टेक्नोलॉजी आधारित पाठ सहायक सामग्री पर निर्भरता अच्छे संकेत नहीं
गया कॉलेज के शिक्षा शास्त्र विभाग में सोमवार को पाठ सहायक सामग्री पर कार्यशाला आयोजित की गई। इस कार्यशाला में एम एड प्रशिक्षुओं ने विभिन्न प्रकार की पाठ सहायक सामग्रियों का निर्माण किया। विभागाध्यक्ष...
गया कॉलेज के शिक्षा शास्त्र विभाग में सोमवार को पाठ सहायक सामग्री पर कार्यशाला का आयोजन किया गया। दक्षिण बिहार केंद्रीय विश्वविद्यालय शिक्षा पीठ के एम एड प्रशिक्षुओं की ओर से आयोजित कार्यशाला में विषय से संबंधित विभिन्न प्रकार की पाठ सहायक सामग्रियों का निर्माण किया गया। विभागाध्यक्ष डॉ. धनंजय धीरज ने कहा कि हमें अधिक से अधिक स्व निर्मित पाठ सहायक सामग्री का उपयोग पढ़ाई-लिखाई में करना चाहिए। पाठ सहायक सामग्री के प्रयोग से जटिल से जटिल प्रकरणों का अध्यापन भी सरल रूप में किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि टेक्नोलॉजी आधारित पाठ सहायक सामग्री पर हमारी बढ़ती हुई निर्भरता भविष्य के लिए अच्छे संकेत नहीं है। संसाधनों के अभाव व ऊर्जा स्रोतों की कमी के कारण हम ऐसे संसाधनों का प्रयोग करने से वंचित रह जाते हैं। लेकिन स्व निर्मित पाठ सहायक सामग्री एक ओर जहां निर्माणकर्ता के अंदर सृजनशीलता का विकास करती है तो वहीं दूसरी ओर विद्यार्थियों को भी वैसी पाठ सहायक सामग्री के निर्माण के लिए अभीप्रेरित करती है।
इंटर्नशिप कोऑर्डिनेटर डॉ. आरएन प्रियदर्शनी ने कहा कि इस कार्यशाला के आयोजन में सीयूएसबी शिक्षा पीठ के विद्यार्थियों की भूमिका अहम। सहायक प्राध्यापक अभिषेक कुमार ने कहा कि यह कार्यशाला समान रूप से सभी मेथड के विद्यार्थियों के लिए उपयोगी साबित हुई है। सभी ने अपने-अपने विषयों में पाठ सहायक सामग्री का निर्माण किया है। सहायक प्राध्यापक अजय शर्मा ने कहा कि यह कार्यशाला विद्यार्थियों के अंदर सृजनशीलता का समावेश करेगी और नवाचारी पाठ सहायक सामग्री निर्माण में मदद करेगी। सहायक प्राध्यापक अमरेंद्र कुमार व निखत परवीन ने कहा कि ऐसे कार्यशालाओं से प्रशिक्षुओं का सर्वांगीण विकास होता है। कार्यशाला समन्वयक सहायक प्राध्यापक डॉ. सदरे आलम ने धन्यवाद ज्ञापित किया।
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