सात साल के बच्चे के हत्यारे पति-पत्नी को आजीवन कारावास, ड्रम से मिली थी मासूम की लाश
नवादा के हिसुआ में सात साल के बच्चे की हत्या करने वाले पति और पत्नी को अदालत ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। दोनों आरोपियों ने आपसी रंजिश में बच्चे की हत्या कर उसके शव को ड्रम में छिपा दिया था।
बिहार के नवादा में सात साल के बच्चे की हत्या करने के दोषी एक दपंति को अदालत ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। पति-पत्नी के ऊपर 30 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। यह मामला करीब साढ़े तीन साल पुराना है। दोनों आरोपियों का बच्चों के पिता से विवाद था। आपसी रंजिश में मासूम की हत्या कर उसके शव को अपने ही घर में ड्रम के अंदर छिपा कर रख दिया था। पुलिस ने ड्रम से शव को बरामद किया था।
नवादा के चतुर्थ जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश विकास झा ने बुधवार को यह सजा सुनाई। हिसुआ थाना इलाके के ढेवरी गांव निवासी दोषी नीतीश कुमार और उसकी पत्नी संगीता देवी को जेल भेज दिया गया है। अपर लोक अभियोजक राम प्रताप लाल ने बताया कि यह मामला हिसुआ थाना में 10 जून 2021 को दर्ज हुआ था। ढेवरी गांव के रहने वाले अजीत चौरासिया का नीतीश कुमार के परिवार से पहले से विवाद चल रहा था।
नीतीश ने अजीत को धमकी दी थी कि वह उसके बच्चे को उठा लेगा। उस विवाद के बाद अजीत का सात साल का बेटा मनसुख वारदात के दिन गांव में एक शिक्षक के पास ट्यूशन पढ़ने गया। फिर वह लौटकर घर नहीं आया। इसके बाद पिता ने अपने बेटे के अपहरण की प्राथमिकी थाने में दर्ज कराई। पुलिस ने छानबीन की और आरोपी नीतीश कुमार के घर में रखे ड्रम से बच्चे की लाश बरामद की।
अदालत में गवाहों के दर्ज बयानों के आधार पर नीतीश कुमार और उसकी पत्नी को हत्या का दोषी करार देते हुए उन्हें मर्डर के आरोप में सश्रम आजीवन कारावास और 20 हजार रुपये के अर्थ दंड की सजा सुनाई। वहीं, शव को छिपाने के जुर्म में तीन साल का सश्रम कारावास एवं 10 हजार रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई गई।
जज ने अपने फैसले में यह कहा कि घर के आंगन में बच्चा रूपी पौधे को बढ़ने से पहले ही काट दिया गया। कोई भी माता-पिता अपने पुत्र के खोने का दर्द सहन नहीं कर पाते हैं। न्यायाधीश ने पीड़ित परिवार को सहायता राशि प्रदान करने के लिए सरकार से अनुशंसा भी की है।