NIA के घुसखोर डीएसपी की कैसे खुली पोल? CBI की पूछताछ में रॉकी ने उगला राज, मांगे थे 3 करोड़
डीएसपी के साले हिमांशु को जांच एजेंसी की टीम भभुआ में उस स्थान पर लेकर गई थी, जहां रॉकी यादव से इन्होंने 25 लाख रुपये घूस के तौर पर लिये थे। स्पॉट वेरिफिकेशन कर सभी तथ्यों पर जांच शुरू कर दी गई है।
सीबीआई ने एनआईए के डीएसपी अजय प्रताप सिंह समेत तीन लोगों को घूस कांड में गिरफ्तार करने के बाद रिमांड पर लेकर पूछताछ शुरू कर दी है। इन सभी के बैंक खातों को सीबीआई खंगालने में जुटी हुई है। हालांकि पूर्व एमएलसी मनोरमा देवी के बेटे रॉकी यादव ने पहले ही सीबीआई को डीएसपी के व्हाट्सएप कॉल की रिकॉर्डिंग और चैट को सौंप दी थी। इसी से अजय प्रताप के भ्रष्टाचार का पुख्ता प्रमाण मिला और उसके खिलाफ एक्शन लिया गया।
दरअसल, रविवार को डीएसपी के साले हिमांशु को जांच एजेंसी की टीम भभुआ में उस स्थान पर लेकर गई थी, जहां रॉकी यादव से इन्होंने 25 लाख रुपये घूस के तौर पर लिये थे। स्पॉट वेरिफिकेशन कर सभी तथ्यों पर जांच शुरू कर दी गई है। अब तक की जांच में यह तथ्य सामने आया है कि डीएसपी अजय प्रताप सिंह ने खुद को बचाने के लिए कई पैंतरे आजमाए थे, लेकिन काम कोई न आया। उनका व्हाट्सएप ऑडियो और वीडियो दोनों कॉल की रिकॉर्डिंग रॉकी यादव ने कराकर सीबीआई के समझ प्रस्तुत कर दी है। व्हाट्सएप चैट से लेकर अन्य कई दस्तावेज भी सुपुर्द किए हैं।
डीएसपी ने अपने साले समेत दो लोगों का मोबाइल नंबर दिया और इन्हें ही पैसे देने के लिए संपर्क करने के लिए कहा था। ये दोनों नंबर तक ट्रेस हो गए हैं। जांच एजेंसी अब इन मोबाइल नंबरों को खंगाल रही है। पता लगाया जा रहा है कि इस नेटवर्क में और कौन कौन लोग थे।
खुद की थार से घूस लेने पहुंचा डीएसपी का साला
जिस थार गाड़ी से डीएसपी का साला हिमांशु घूस के 25 लाख रुपये लेने मोहनियां के पास गया था। वह गाड़ी हिमांशु के नाम पर ही है। उसका निबंधन 7 फरवरी 2024 को वाराणसी से कराया गया था। इसी वजह से उस पर यूपी का नंबर दर्ज था। हिमांशु का ही नंबर देकर डीएसपी ने पैसे देने के लिए रॉकी को बोला था। इसकी पूरी वीडियो फुटेज भी सीबीआई को मिल गई है। हिमांशु का करीबी दीपू भी इस पूरे प्रकरण में अहम भूमिका निभा रहा था, उससे भी जांच एजेंसी कई पहलुओं पर पूछताछ कर रही है।
सीबीआई जांच में डीएसपी और उनके साले एवं सहयोगी के सभी बैंक खातों को खंगाल रही है। इसके आधार पर अवैध लेनदेन का पूरा कच्चा चिह्वा निकल जाएगा। उसके आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। फिलहाल अधिक से अधिक तथ्यों को जुटाने में सीबीआई लगी है।