पहले सस्पेंड, फिर डिसमिस; केके पाठक से झगड़े ने वंशीधर ब्रजवासी को माननीय MLC बना दिया
- Banshidhar Brajwasi Profile: बिहार विधान परिषद की तिरहुत स्नातक सीट के नवनिवार्चित विधान पार्षद वंशीधर ब्रजवासी को शिक्षा विभाग के खिलाफ लगातार आंदोलन और फिर आईएएस अफसर केके पाठक से झगड़े ने पहले नेता और अब माननीय एमएलसी बना दिया है।
Banshidhar Brajwasi Profile: बिहार विधान परिषद की तिरहुत स्नातक सीट से धमाकेदार जीत दर्ज कर एमएलसी बने निर्दलीय उम्मीदवार वंशीधर व्रजवासी के शिक्षक नेता बनने की शुरुआत 2006 में हुई थी। 18 साल बाद वो अब विधान परिषद में शिक्षकों और स्नातकों की आवाज उठाएंगे। मड़वन प्रखंड के रक्सा गांव के रहने वाले वंशीधर ब्रजवासी की गांव के ही प्राथमिक स्कूल में 2003 में शिक्षामित्र के रूप में बहाली हुई थी। 11 महीने की बहाली को पूर्ण शिक्षक बनाने की मांग को लेकर ब्रजवासी ने परिवर्तनकारी प्रारंभिक शिक्षक संघ की स्थापना की और 2006 में 23 जनवरी से अनशन पर बैठ गए। ब्रजवासी के शिक्षक नेता बनने की शुरुआत यहीं से हुई।
सरकार ने बाद में सभी शिक्षामित्रों को पंचायत और प्रखंड शिक्षक का दर्जा दे दिया। ब्रजवासी भी अपने स्कूल में शिक्षामित्र से पंचायत शिक्षक बन गए। वर्तमान में उनका वो स्कूल उत्क्रमित मध्य विद्यालय, रक्सा पूर्वी बन चुका है। बाद में परिवर्तनकारी प्रारंभिक शिक्षक संघ दो गुटों में बंट गया और एक गुट ने अलग संघ बना लिया। ब्रजवासी परिवर्तनकारी प्रारंभिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष के रूप में शिक्षकों के आंदोलन से जुड़े रहे।
केके पाठक से भिड़े तो पहले निलंबन और फिर बर्खास्त हो गए ब्रजवासी
मार्च 2024 में गुलाब और लाठी आंदोलन के बाद विभाग ने ब्रजवासी को निलंबित कर दिया। फिर विभाग ने अनुशासनहीनता, नियमों के विरुद्ध लगातार बयानबाजी के आरोप में 24 जुलाई को उन्हें सेवा से बर्खास्त कर दिया। इसके बाद ही ब्रजवासी ने तिरहुत स्नातक निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ने की घोषणा की थी।
बर्खास्तगी के कारण ब्रजवासी के पक्ष में शिक्षकों की सहानुभूति लहर
जुलाई में वंशीधर ब्रजवासी की बर्खास्तगी के बाद शिक्षकों की सहानुभूति लहर उनके पक्ष में रही। सरकारी स्कूलों के शिक्षकों का उन्हें भरपूर समर्थन मिला। 5 दिसंबर को सरकारी अवकाश मिल जाने से बड़ी संख्या में शिक्षक वोट देने निकले। प्रथम वरीयता के सबसे ज्यादा वोट बंशीधर को ही मिले। इस एमएलसी चुनाव में शिक्षक समुदाय से तीन-तीन उम्मीदवार थे लेकिन व्यापक समर्थन के साथ बंशीधर विधान पार्षद बनकर पटना पहुंच गए।
वंशीधर ब्रजवासी को नेता बनाने वाले आंदोलन
2013 में पटना में शिक्षक आंदोलन पर लाठीचार्ज। इसके बाद वंशीधर व्रजवासी गिरफ्तार हुए।
2015 में नियोजित शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा देने की मांग को लेकर रथयात्रा निकाली। इस यात्रा के दौरान बक्सर में गिरफ्तार किया गया।
शिक्षा विभाग के तत्कालीन अपर मुख्य सचिव केके पाठक के खिलाफ लगातार बयानबाजी
सक्षमता परीक्षा और संगठन नहीं चला चलाने के आदेश के विरोध में लाठी और गुलाब बांटने का आंदोलन मार्च 2024 में चलाया। इसके कारण मई में निलंबन और जुलाई में बर्खास्तगी हुई।