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सोनदाह डैम का एक्जीक्यूटिव इंजीनियर ने की जांच

जिलाधिकारी डॉ. त्यागराजन के निर्देश पर इंजीनियर हरेन्द्र कुमार ने सोनदाहा डैम का निरीक्षण किया। ग्रामीणों को फसल और गांव डूबने की आशंका है। पइन खुदाई में अनियमितता से पानी नहीं आ सका। हर वर्ष सूखे से...

Newswrap हिन्दुस्तान, गयाSat, 31 Aug 2024 12:34 PM
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जिलाधिकारी डॉ. त्यागराजन के निर्देश पर शनिवार को लघु सिंचाई के एक्जीक्यूटिव इंजीनियर हरेन्द्र कुमार ने झरी पंचायत के सोनदाहा डैम का निरीक्षण किया। उन्होंने बांकेबाजार के सरवहना नदी से डैम में पानी आने में बने गतिरोध का भी अवलोकन किया। इस दौरान कई किमी पैदल चलकर बांकेबाजार के सोनदाहा व बारा गांव पहुंचे और ग्रामीणों से बात की। फसल व गांव डूब जाने की ग्रामीणों को है आशंका

ग्रामीणों ने बताया कि डैम में पानी ले जाने के लिए सरवहना नदी में पुल या चहका का निर्माण करना होगा। इससे नदी के पानी में रुकावट होने से उनका गांव डूब सकता है और फसलें चौपट हो जायेगी। इसका वे सालों से विरोध करते आ रहे हैं।

करोड़ों रुपए की लागत से खुदवाई गई थी पइन

शेरघाटी के पूर्व विधायक विनोद प्रसाद यादव के प्रयास के बाद करीब छह वर्ष पूर्व सरवहना नदी से डैम तक पइन की खुदाई कराई गई थी। लघु सिंचाई से इस पइन की खुदाई में करीब तीन करोड़ रूपए खर्च आए थे। लेकिन किसानों का आरोप है कि खुदाई में अनियमितता बरती गई थी। जिस वजह करोड़ों रुपए खर्च के बाद भी नदी का पानी डैम में नहीं आ सका।

हर वर्ष सूखे का करना पड़ रहा सामना

भोली यादव, वसंत प्रसाद, कृष्णा ठाकुर, बलीराम वर्मा, विनय सिंह आदि किसानों ने बताया कि सिंचाई के अभाव में हर वर्ष फसलें मारी जा रही है। इससे उनकी आर्थिक स्थिति बेहद खराब हो गई है। कहा डैम में नदी के पानी आ जाने से उन्हें सूखे से मुक्ति मिल जाएगी। आमस, झरी, बड़की चिलमी और आमस पंचायत के हजारों एकड़ भूमि की सिंचाई हो सकेगी। साथ ही करीब 40 सालों का डैम में पानी आने की वाट जोह रहे सपना साकार हो जायेगी। जांच के दौरान शालिग्राम यादव, मोहरा यादव, सोहराइ यादव, रामपाल मिस्त्री, नागेंद्र यादव, उपेंद्र यादव, राजेश दास, रामदेव भुइयां, विष्णुपत भुइयां आदि ग्रामीण व किसान भी रहे।

कोट

नदी से डैम में पानी लाने के लिए की गई जांच रिपोर्ट तैयार कर जिलाधिकारी को सौंपी जाएगी। नदी के उपर बने साइफान टूट चुके हैं। जिसे बनवाने की मांग करेंगे। ताकि शीघ्र टेंडर प्रक्रिया शुरू हो सके।

- हरेन्द्र कुमार, एक्जीक्यूटिव इंजीनियर लघु सिंचाई

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