Hindi Newsबिहार न्यूज़Five school students arrested for making reels with gun viral on social media

स्कूल में हथियार के साथ रील्स बनाकर वायरल की, पांच छात्रों को पकड़ ले गई पुलिस

भोजपुर जिले के बड़हरा में स्कूली छात्रों ने बंदूक के साथ रील्स बनाकर उसे सोशल मीडिया पर वायरल कर दी। हेडमास्टर की शिकायत पर पुलिस ने पांच छात्रों को पकड़ लिया।

Jayesh Jetawat हिन्दुस्तान, आराSat, 19 Oct 2024 07:08 PM
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बिहार के स्कूलों में हथियारों का चलन बढ़ता जा रहा है। ताजा मामला भोजपुर जिले का है, जहां एक सरकारी स्कूल में छात्रों ने बंदूक के साथ रील्स बनाकर सोशल मीडिया पर पोस्ट कर दी। जब हेडमास्टर को पता चला तो उन्होंने पुलिस से शिकायत की। पुलिस ने तुरंत एक्शन लेते हुए रील्स बनाने वाले पांच नाबालिग छात्रों को हिरासत में ले लिया। यह मामला बड़हरा थाना इलाके के पैगा गांव स्थित उत्क्रमित मध्य विद्यालय का है। पुलिस ने रील्स बनाने में इस्तेमाल किए गए देसी कट्टा को भी बरामद कर लिया गया।

जानकारी के मुताबिक पकड़े गए बच्चे अलग-अलग गांव के बताए जा रहे हैं। एसपी की ओर से शुक्रवार को इस मामले की पुष्टि की गई। उन्होंने बताया कि हेडमास्टर की ओर से शिकायत की गई कि कुछ बच्चे स्कूल में हथियार के साथ वीडियो बना रहे हैं और उसे सोशल मीडिया पर पोस्ट कर रहे हैं। इससे स्कूल का अनुशासन भंग हो रहा है और अन्य बच्चों में दहशत का माहौल बन रहा है। मामले को गंभीरता से लेते हुए एसपी ने बड़हरा थानाध्यक्ष को तत्काल कार्रवाई करने का निर्देश दिया।

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पुलिस की ओर से वीडियो के जरिए रील्स बनाने में शामिल पांच नाबालिग छात्रों की पहचान की गई। इसके बाद पांचों को हिरासत में ले लिया गया। छात्रों की निशानदेही पर पुलिस ने रील्स बनाने में लिप्त हथियार को भी बरामद किया। सभी बच्चों को कोर्ट के आदेश पर न्यायिक हिरासत में भेजा गया है। एसपी ने बताया कि बच्चों से पूछताछ के आधार पर उन्हें देसी कट्टा मुहैया कराने वाले लोगों की पहचान की जा रही है। उनके खिलाफ भी सख्त कार्रवाई की जाएगी।

पुलिस ने आम लोगों से भी अपने बच्चों की निगरानी करने की अपील की है। ताकि बच्चे आपराधिक गिरोह के चंगुल में आने एवं अपराध के दलदल में फंसने से बच सकें। एसपी ने कहा कि थोड़ी सी लापरवाही छोटी उम्र के बच्चों पर भारी पड़ सकती है। पढ़ने लिखने की उम्र में बच्चे किताबों के बदले सोशल मीडिया पर हथियारों का प्रदर्शन कर रहे हैं। यह काफी चिंताजनक है, इससे बच्चों का भविष्य बर्बाद हो रहा है।

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