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Bihar Flood: अब तिरहुत तटबंध पर खतरा, गंगा और गंडक का बढ़ा जलस्तर तो बालू-मिट्टी डाल तबाही रोकने की कोशिश; डटे इंजीनियर

Bihar Flood: वहीं गंगा नदी गांधी घाट में खतरे के निशान से 40 सेमी ऊपर बह रही थीं। जिन इलाकों से पानी उतर गया था, दोबारा पानी चढ़ने लगा है। बढ़ रहे जलस्तर को लेकर संभावित खतरे को देखते हुए तिरहुत तटबंध पर चौकसी बढ़ा दी गई है।

Nishant Nandan हिन्दुस्तानTue, 1 Oct 2024 10:03 AM
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Bihar Flood: बाल्मिकी नगर बैराज से शनिवार को 5 लाख 62 हजार क्यूसेक जो पानी छोड़ा गया था। उसका असर सोमवार की शाम से लालगंज, वैशाली और हाजीपुर प्रखंडों के तिरहुत तटबंध पर दिखने लगा है। खंजहाचक से लेकर घटारो, रामबाग तक गंडक नदी का पानी तिरहुत तटबंध में सट गया है। स्लूइस गेट बंद है। फिर भी नदी का पानी रिसकर बांध की दूसरी तरफ नामीडीह, वसंता आदि गांवों के खेतों में पहुंच गया है। बांध के अंदर बोई गई धान और गोभी की फसल डूब गई है। गंडक नदी के जलस्तर में वृद्धि से गंगा नदी का जलस्तर भी बढ़ रहा है। लालगंज में सोमवार को गंडक खतरे के निशान से करीब एक मीटर ऊपर बह रही थीं।

वहीं गंगा नदी गांधी घाट में खतरे के निशान से 40 सेमी ऊपर बह रही थीं। जिन इलाकों से पानी उतर गया था, दोबारा पानी चढ़ने लगा है। बढ़ रहे जलस्तर को लेकर संभावित खतरे को देखते हुए तिरहुत तटबंध पर चौकसी बढ़ा दी गई है। तिरहुत तटबंध पर पानी के दवाब वाले स्थानों पर ट्रैक्टर से बालू के बोरे गिराए गए हैं। सीपेज प्वाइंट पर दर्जनों मजदूरों की तैनाती की गई है। मुख्य अभियंता, अधीक्षण अभियंता, कार्यपालक अभियंता, सहायक अभियंता, कनीय अभियंता के साथ ही रतवारा कैनाल, हाजीपुर , मुजफ्फरपुर ड्रेनेज के कार्यपालक अभियंता, सहायक अभियंता, कनीय अभियंता की तिरहुत तटबंध पर तैनात किए गए हैं। बांस जाल में मिट्टी, बालू भरा बोरा डालकर हाथी पांव बनाकर डाला गया है। टेंट, तिरपाल लगाकर गंडक परियोजना के कर्मी वहा कैंप कर रहें हैं। जल निस्सरण प्रमंडल के विभागीय अभियंता के साथ ही प्रशासनिक पदाधिकारी तटबंध का निरीक्षण कर रहे हैं।

लालगंज में देर रात और उफान की संभावना

लालगंज के बलहा वसंता में तिरहुत तटबंध का निरीक्षण किया और सुरक्षा के मध्यनजर आवश्यक निर्देश दिए। शनिवार को गंडक नदी में 5 लाख 62 हजार क्यूसेक पानी छोड़े जाने से गंडक जलस्तर लगातर बढ़ रहा है। सोमवार की देर शाम लालगंज में खतरे के निशान से एक मीटर ऊपर हो गया है। जो सोमवार की रात तक और बढ़ने की उम्मीद है। नेपाल सहित गंडक नदी के जलग्रहण क्षेत्र में भारी वर्षा होने के कारण बाल्मीकिनगर बैराज से शनिवार को 5 लाख 62 हजार क्यूसेक जो पानी छोड़ा गया था। वही पानी सोमवार की देर शाम रेवा, लालगंज पहुंच गया है।

वार्ड ग्यारह और चौदह में ज्यादा परेशानी

वार्ड संख्या एक स्थित नवसृजित प्राथमिक विद्यालय चकपिताम्बर पूरी तरह जलमग्न है। बाढ़ पीड़ित मिन्ता देवी ने बताया कि वे चार बच्चों के साथ किसी तरह गुजर बसर कर रही हैं। सलेमपुर पंचायत के वार्ड संख्या ग्यारह और चौदह जो दियारा इलाके में है। पूरी तरह जलमग्न हो चुका है। यहां नवसृजित प्राथमिक विद्यालय, पूर्व मंत्री सुरेश शर्मा का फार्म हाउस सहित सैकड़ों घर जलमग्न हो चुके हैं। घर में रखा लाखों रुपए का सामान, वस्त्रत्त्, अनाज, मवेशियों का चारा डूब चुका है। किसान सैकड़ों की संख्या में मवेशी के साथ पलायन कर गए। वहीं जलस्तर में वृद्धि होते ही सोमवार की सुबह चकअलहलाद पंचायत के सिमरा गांव स्थित स्लूइस गेट के समीप बांध से रिसाव होना शुरू हो गया।

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