मुजफ्फरपुर में लगातार सातवें दिन डॉक्टरों की हड़ताल, एसकेएमसीएच में ओपीडी ठप; बिना इलाज लौटे मरीज
बिहार में जूनियर डॉक्टर की हड़ताल से मरीज परेशान हैं। मुजफ्फरपुर के एसकेएमसीएच में लगातार सातवें दिन ओपीडी सेवा ठप रही। इससे सैकड़ों मरीज बिना इलाज कराए ही वापस लौट गए।
पश्चिम बंगाल के कोलकाता में जूनियर महिला डॉक्टर की हत्या के विरोध में चिकित्सा कर्मियों और मेडिकल छात्रों की हड़ताल से मरीजों को परेशानी हो रही है। बिहार के मुजफ्फरपुर स्थित श्रीकृष्ण मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (एसकेएमसीएच) में मंगलवार को लगातार सातवें दिन भी जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल जारी रही। इससे उत्तर बिहार के प्रमुख अस्पताल की ओपीडी व्यवस्था ठप रही। करीब एक हजार मरीज बिना इलाज कराए वापस लौट गए।
पिछले सप्ताह सोमवार से एसकेएमसीएच में डॉक्टर हड़ताल पर हैं। जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ प्रशांत का कहना है कि जब तक कोलकाता मामले में ठोस कदम नहीं उठाए जाते, ओपीडी बंद रहेगी। मेडिकल कॉलेज में हड़ताल की वजह से मरीज निजी नर्सिंग होम की तरफ रुख कर रहे हैं। कई मरीजों ने बताया कि उन्हें ओपीडी में डॉक्टर से दिखाना जरूरी है लेकिन हड़ताल की वजह से उनका इलाज नहीं हो पा रहा है। निजी नर्सिंग होम में बड़ी राशि देकर उन्हें इलाज के लिए मजबूर होना पड़ रहा है।
एसकेएमसीएच में मुजफ्फरपुर के अलावा बेतिया, मोतिहारी, सीतामढ़ी और शिवहर जिलों से भी मरीज इलाज के लिए आते हैं। मौसमी बीमारियों से ग्रसित मरीज भी एसकेएमसीएच इलाज के लिए पहुंच रहे हैं लेकिन इलाज नहीं होने से वह बैरंग वापस चले जा रहे हैं। इधर, बिहार स्वास्थ्य सेवा संघ के आह्वान पर सदर से पीएचसी तक डॉक्टरों ने काला बिल्ला लगाया।
संघ के जिला सचिव डॉ ज्योति प्रसाद सिन्हा ने बताया कि संघ ने राज्य सरकार को मांगे मानने के लिए 25 अगस्त तक का समय दिया है। 25 अगस्त तक हम लोग काला बिल्ला लगाकर काम करेंगे उसके बाद अगर मांगें नहीं मानी गई तो संघ ठोस कदम उठाने को मजबूर होगा और इसकी जिम्मेदारीसरकारकीहोगी।
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