मुसहर भुईयां होने पर गर्व है, लालू पर जीतन मांझी पर प्रहार; क्या कहा था RJD चीफ ने?
अपने सोशल मीडिया हंडल एक्स पर जीतनराम मांझी ने लिखा है- लालू जी, हम मुसहर-भुईयां हैं,हमारे पिता मुसहर-भुईयां थें,हमारे दादा मुसहर-भुईयां थें,हमारे परदादा मुसहर-भुईयां थें,हमारा तो पुरा खानदान ही मुसहर-भुईयां है। और हम तो गर्व से कहतें हैं कि “हम मुसहर,भुईयां हैं।
बिहार में जाति आधारित गणना के बाद जाति को लेकर सिसायत जारी है। आज स्थित यह है कि बिहार के दो बड़े नेता और पूर्व सीएम जाति के सवाल पर एक दूसरे के आमने सामने आ गए हैं। जाति को लेकर वार प्रतिवार का दौर जारी है। पहले जीतनराम मांझी ने लालू प्रसाद से यादव जाति से होने पर सवाल उठा दिया तो राजद सुप्रीमो ने हम प्रमुख पर पलटवार कर दिया। इस पर जीतनराम मांझी और गर्म हो गए और दलबल के साथ लालू यादव से भिड़ गए हैं। मांझी ने सोशल मीडिया पर पोस्ट डालकर लालू प्रसाद को नसीहत दी है वहीं हम पार्टी के प्रवक्ता ने तेजस्वी के पिता को तीन पीढ़ियों की वंशावजी सार्वजनिक करने की चुनौती दी है।एक समय ऐसा भी था जब जीतन मांझी लालू परिवार के काफी करीब थे।
अपने सोशल मीडिया हंडल एक्स पर जीतनराम मांझी ने लिखा है- लालू जी, हम मुसहर-भुईयां हैं,हमारे पिता मुसहर-भुईयां थें,हमारे दादा मुसहर-भुईयां थें,हमारे परदादा मुसहर-भुईयां थें,हमारा तो पुरा खानदान ही मुसहर-भुईयां है। और हम तो गर्व से कहतें हैं कि “हम मुसहर,भुईयां हैं। लालू यादव को तत्काल जवाब देने वाले जीतनराम मांझी के इस पोस्ट से बिहार में राजनीतिक हलचल बढ़ी हुई है।
इससे पहले भी जीतनराम मांझी नें लालू यादव को लेकर बड़ी बात कही थी। उन्होंने कहा का लालू प्रसाद यादव जाति से नहीं हैं बल्कि गरेड़ी हैं। उन्होंने कहा था कि अगर उनमें हिम्मत है तो वह भी कहकर दिखाएं कि हम गरेड़ी हैं। हम तो कहते हैं कि हम मुसहर हैं। कुछ दिन पहले लालू यादव के बेटे और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने दलित प्रेम के सवाल पर जीतनराम मांझी को जीतनराम शर्मा कह दिया था।
बुधवार को पत्रकारों ने जीतनराम मांझी के गरेड़ी वाले बयान पर लालू प्रसाद से सवाल पूछ लिया। पलटवार करते हुए लालू ने कहा- ऊ मुसहर है? राजद सुप्रीमो के इस इस छोटे से बयान पर बिहार की सियासत में घमाचान मच गया। जीतनराम मांझी दल बल के साथ मैदान में उतर गए। उनकी पार्टी के प्रवक्ता श्याम सुंदर शरण ने बड़ी बात कह दी। उन्होंने लालू प्रसाद को बड़ी चुनौती दे दी। अगर उनमें हिम्मत है तो अपनी तीन पीढ़ियों की वंशावली सार्वजनिक करें। उन्होंने कहा कि लालू प्रसाद अपनी पूरी राजनीति में दलित विरोधी हैं। दलितों को अपने पैरों की जूती समझा। जीतन राम मांझी को नरेंद्र मोदी ने केंद्र में मंत्री बना दिया तो उन्हें पच नहीं रहा है। उन्होंने कहा है कि जमीन के सर्वे में वंशावली की जरूरत भी है। लालू यादव उसे सबके सामने रखें। सबको पता चल जाएगा कि वे गरेड़ी हैं या यादव जाति के है।