शेरघाटी में पैक्स की सदस्यता के लिए ग्रामीणों में मची होड़
शेरघाटी में आगामी नवम्बर में होने वाले पैक्स चुनावों के पहले ग्रामीणों में सदस्यता के लिए होड़ लगी है। मलहारी पैक्स के सदस्यों ने आरोप लगाया कि स्थानीय अध्यक्ष उनके दावों को निराधार बताकर रद्द कर रहे...
आगामी नवम्बर में संभावित पैक्स (प्राइमरी एग्रीकल्चर क्रेडिट सोसायटी) चुनावों के पूर्व शेरघाटी के गांवों में पैक्स सदस्य बनने की ग्रामीणों में होड़ लगी है। पैक्स या पंचायत के स्तर के पर सदस्यता दावा रद्द होने पर बड़ी संख्या में लोग शिकायत अपील की सुनवाई के लिए शेरघाटी में सहयोग समितियों के सहायक निबंधक के दफ्तर में पहुंच रहे हैं। सोमवार को शेरघाटी स्थित सहायक निबंधक के दफ्तर में अपनी शिकायतें लेकर बड़ी संख्या में पहुंचे इमामगंज प्रखंड के मलहारी पैक्स के सदस्यों ने बताया कि स्थानीय पैक्स अध्यक्ष द्वारा उनके सदस्यता दावे को बेतुका बहाना बनाकर रद्द कर दिया जा रहा है। ग्रामीणों को सदस्य बनाने में पैक्स अध्यक्ष की बड़ी भूमिका है। इसे पैक्स पर कब्जे से जोड़ कर भी देखा जा रहा है।
ग्रामीणों की क्या है शिकायत
मलहारी पैक्स के विश्रामपुर टोला फतेहपुर से आए वृद्ध किसान रामराम यादव ने बताया कि पैक्स का सदस्य नहीं होने के कारण उन्हें दस रुपये किलो अपना धान बाजार में बेचना पड़ रहा है, जबकि पैक्स में 19 रुपये की दर से खरीदारी होती है। उन्हें सदस्य भी नहीं बनने दिया जा रहा है। वह शिकायत अपील की सुनवाई के लिए यहां पहुंचे हैं। ऐसी ही शिकायत कादिरगंज की सुनीता देवी और मलहारी के संतोष प्रसाद ने की। ग्रामीणों के साथ आए मुखिया प्रतिनिधि विजय कुमार यादव का कहना था कि सदस्यता के लिए ऑनलाइन अप्लाइ करने वाले ग्रामीणों का आवेदन रद्द कर दिया जा रहा है।
क्या कहते हैं जिम्मेवार
मौके पर मौजूद मलहारी पैक्स के प्रबंधक निर्मल कुमार ग्रामीणों की शिकायतों का प्रतिवाद करते हुए कहते हैं कि नियमसंगत नहीं होने के कारण आवेदन रद्द किए जाते हैं। इधर सहायक निबंधक की अनुपस्थिति में ग्रामीणों की सुनवाई कर रहे बीसीओ प्रदीप कुमार कहते हैं कि ग्रामीणों से ताजा आवेदन लिए गए हैं, जांच परख कर उनके नाम सदस्यता सूची में जोड़े जाएंगे।
साढ़े सात हजार पैक्सों के होंगे चुनाव
पाठकों को मालूम होगा कि राज्य में 8 हजार 463 पैक्स हैं, जिनमें से साढ़े सात हजार पैक्सों के चुनाव नवम्बर में प्रस्तावित हैं। सूबे के सहकारिता मंत्री प्रेम कुमार ने भी नवम्बर में पैक्स चुनावों की संभावना जतायी थी। इसी हिसाब से सहकारिता विभाग और राज्य चुनाव प्राधिकार भी चुनाव की तैयारियों में जुटा है। साढ़े सत्रह सौ से ज्यादा पैक्सों से चुनाव के प्रस्ताव भी निर्वाचन प्राधिकार को प्राप्त हो चुके हैं। राज्य के पैक्सों में अभी एक करोड़ 40 लाख सदस्य हैं। जबकि 54 हजार से ज्यादा सदस्यता पर निर्णय आना बाकी है।
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