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मदरसे में हिंदू बच्चे, पाकिस्तान की किताब और गैर इस्लामिकों को काफिर बता रहे; बिहार में बोर्ड पर उठे सवाल

रविवार को प्रियांक कानूनगो ने एक्स पर लिखा, ‘बिहार राज्य में सरकारी फ़ंडिंग से चलने वाले मदरसों में तालिमुल इस्लाम व ऐसी ही अन्य किताबें पढ़ाई जा रहीं हैं। इस किताब में ग़ैर इस्लामिकों को काफ़िर बताया गया है। इन मदरसों में हिंदू बच्चों को भी दाख़िला दिए जाने की सूचना मिली है।’

Nishant Nandan लाइव हिन्दुस्तान, पटनाMon, 19 Aug 2024 05:20 AM
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राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष प्रियांक कानूनगो ने बिहार में मदरसों को लेकर कई अहम सवाल उठाए हैं। प्रियांक कानूनगो ने अपने एक्स हैंडल पर यह भी कहा है कि इन मदरसों में हिंदू बच्चों को पढ़ाने की भी सूचना है। इतना ही नहीं मदरसों के पाठ्यक्रम पर सवाल उठाते हुए प्रियांक कानूनगो ने लिखा है कि जो किताबें बिहार के मदरसों में पढ़ाई जा रही हैं उनमें गैर इस्लामिकों को काफिर बताया गया है। रविवार को प्रियांक कानूनगो ने एक्स पर लिखा, 'बिहार राज्य में सरकारी फ़ंडिंग से चलने वाले मदरसों में तालिमुल इस्लाम व ऐसी ही अन्य किताबें पढ़ाई जा रहीं हैं। इस किताब में ग़ैर इस्लामिकों को काफ़िर बताया गया है। इन मदरसों में हिंदू बच्चों को भी दाख़िला दिए जाने की सूचना मिली है परंतु बिहार सरकार संख्या अनुपात की अधिकारिक जानकारी नहीं दे रही है।

हिंदू बच्चों को मदरसों से स्कूल में स्थान्तरित करने के सवाल पर बिहार मदरसा बोर्ड ने बताया कि मदरसे का पाठ्यक्रम UNICEF India ने तैयार किया है। यह UNICEF व मदरसा बोर्ड द्वारा किए जा रहे तुष्टिकरण की पराकाष्ठा है। बच्चों के संरक्षण के नाम पर दान में मिले और सरकारों से ग्रांट मिले पैसे से कट्टरवादी पाठ्यक्रम बनाना यूनिसेफ़ का काम नहीं है। RTE के इतर गतिविधि में फंड का दुरुपयोग भारत के संविधान व UNCRC का प्रत्यक्ष उल्लंघन है,..UN in India को इसकी जाँच करना चाहिए। यूएन को भी निगरानी करनी चाहिए।

प्रिस्क्राइब्ड पाठ्यक्रम में शामिल अनेक किताबें पाकिस्तान में छपवाई जाती हैं। इनके कांटेंट पर शोध जारी हैं। मदरसा किसी भी रूप में बच्चों की बुनियादी शिक्षा का स्थान नहीं है। बच्चों को स्कूल में पढ़ना चाहिए और हिंदू बच्चों को तो मदरसों में होना ही नहीं चाहिए, मदरसा बोर्ड भंग कर देने चाहिए।'

बिहार मदरसा बोर्ड ने दिया जवाब

उधर, बिहार मदरसा बोर्ड के चेयरमैन बी. कार्कितेय धनजी ने कहा कि आयोग से उन्हें ऐसी कोई रिपोर्ट नहीं मिली है। कार्कितेय धनजी ने कहा, ' एनसीपीसीआर की तरफ से हमारे पास कोई लिखित या मौखिक सूचना प्राप्त नहीं हुई है। जब तक हमारे पास सूचना नहीं मिलती है, तब तक मैं इस संबंध में कुछ नहीं बोल सकता हूं। अगर इस तरह की कोई रिपोर्ट है तो हमें सूचित करनी चाहिए।'

 

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