गंडक-कोसी के रिकॉर्ड जलस्तर की आशंका; उत्तर बिहार में हाई अलर्ट, सभी इंजीनियरों की छुट्टियां रद्द
नेपाल में भारी बारिश के चलते बिहार की गंडक और कोसी नदी अपने रिकॉर्ड जलस्तर तक पहुंच सकती है। गंडक से 6.81 लाख क्यूसेक और कोसी से 6 लाख क्यूसेक पानी डिस्चार्ज हो सकता है। जिसके चलते जल संसाधान विभाग ने हाई अलर्ट घोषित किया है। और इंजीनियरों की छुट्टियां रद्द कर दी गई हैं।
नेपाल में भारी बारिश के बाद उत्तर बिहार की नदियों में भारी उफान का अंदेशा है। अगले 24 घंटे में जहां कोसी का डिस्चार्ज 6.81 लाख क्यूसेक जा सकता है वहीं गंडक नदी में पानी का डिस्चार्ज 6 लाख क्यूसेक से अधिक हो सकता है। दोनों नदियों का डिस्चार्ज अपने अबतक के रिकार्ड जलस्राव के स्तर के काफी करीब पहुंचने का अनुमान है। इसे देखते हुए जल संसाधन विभाग ने हाई अलर्ट घोषित करते हुए सभी संबंधित इंजीनियरों को तटबंधों पर ही कैंप करने का निर्देश दिया है। सभी जिलाधिकारियों से भी अलर्ट रहने को कहा है।
नेपाल में उत्तर बिहार की नदियों के जलग्रहण क्षेत्रों में बीते 48 घंटे से लगातार तेज बारिश के बाद गंडक, कोसी और घाघरा नदी का जलस्तर शुक्रवार की सुबह से ही बढ़ना शुरू हो गया। कोसी के जलग्रहण क्षेत्र में 200 मिलीमीटर जबकि गंडक के जलग्रहण क्षेत्रों में 180 मिलीमीटर बारिश रिकार्ड की गयी। नेपाल से पानी आने के बाद शनिवार की सुबह से जलस्तर में भारी बढ़ोतरी होनी तय है। इससे पूरे उत्तर बिहार में खतरा बढ़ गया है। तटबंधों के अंदर और उसके आस-पास रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने को कहा गया है।
जलस्राव में भारी बढ़ोतरी की आशंका के बाद देर शाम जल संसाधन विभाग के प्रधान सचिव संतोष मल्ल ने उच्चाधिकारियों की आपात बैठक बुलाई। विभाग ने सभी इंजीनियरों की छुट्टियां रद्द कर दी हैं। तटबंधों की पेट्रोलिंग शुरू हो गयी है और कटाव निरोधक सामग्री का भंडारण भी किया जा रहा है। तटबंधों के भीतर रहने वाले लोगों को बाहर निकलने को कहा गया है।
56 साल के बाद कोसी में जबकि 21 वर्षों के बाद गंडक में ऐसी उफान की आशंका है। कोसी नदी में पांच अक्टूबर 1968 को रिकार्ड पानी आया था। तब इसका जलस्राव 7.88 लाख क्यूसेक हो गया था। इसके बाद यह पहली बार होगा जब कोसी का जलस्राव 7 लाख क्यूसेक के पास पहुंच रहा है। उधर, गंडक नदी का जलस्राव 2003 में 31 जुलाई को नदी का जलस्राव 6.39 लाख क्यूसेक पर पहुंच गया था।
अब पहली बार गंडक का जलस्राव 6 लाख क्यूसेक के पार जाने की संभावना है। उपमुख्यमंत्री सह जल संसाधन मंत्री विजय चौधरी ने कहा कि हम किसी भी आपात स्थिति से निपटने को तैयार हैं। सभी अधिकारियों को 24 घंटे तटबंधों की निगरानी करने को कहा गया है। अगले 48 घंटे तक हाई अलर्ट घोषित किया गया है। सारे संवेदनशील स्थानों पर इंजीनियरों को तैनात किया गया है।
वहीं दूसरी तरफ आपदा प्रबंधन विभाग ने अत्यधिक बारिश को लेकर शनिवार से अगले पांच दिनों तक 13 जिलों के लिए अलर्ट जारी किया है। मौसम विज्ञान विभाग ने अगले पांच दिनों के लिए बारिश की संभावना जताई है। पांच जिलों- चंपारण, पूर्वी चंपारण, अररिया, किशनगंज, गोपालगंज में अत्यधिक भारी बारिश बारिश और आठ जिलों -शिवहर, सीतामढ़ी, सारण, सीवान, सुपौल, मधेपुरा, मुजफ्फरपुर और पूर्णिया में भारी बारिश की चेतावनी जारी की गई है। मौसम विभाग के अनुसार शुक्रवार को सूबे में औसतन 50 मिमी बारिश रिकॉर्ड की गई।