अररिया में नहर टूटने से मुश्किल में किसान, सैकड़ों एकड़ में लगा धान बर्बाद; एक साल में तीसरी बार टूटी
अररिया में नहर के टूटने से सैकड़ों एकड़ में लगी धान की फसलें बर्बाद हो गयी। इससे पहले सायफन के पास ही इसी साल 14 जुलाई और 23 अगस्त को नहर टूटा थी। मरम्मत में घटिया सामग्री के इस्तेमाल के भी आरोप लगे हैं।
अररिया जिले के रानीगंज में बगुलाहा से खरसायी जाने वाली नहर के टूटने से सैकड़ों एकड़ में लगी धान की फसलें बर्बाद हो गयी। नहर टूटते ही पानी खेतों में तेजी से फैलने लगा, जिससे खेतों में लगे धान की पकी फसल बर्बाद होने लगी। इधर नहर टूटने से यहां के किसानों में आक्रोश पनप रहा है। स्थानीय किसान मनीष यादव, सुकाय शर्मा, जनार्दन यादव आदि ने बताया कि एक तो हम लोग किसी तरह पटवन कर रोपनी किये, कुछ दिन पहले बेमौसम बारिश ने धान की फसल को काफी हद तक बर्बाद कर दिया अब नहर टूटने से धान की पकी फसल बर्बाद हो रही है। आखिर हम लोगों को इस फसल की क्षति का कौन मुआवजा देगा।
स्थानीय समाजसेवी मनीष यादव ने बताया कि नहर टूटने के बाद सिंचाई विभाग के कर्मियों को सूचना दी गयी थी लेकिन काफी समय तक पानी बंद नहीं किया गया। जिसके कारण दर्जनों किसानों के सैकड़ों एकड़ खेतों में लगी धान की फसल बर्बाद हो गयी। बगुलाहा से खरसायी जाने वाली नहर इसी साल दो बार टूट चुकी है। दोनों बार नहर टूटने से धान और पटवन की फसल को भारी नुकसान पहुंचा था।
स्थानीय लोगों ने बताया कि कुछ समय पहले खरसायी सायफन का मरम्मत किया गया था। घटिया किस्म की सामग्री के इस्तेमाल की बात भी सामने आई थी। सायफन के पास ही इसी साल 14 जुलाई और 23 अगस्त को नहर टूटा थी। इधर सिंचाई विभाग कनीय अभियंता अमित कुमार ने बताया कि सूचना मिलने पर पानी बंद करवा दिया गया था। छठ को लेकर लोगो के कहने पर नहर में पानी छोड़ा गया था।