देश में भारतीय न्याय संहिता के तहत दर्ज केस में पहली सजा, ट्रिपल मर्डर में दो को उम्रकैद
उम्र कैद की सजा के साथ-साथ 25-25 हजार रुपये का जुर्माना भी अदालत ने आरोपियों पर लगाया है। अदालत ने अपने आदेश में यह भी कहा है कि जुर्माना नहीं देने पर यह सजा छह माह के लिए बढ़ जाएगी
केंद्र सरकार द्वारा बनाए गए नए कानून भारतीय न्याय संहिता (BNS)के तहत पहली बार अदालत ने आरोपियों को सजा दी है। नए कानून के लागू होने के बाद पहली बार बिहार के सारण जिले में छपरा कोर्ट ने गुरुवार को हत्या के जुर्म में दो आरोपितों को उम्र कैद की सजा सुनाई। उम्र कैद की सजा के साथ-साथ 25-25 हजार रुपये का जुर्माना भी अदालत ने आरोपियों पर लगाया है। अदालत ने अपने आदेश में यह भी कहा है कि जुर्माना नहीं देने पर यह सजा छह माह के लिए बढ़ जाएगी। बता दें कि हत्या के जुर्म में 50 दिनों के अंदर दो आरोपितों को उम्र कैद की सजा सुना दी गई है। छपरा कोर्ट के एडिशनल डिस्ट्रिक्ट और सेशन जज पुनीत कुमार ने दोषियों को सजा सुनाई है।
इस लिहाज से बिहार का सारण जिला नए कानून के तहत सजा दिलाने में देश का पहला जिला बन गया है। इस तिहरे हत्याकांड में पुलिस ने 14 दिनों के अंदर आरोप पत्र दाखिल किया था। इस मामले में रसूलपुर थाने में धारा 103 (1), 109(1), 329- 4/3 ( 5 ) के तहत केस दर्ज किया गया था।
पुलिस ने 14 दिनों में ही आरोप पत्र दायर कर दिया। कोर्ट ने स्पीडी ट्रायल पर 50 दिनों के अंदर धनाडीह के आरोपित सुधांशु कुमार उर्फ रोशन व अंकित कुमार को नए कानून के तहत दोषी माना और फिर सजा सुना दी।
क्या था पूरा मामला
बता दें कि 17 जुलाई को देर रात जिले के रसूलपुर थाना क्षेत्र के धानाडीह गांव में एक सनकी युवक रोशन कुमार उर्फ सुधांशु कुमार ने एकतरफा प्यार में दो नाबालिग लड़कियों व उसके पिता की चाकू गोदकर हत्या कर दी। लड़की की मां को भी चाकू मारकर लहूलुहान कर दिया था। लड़की की मां शोभा देवी के बयान पर प्राथमिकी दर्ज की गई थी।
इस तिहरे हत्याकांड में पुलिस ने सनकी युवक रौशन और उसके एक मित्र अंकित कुमार को 17 जुलाई को ही गिरफ्तार किया गया था मृतकों में नाबालिग चांदनी कुमारी (17 साल), उसके पिता तारकेश्वर सिंह (55साल) व छोटी बहन आभा कुमारी (15 साल) शामिल थी। तारकेश्वर की जख्मी पत्नी शोभा देवी का सदर अस्पताल में हुआ था।
इलाज के दौरान लड़की की मां ने बताया कि आरोपित रौशन को चांदनी से एकतरफा प्यार था। काफी दिनों से चांदनी से बात नहीं होने से वह नाराज था। रात में वे लोग छत पर सोए हुए थे तभी रोशन अपने एक दोस्त के साथ घर के पीछे से छत पर चढ़ गया था।
उनकी बेटी की अचानक नींद खुलने पर उसने रोशन को टोकते हुए कहा था कि तुम्हारी हैसियत क्या है मेरे घर आने की। इसके बाद रोशन व उसके दोस्त ताबड़तोड़ चाकू से वार करने लगे। इसमें चांदनी, उसके पिता व उसकी छोटी बहन की घटनास्थल पर ही मौत हो गयी । पुलिस ने हत्या में इस्तेमाल चाकू को भी बरामद किया था।
जिला जज के निर्देश पर प्रतिदिन शुरू हुई गवाही
जघन्य हत्याकांड के आरोपियों को जल्द से जल्द सजा दिलाने के लिए जिला जज पुनीत कुमार गर्ग के निर्देश पर प्रतिदिन गवाही की भी प्रक्रिया शुरू की गई। पहले 13 अगस्त को ग्रामीण संतोष सिंह की गवाही हुई। गांव के ही तीन अन्य लोग मंटू सिंह, उमेश शर्मा व मनोज सिंह की भी गवाही हुई।
ग्रामीणों की गवाही पूरी होने के बाद फॉरेंसिक साइंस लेबोरेटरी की विशेषज्ञ रत्ना, एकमा के चिकित्सक डॉ प्रभात कुमार सिंह, छपरा सदर अस्पताल के चिकित्सक डॉ धनंजय कुमार, चौकीदार रोहित कुमार, सूचक शोभा देवी, थाना अध्यक्ष प्रभात कुमार, सहायक अवर निरीक्षक सकलदेव पासवान के अलावा हत्याकांड के आईओ रविंद्र कुमार समेत 12 लोगों की गवाही हुई।
आरोपितों के खिलाफ चला था स्पीडी ट्रायल
जिले के सनसनीखेज वारदात को लेकर जिलाधिकारी अमन समीर की स्वीकृति के बाद एसपी कुमार आशीष ने स्पीडी ट्रायल चलाया था। जिला जज ने भी हत्याकांड की सुनवाई जल्द पूरा करने के लिए पुलिस प्रशासन को अपने स्तर से भी बीच-बीच में दिशा निर्देश दिया। पुलिस के स्तर पर उपलब्ध तथ्यों के आधार पर जिला जज ने आरोपियों को दोषी माना।