पटना में एम्स में हुआ पहला किडनी ट्रांसप्लांट, बच्चे की हालत स्थिर
अभी बिहार में सिर्फ आईजीआईएमएस ही एकमात्र सरकारी अस्पताल है, जहां किडनी ट्रांसप्लांट की सुविधा है। यह ऑपरेशन सफल होने पर पटना एम्स इस सुविधा वाला दूसरा अस्पताल बन जाएगा।
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बिहार की राजधानी पटना स्थित एम्स अस्पताल में सोमवार को पहली बार किडनी ट्रांसप्लांट की सुविधा शुरू हुई। पीजीआई चंडीगढ़ के डॉक्टरों की मदद से पटना एम्स में पहला किडनी ट्रांसप्लांट सोमवार को हुआ। ट्रांसप्लांट के बाद बच्चे को सीसीयू में रखा गया है। वहां डॉक्टरों की टीम तीन दिनों तक उसकी हालत पर नजर रखेगी। सबकुछ सामान्य रहा तो ऑपरेशन सफल माना जाएगा। एम्स के प्रभारी निदेशक डॉ. सौरभ वार्ष्णेय ने बताया कि प्रत्यारोपण के संबंध में एम्स द्वारा तीन दिन बाद रिपोर्ट जारी की जाएगी। प्रत्यारोपण किसका हुआ, मरीज कहां का है, यह विवरण अभी जारी नहीं किया गया है।
एम्स के सूत्रों के मुताबिक यह ट्रांसप्लांट एक बच्चे का हुआ है। बच्चे की जान बचाने के लिए मां ने अपनी एक किडनी दान में दी है। ट्रांसप्लांट से पहले संस्थान को बिहार सरकार के स्वास्थ्य विभाग द्वारा मानव अंग एवं उत्तक प्रत्यारोपण अधिनियम 1994 के तहत एम्स पटना को किडनी ट्रांसप्लांट की मंजूरी मिल चुकी थी।
पटना एम्स में किडनी ट्रांसप्लांट के लिए सात डॉक्टरों की एक टीम बनाई गई थी। इन डॉक्टरों को पीजीआई चंडीगढ़ में ट्रेनिंग दी जा चुकी है। ट्रेनिंग पाने वाले डॉक्टरों में डॉ. कमलेश गुंजन, डॉ. विपिन चंद्रा, डॉ. अभ्युदय, डॉ. नीरज कुमार, डॉ. उपासना के अलावा तीन एनेस्थेसिया विभाग के डॉक्टर शामिल हैं।
3 लाख के खर्च पर होगा किडनी ट्रांस्प्लांट
एम्स में सिर्फ 3 लाख रुपये में किडनी ट्रांसप्लांट होगा। निजी अस्पतालों में ट्रांसप्लांट कराने में आठ से 10 लाख रुपये वसूले जाते हैं। वर्तमान में पूरे बिहार के सरकारी अस्पतालों में सिर्फ आईजीआईएमएस में ही किडनी ट्रांसप्लांट की सुविधा है। एम्स दूसरा ऐसा सरकारी अस्पताल होगा जहां यह सुविधा मिलने जा रही है।