बालू भरे बोरे मिल जाते तो नहीं टूटता तटबंध
गौड़ाबौराम के भुवौल गांव में कोसी पश्चिमी तटबंध के टूटने से ग्रामीणों में गुस्सा है। ग्रामीणों का आरोप है कि अभियंताओं ने तटबंध की सुरक्षा में लापरवाही बरती। उन्होंने मिट्टी लाकर तटबंध को ऊँचा किया,...
गौड़ाबौराम। कोसी पश्चिमी तटबंध के भुवौल गांव स्थित तटबंध के टूटान स्थल पर सैकड़ों ग्रामीण जुटे हुए हैं। ग्रामीणों का गुस्सा विभागीय अभियंताओं के प्रति है। लोगों का आरोप है कि अभियंताओं ने तटबंध की सुरक्षा में तत्परता नहीं दिखाई। भुवौल गांव निवासी शिवशंकर चौधरी, गोविंद मुखिया, गुड्डू, जंगबहादुर मुखिया, नागेंद्र पासवान, ललित सदा, मुक्ति पासवान ने बताया कि सर, रविवार को दो बजे दिन से ही तटबंध के टॉप पर पानी आ रहा था। ग्रामीणों ने अपने स्तर से मिट्टी लाकर तटबंध के टॉप को ऊंचा किया, पर विभागीय अभियंता भुवौल चौक की ओर झांकने तक नहीं आये। ग्रामीणों का आरोप था कि तटबंध की सुरक्षा के लिए तैनात इंजीनियर और ठेकेदार नरकटिया चौक के पास ही दिनभर फोटोज सेशन करवाते रहे।
ग्रामीणों ने कहा कि अगर वे लोग एक गाड़ी सैंड पैक बोरे भेजवा देते तो लोगों को यह खौफनाक मंजर नहीं देखना पड़ता। ग्रामीणों का गुस्सा स्थानीय सीओ के प्रति भी दिखा। बकौल ग्रामीण सीओ साहब ने तीन बार फोन तो रिसीव किया, पर भुवौल चौक की तरफ हो रहे ओवरफ्लो से बेखबर रहे। ग्रामीणों ने बताया कि तटबंध टूटने के चंद मिनटों के भीतर भुवौल चौक पर सजी दुकानों की जगह पानी बहने लगा।
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