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दाखिल-खारिज से लेकर रसीद और पट्टा तक फर्जी, सरकारी टीचर मास्टरमाइंड, गिरोह ने कइयों को लगाया चूना

सीओ ने बताया कि दोनों लोग साथ मिलकर जमीन के दाखिल-खारिज, रसीद और पट्टा तैयार करते थे। एवं भोले भाले ग्रामीणों से मोटी रकम लेकर उन्हें पता हुआ जमीन का रसीद उपलब्ध कराते थे।

Nishant Nandan हिन्दुस्तान, पश्चिमी चंपारणSun, 17 Nov 2024 11:53 AM
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बिहार में जमीन के फर्जी दस्तावेज बनाने वाले गिरोह का पर्दाफाश हुआ है। गंभीर बात यह भी है कि इस गिरोह का मास्टरमाइंड एक सरकारी शिक्षक है। पश्चिमी चंपारण के बगहा में इस गिरोह ने कई लोगों को ठगा है। अब जमीन के फर्जी दस्तावेज तैयार करने वाले गिरोह का खुलासा कर दो लोगों को चौतरवा से गिरफ्तार किया गया है। बगहा-1 सीओ नर्मदा श्रीवास्तव ने गुप्त सूचना पर चौतरवा में छापेमारी कर गिरोह के मास्टरमाइंड सरकारी शिक्षक किसुनदेव प्रसाद और उसके सहयोगी खोभरी साह को गिरफ्तार किया है।

यह गिरोह लोगों से लाखों रुपये ठगकर जमीन का नकली कागजात तैयार करता था। सीओ ने बताया कि चौतरवा निवासी योगेश कुमार साह के घर से गिरोह के सदस्य फर्जी कागजात बनाने का रैकेट चलाते थे। छापेमारी में कंप्यूटर, दो मोबाइल और जमीन से जुड़े कई फर्जी कागजात बरामद किए गए है। चौतरवा के थानाध्यक्ष संजीत कुमार ने बताया कि सीओ ने योगेश कुमार साह के घर पर छापेमारी की थी। वहां से किसुनदेव प्रसाद शिक्षक के साथ बैरिया थाना के तधवा नंदपुर गांव निवासी मुकेश कुमार को गिरफ्तार किया गया है।

सीओ ने बताया कि दोनों लोग साथ मिलकर जमीन के दाखिल-खारिज, रसीद और पट्टा तैयार करते थे। एवं भोले भाले ग्रामीणों से मोटी रकम लेकर उन्हें पता हुआ जमीन का रसीद उपलब्ध कराते थे। पतिलार हाता टोला निवासी सत्यनारायण कोइरी की पत्नी सहोदरा देवी ने 19 हजार रुपये पतिलार के असर्फी यादव के पुत्र कमलेश यादव से 20 हजार रुपये व लगुनाहा के किशोर यादव ने 20 हजार रुपया आरोपितों को दिया था। इसके साथ ही बहुत सारे लोग से भी गिरोह ने ठगी की है। उन्होंने ने बताया कि गिरोह द्वारा नकली कागजात तैयार कर भोले-भाले ग्रामीणों को जमीन का मालिकाना हक देने का झांसा दिया जाता था। इस प्रक्रिया में लाखों की ठगी की गई। शुरुआती जांच में पता चला है कि यह गिरोह लंबे समय से सक्रिय था। चौतरवा थाना के एसआई प्रमोद कुमार, आरओ विकास कुमार और सीओ नर्मदा श्रीवास्तव की टीम इस मामले की जांच कर रही है।

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