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बिहार में अब नहीं हो पाएगी बिजली चोरी! ट्रांसफार्मर करेंगे खपत की निगरानी, एक-एक मोहल्ले का देंगे हिसाब

बिहार में अब बिजली चोरी की निगरानी ट्रांसफार्मर करेंगे। जिसके लिए मीटर लगने का काम लगभग पूरा हो गया है। साढ़े तीन लाख ट्रांसफॉर्मर में से दो लाख 30 हजार से अधिक में मीटर लग चुके हैं। ये ट्रांसफार्मर एक-एक घर की बिजली खपत का हिसाब देंगे।

sandeep हिन्दुस्तान, हिन्दुस्तान ब्यूरो, पटनाFri, 24 Jan 2025 08:40 PM
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बिहार में अब नहीं हो पाएगी बिजली चोरी! ट्रांसफार्मर करेंगे खपत की निगरानी, एक-एक मोहल्ले का देंगे हिसाब

बिहार में अब बिजली खपत की निगरानी शुरू हो गई है। राज्य के साढ़े तीन लाख ट्रांसफॉर्मर में से दो लाख 30 हजार से अधिक में मीटर लग चुके हैं। अगले तीन-चार महीने में राज्य के सभी ट्रांसफॉर्मर में मीटर लगा लिया जाएगा। मीटर लगने से राज्य में हो रही बिजली चोरी पर लगाम लगेगी। जरूरत के अनुसार गली-मोहल्लों में अधिक क्षमता के ट्रांसफॉर्मर भी लगाए जा सकेंगे। कंपनी के अधिकारियों से मिली जानकारी के अनुसार नॉर्थ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड के अधीन एक लाख 97 हजार 892 ट्रांसफॉर्मर लगे हुए हैं। इसमें से एक लाख 36 हजार से अधिक ट्रांसफॉर्मर में मीटर लगाया जा चुका है। कुल ट्रांसफॉर्मर में से 69 फीसदी में मीटर लग चुका है।

साउथ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड के अधीन एक लाख 51 हजार 376 ट्रांसफॉर्मर लगे हुए हैं, इसमें से 96 हजार से अधिक ट्रांसफॉर्मर में मीटर लग चुका है। यानी 63 फीसदी ट्रांसफॉर्मर में मीटर लग चुका है। कंपनी ने राज्य के सभी ट्रांसफॉर्मरों में मीटर लगाने का निर्णय लिया है। कृषि कनेक्शन से जुड़े ट्रांसफॉर्मर को छोड़ बाकी सभी में अप्रैल 2025 तक मीटर लगा दिये जाएंगे। आरडीएसएस योजना के तहत ट्रांसफॉर्मर में मीटर लगाने की कार्रवाई शुरू कर दी गई है।

मोहल्लावार खपत की तैयार होगी रिपोर्ट

ट्रांसफॉर्मर में मीटर लगने के बाद मोहल्लावार आसानी से बिजली खपत की जानकारी मिल जाएगी। संबंधित ट्रांसफॉर्मर से कितने उपभोक्ता जुड़े हैं और उससे कितनी बिजली खपत हो रही है, मीटर से यह आसानी से पता चल सकेगा। इससे यह भी पता चल सकेगा कि किस ट्रांसफॉर्मर से कितनी वैध व अवैध बिजली खपत हो रही है। इसके आधार पर संबंधित गली-मोहल्ले में औचक छापेमारी की जाएगी। कंपनी को भरोसा है कि इस प्रणाली से बिजली चोरी पर लगाम लग सकेगा। बिजली चोरों के खिलाफ औचक छापेमारी की जा सकेगी। अगर किसी ट्रांसफॉर्मर में उपभोक्ताओं का लोड अधिक होगा तो वैसी स्थिति में वहां अतिरिक्त ट्रांसफॉर्मर भी लगाए जा सकेंगे। इससे ट्रांसफॉर्मर से होने वाली ट्रिपिंग व लो-वोल्टेज की समस्या समाप्त होगी और लोगों को गुणवत्तापूर्ण निर्बाध बिजली मिल सकेगी।

लोड का भी हो रहा है अध्ययन

राज्य में स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगने के बाद बिजली के लोड का भी अध्ययन शुरू हो गया है। अभी 50 लाख से अधिक स्मार्ट मीटर लग चुके हैं। उपभोक्ताओं की ओर से की जाने वाली खपत के तौर-तरीकों का अध्ययन किया जा रहा है। इसमें यह भी देखा जा रहा है कि उपभोक्ता किस समय अधिक बिजली खपत करते हैं। किस मौसम में कितनी बिजली खपत हो रही है, इसका भी अध्ययन हो रहा है। कंपनी की ओर से इलाकेवार बिजली खपत की रिपोर्ट तैयार की जा रही है और उसके आधार पर ग्रिड से लेकर सब-स्टेशन और फीडर की क्षमता में वृद्धि की जाएगी। इससे शहर से लेकर गांवों तक होने वाली ट्रिपिंग की समस्या दूर होगी। लोगों को निर्बाध व गुणवत्तापूर्ण बिजली देने के लिए आरडीएसएस योजना के तहत जरूरी काम होने हैं।

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