Cyber Crime : 14 महीने में साइबर फ्रॉड के 24 केस हुए दर्ज, एक का भी नहीं हुआ खुलासा; पटना में सबसे ज्यादा FIR
एससीआरबी की वेबसाइट के अनुसार पटना रेल साइबर थाने में सर्वाधिक 21 केस दर्ज हैं। वहीं मुजफ्फरपुर में दो, और कटिहार में एक केस दर्ज हैं, जबकि बीते 14 महीने में रेल जिला जमालपुर के रेल साइबर थाना में एक भी केस दर्ज नहीं हुआ है।
रेलवे में भी साइबर फ्रॉड के मामले रोज बढ़ रहे हैं। ट्रेन से मोबाइल चोरी कर उसमें इंस्टॉल यूपीआइ व इंटरनेट बैकिंग से छेड़छाड़ की शिकायतें सामने आ रही हैं। इसे रोकने और शातिरों पर कार्रवाई को पुलिस मुख्यालय ने जिलों की तर्ज पर जून 2023 में सभी चार रेल जिले में एक-एक रेल साइबर थाना खोला था। करीब 14 महीने में रेल साइबर थाने में 24 केस दर्ज किए गए, पर एक का भी खुलासा नहीं हो सका है।
एससीआरबी की वेबसाइट के अनुसार पटना रेल साइबर थाने में सर्वाधिक 21 केस दर्ज हैं। वहीं मुजफ्फरपुर में दो, और कटिहार में एक केस दर्ज हैं, जबकि बीते 14 महीने में रेल जिला जमालपुर के रेल साइबर थाना में एक भी केस दर्ज नहीं हुआ है। जिन थानों में केस दर्ज हुए वहां एक भी मामले में चार्जशीट तो दूर, रेल पुलिस किसी शातिर को नहीं पकड़ सकी है। सिर्फ कुछ मामलों में राशि होल्ड कराई गई है। साइबर थानों में प्रतिनियुक्त आईटी विशेषज्ञ व अन्य मौखिक रूप से लगाए गए हैं।
इससे साइबर रेल थाने में दर्ज फ्रॉड के मामलों की जांच ठप पड़ी है। मुजफ्फरपुर के प्रभारी उमेश कुमार ने बताया कि दो केस दर्ज हैं। दोनों में पैसों होल्ड कराया गया है। शातिर की गिरफ्तारी को हरियाणा में छापेमारी की गई पर वह फरार हो गया। पुलिस जल्द उस तक पहुंचेगी।
पीड़ित भी नहीं आते साइबर थाना जानकारी लेने
समय अधिक बीतने पर पीड़ित भी रुपये की रिकवरी की उम्मीद छोड़ देते हैं। वह थाना पर नहीं आते हैं। मालूम हो कि, रेल साइबर थाना के थानेदार भी प्रभार में ही हैं। ऐसे में वह अपनी नियमित ड्यूटी पर अधिक ध्यान देते हैं। इससे रेल साइबर थानों में दर्ज केसों की नियमित मॉनिटरिंग नहीं हो पा रही है। जिलों में स्थापित साइबर थानों की सफलता दर 70 फीसदी से अधिक बताई गई है। वहीं रेल साइबर थाने की सफलता दर शून्य है।
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