बुरे फंसे बिहार के ये दारोगा जी, कोर्ट के आदेश पर अपने ही थाने में FIR दर्ज, आरोप संगीन है
उसके बादर नगर थाना में तैनात दारोगा प्रवीण कुमार समेत दो के खिलाफ इसी थाने में एफआईआर दर्ज की गई है। सीजेएम के आदेश पर दर्ज की गई एफआईआर की जांच नगर थानेदार शरत कुमार खुद करेंगे।
बिहार के मुजफ्फरपुर में एक दारोगा पर प्राथमिकी दर्ज कर कार्रवाई शुरू हो गयी है। सब इंस्पेक्टर प्रवीण कुमार पर एक केस की डायरी में गलत तथ्य देने के आरोप को लेकर सीजेएम कोर्ट ने एफआईआर दर्ज कर कार्रवाई करने का आदेश दिया है। उसके बादर नगर थाना में तैनात दारोगा प्रवीण कुमार समेत दो के खिलाफ इसी थाने में एफआईआर दर्ज की गई है। सीजेएम के आदेश पर दर्ज की गई एफआईआर की जांच नगर थानेदार शरत कुमार खुद करेंगे।
यह केस सदर थाना क्षेत्र के खबड़ा निवासी निखिल कुमार के परिवाद के आधार पर दर्ज किया गया है, जिसमें सीजेएम ने बीते 23 नवंबर को नगर थानेदार को एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया था। कोर्ट के आदेश के बाद नगर थाना पुलिस ने कार्रवाई शुरू कर दिया है। इससे मुजफ्फरपुर पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया है। चर्चा है कि अन्य कई ऐसे मामले सामने आ सकते हैं जिनमें लेन देन या पैरवी के आधार पर डायरी में हेराफेर की गयी है। वे मामले भी प्रकाश में आ सकते हैं।
निखिल ने परिवाद में बताया है कि बीते नौ फरवरी को कचहरी परिसर में घेरकर उससे मारपीट की गई थी, जिसकी एफआईआर नगर थाने में दर्ज कराई थी। इस मामले में कांड का अनुसंधान कर रहे प्रवीण कुमार आरोपितों से मिल गए। उन्होंने आरोपितों को लाभ पहुंचाने के लिए केस डायरी में खबड़ा पंचायत के वार्ड सदस्य बलिराम कुमार की गवाही दर्ज की है, जबकि बलिराम कुमार नाम का कोई वार्ड सदस्य खबड़ा ग्राम पंचायत में नहीं है। घटना के वक्त आरोपितों का मोबाइल टावर लोकेशन कचहरी में ही था। लेकिन, इस महत्वपूर्ण साक्ष्य को दरकिनार कर आईओ ने आरोपितों को केस में राहत देने का प्रयास किया।
यह भी आरोप लगाया गया है कि केस डायरी की पृष्ठ संख्या में भी टेंपिरंग की गई है। इस तरह के कई गंभीर आरोप दारोगा पर दर्ज एफआईआर में लगाए गए हैं। दारोगा पर कोर्ट के आदेश पर एफआईआर दर्ज होने से महकमे में हड़कंप है। नगर थानाध्यक्ष शरत कुमार का कहना है कि कांड की जांच की जा रही है। सही तथ्यों को सामने लाया जाएगा।