धर्म का सार अच्छे आचरण में है निहित : जीतनराम मांझी
फोटो न्यूज • चीवरदान बोधगया, निज प्रतिनिधि। प्रकृति किसी के साथ भेद नहीं

प्रकृति किसी के साथ भेद नहीं करती तो फिर समाज में जाति और धर्म का भेद क्यों होता है। धर्म का सार अच्छे आचरण में निहित है। उक्त बातें शनिवार बोधगया में महाबोधि सोसाइटी ऑफ इंडिया के सभागार में आयोजित तीन दिवसीय 11वां धर्म संस्कृति संगम कार्यक्रम के दूसरे दिन भारत सरकार में लघु, कुटीर एवं मध्यम उपक्रम विभाग के मंत्री जीतनराम मांझी ने कही। उन्होंने समाज को विभाजन से ऊपर उठकर मानवता के भाव को अपनाने का आह्वान किया। आरएसएस के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य डॉ. इंद्रेश कुमार ने अपने संबोधन में कहा कि जाति, धर्म और उपजातियों के बावजूद लोग एक साथ प्रेमपूर्वक रह सकते हैं।
एक-दूसरे के प्रति आदर और सम्मान का भाव किसी भी विवाद को जन्म नहीं लेने देता। उन्होंने बोधगया की धार्मिक सौहार्द्र और पर्यावरण की प्रशंसा करते हुए कामना किया कि भारत में सद्भाव, करुणा और मैत्री का प्रसार हो। ''भारत: सर्वधर्म समभाव की जननी'' विषय पर आयोजित विचार गोष्ठी में संतों और बौद्ध भिक्षुओं ने अपने-अपने विचार साझा किया। बौद्ध भिक्षुओं को किया गया चीवरदान कार्यक्रम के दौरान विभिन्न बौद्ध मठों से आए करीब दो सौ बौद्ध भिक्षुओं को दक्षिणा के साथ चीवरदान किया गया। इसके बाद सभी को संघदान कराया गया। कार्यक्रम के पहले डॉ इंद्रेश कुमार ने महाबोधि मंदिर में भगवान बुद्ध को मत्था टेका और विश्व शांति का आवाह्न किया। इस दौरान उन्होंने पवित्र बोधिवृक्ष का दर्शन किया और कुछ पल साधना में व्यतीत किया। मंच संचालन अनूप केडिया ने किया। कार्यक्रम में भिक्षु प्रज्ञादीप, भिक्षु डॉ दीनानंद, डॉ. माधवी तिवारी, पूर्व सांसद हरि मांझी, आयोजन समिति के अध्यक्ष संजय कुमार सिंह, भाजपा नेता अनिल स्वामी, श्यामा सिंह, डॉ. राधाकृष्ण मिश्र, सुरेन्द्र गुप्ता, डॉ. शैलेन्द्र कुमार, संतोष कुमार सहित अन्य मौजूद थे।
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