ चिरंजीवी को गिरफ्तार किया गया है। वह पूर्वी चम्पारण के माधोपुर चिरैया का रहने वाला है। चिरंजीवी यूक्रेन के सॉफ्टवेयर से मोबाइल का आईएमईआई नंबर बदला रहा था। उसके पास से 6 मोबाइल, एक लैपटॉप, पेन ड्राइव, सॉफ्टवेयर इंस्टॉल किया गया डेस्कटॉप व डोंगल बरामद किया गया है। पूछताछ के बाद उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।

टेम्परिंग कर तुरंत से बदल देता ईएमईआई नंबर

सिटी एसपी ने बताया कि पिछले कुछ महीने से जिले में मोबाइल गुम होने के सनहा व एफआईआर में दर्ज मोबाइल नंबरों का सुराग नहीं मिल रहा था। इसके बाद एक स्पेशल टीम बनाई गई। जांच में अलग-अलग मोबाइल में एक ही तरह के आईएमईआई नंबर का पता चला। इससे मोबाइल को ट्रेस करना मुश्किल हो रहा था। इसी दौरान टीम को मोबाइल दुकानदार के आईएमईआई नंबर बदलने की जानकारी मिली। टीम की छापेमारी में दुकान से यूक्रेन के पेंडुरा सॉफ्टवेयर से आईएमईआई नंबर को टेंपरिंग कर बदलने की जानकारी मिली।

विशेषज्ञ बोले

आईएमईआई नंबर बदलने से मोबाइल सर्च में नहीं आ पाता है। इससे मोबाइल रिकवर नहीं किया जा सकता है। कई बार एक ही आईएमईआई नंबर दो मोबाइल में हो जाते है। ऐसे में कोई व्यक्ति घटना करके मोबाइल बंद कर ले तो दूसरा निर्दोष पकड़ा जाएगा। फिर, उसे निर्दोष साबित करने के लिए अलग छानबीन करनी पड़ेगी। -सीमा डागर, डीएसपी सह साइबर थानेदार

एक ही नंबर के पांच मोबाइल से खुला राज

सिटी एसपी ने बताया कि बीते 2 फरवरी को सिकंदरपुर स्थित जर्दा फैक्ट्री मोहल्ले के रतन कुमार ने नगर थाना में शिकायत दर्ज कराई थी। बताया गया था कि जूरन छपरा स्थित जिला परिषद मार्केट जाने के दौरान मोबाइल खो गया। डीआईयू ने मोबाइल को आईएमईआई नंबर को ट्रैक किया तो पता चला कि एक ही आईएमईआई नंबर के पांच मोबाइल हैं और उसमें 32 सिम का इस्तेमाल हुआ है। उन मोबाइल नंबर के धारकों का सत्यापन किया गया। दो धारकों ने आवेदन दिया कि सरैयागंज टावर पर दुकानदार से मोबाइल बनवाया और उसी से पुराना मोबाइल खरीदे हैं। इसके बाद टेक्निकल टीम बनाकर दुकानदार को गिरफ्तार किया गया। पूछताछ में उसने आईएमईआई नंबर बदलने की बात स्वीकारी।

नंबर बदलकर ऊंची कीमत पर बेचते थे मोबाइल

मोबाइल का आईएमईआई नंबर स्थायी रूप से बदल जाने के बाद पुलिस उसे ढूंढ नहीं पाती थी। इसका फायदा शातिर उठा रहे थे। आईएमईआई नंबर बदल जाने के बाद शातिर चोरी के मोबाइल को ऊंची कीमत पर लोगों को बेच देते थे। ग्राहक को पता नहीं चलता था और पुलिस भी मोबाइल नहीं ढूंढ पाती थी।

रांची से ऑनलाइन खरीदा था सॉफ्टवेयर

सिटी एसपी ने बताया कि आरोपी ने पूछताछ में खुलासा किया कि यूक्रेन के ऑनलाइन सॉफ्टवेयर के बारे में जानकारी मिली थी। इसके बाद उसने रांची से सात हजार रुपए में सब्सक्रिप्शन लिया। उसे अपने डेस्कटॉप और लैपटॉप में इंस्टॉल किया। दुकान पर जो शातिर लॉक तोड़वाने पहुंचते उन्हें आईएमईआई नंबर बदलवाने की बात कहता था। इससे बाद उसका धंधा चल पड़ा। सिटी एसपी ने बताया कि आरोपी दुकानदार ने पिछले सात महीने में एक सौ से अधिक मोबाइल का नंबर बदलने की बात कही है। एक मोबाइल का नंबर बदलने के लिए दो से तीन हजार रुपए तक चार्ज लेता था।

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