Hindi Newsबिहार न्यूज़Heavy water flow in Gandak river 50 villages of Gopalganj flood risk

Bihar Flood: गंडक में उफान से गोपालगंज के 50 गांवों पर खतरा, टूट सकता है सारण तटबंध

पतहरा में 24 घंटे में नदी का जलस्तर 1 मीटर बढ़ा है। जबकि टंडसपुर में भी नदी का जलस्तर खतरे के निशान के करीब पहुंच गया है। नदी के जलस्तर में हो रही तेजी से हो रही वृद्धि से तटवर्ती 50 से अधिक गांवों में शनिवार देर रात या रविवार की सुबह तक पानी फैलने की आशंका है।

Sudhir Kumar हिन्दुस्तानSun, 29 Sep 2024 01:35 PM
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Bihar Flood: नेपाल के पहाड़ी और तराई इलाके में पिछले तीन दिनों से हो रही अति भारी वर्षा से गंडक नदी उफान पर है। नदी के जलस्तर में बहुत तेजी से वृद्धि हो रही है। शनिवार की देर शाम आठ बजे वाल्मीकि नगर बराज से गंडक में 5 लाख 48 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया। जबकि नेपाल के देवाघाट से अधिकतम साढ़े छह लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया। इससे अगले दो दिनों में जिले के गोपालगंज सदर, बरौली, मांझागढ़, सिधवलिया और बैकुंठपुर के तटवर्ती करीब 50 गांवों में भीषण बाढ़ आने की आशंका है। पानी के अत्यधिक दबाव से सारण तटबंध और जमींदारी बांध पर भी खतरा उत्पन्न होने का अंदेशा है। जल संसाधन विभाग के इंजीनियर और प्रशासनिक पदाधिकारी तटबंधों पर कैंप कर हालात पर नजर रख रहे हैं।

डीएम मो. मकसूद आलम,सदर अनुमंडल पदाधिकारी डॉ. प्रदीप कुमार,आपदा प्रबंधन विभाग के अपर समाहर्ता सादुल हसन,एसडीओ अभय कुमार रंजन,जल संसाधन विभाग के कार्यपालक अभियंता प्रमोद कुमार ने सत्तर घाट में तटबंध का निरीक्षण किया। डीएम ने तटबंध की सुरक्षा को लेकर संबंधित पदाधिकारियों को अहम निर्देश दिए। शुक्रवार को बराज से नदी में छोड़ा गया करीब तीन लाख क्यूसेक पानी जिले के पतहरा से होकर गुजर रहा है।

साढ़े पांच लाख क्यूसेक पानी आने पर टूटा था तटबंध

जिले का सारण तटबंध व राजस्व बांध चार से पांच लाख क्यूसेक पानी का दबाव नही झेल पाता है। 2017 में 5 लाख 24 हजार क्यूसेक पानी नदी में छूटने पर बरौली के परसौनी, सदौवा समेत बैकुंठपुर प्रखंड के आधे दर्जन स्थानों पर तटबंध व छरकी ध्वस्त हो जाने से जिलेवासियों को भीषण बाढ़ का सामना करना पड़ा था। जबकि 2020 में 4 लाख 36 हजार क्यूसेक पानी का दबाव देवापुर-पुरैना छरकी व सारण बांध सह नहीं पाया था। जिससे सारण प्रमंडल के 2 सौ से अधिक गांव बाढ़ के चपेट में आ गए थे।

पतहरा में 24 घंटे में नदी का जलस्तर 1 मीटर बढ़ा है। जबकि टंडसपुर में भी नदी का जलस्तर खतरे के निशान के करीब पहुंच गया है। नदी के जलस्तर में हो रही तेजी से हो रही वृद्धि से तटवर्ती 50 से अधिक गांवों में शनिवार देर रात या रविवार की सुबह तक पानी फैलने की आशंका है।

दियारे वासियों से ऊंचे स्थानों पर जाने की अपील

बाढ़ के मद्देनजर नदी तटवर्ती गांवों के लोगों को सतर्क किया जा रहा है । ग्रामीणों से ऊंचे स्थानों पर चले जाने की अपील कर रहे हैं। बाढ़ प्रभावित प्रखंडों के सीओ-बीडीओ व इंजीनियर लगातार दियारा क्षेत्र का दौरा कर ग्रामीणों को आगाह कर रहे हैं। जलसंसाधन विभाग की ओर से बांध और छरकियों के बचाव और निगरानी के 35 से अधिक इंजीनियरों टीम लगायी गई है।

आपात स्थिति से निपटने के लिए 2 सौ से ज्यादा मजदूरों की तैनाती की गई । सारण मुख्य बांध पर बालू की बोरी भरकर भंडारण किया गया है। जलस्तर के खतरे के निशान के ऊपर पहुंच जाने के बाद गंडक में नाव के परिचालन पर रोक लगा दी गई है। देवाघाट से छोड़ा गया पानी 24 घंटे में पहुंचेगा वाल्मीकिनगर स्थित गंडक बराज से रविवार की सुबह 6 लाख क्यूसेक से भी अधिक पानी छूटने का अंदेशा है। नेपाल स्थित गंडकी नदी के जलग्रहण क्षेत्रों में शनिवार को भी भारी बारिश हो रही है। नेपाल स्थित देवघाट बराज से छोड़ा गया करीब साढ़े छह लाख क्यूसेक पानी 24 घंटे में वाल्मीकि नगर बराज से गुजरेगा। सोमवार की सुबह पानी के गोपालगंज में पहुंचने की आशंका है।

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