12 घंटे देरी से पहुंची स्पेशल ट्रेन, यात्रियों में दिख रहा था खौफ
तमिलनाडु में मैसूर-दरभंगा ट्रेन दुर्घटनाग्रस्त हो गई। स्पेशल ट्रेन 12 घंटे देरी से दरभंगा पहुँची। यात्रियों ने सुरक्षा का अनुभव किया, लेकिन कई का सामान खो गया। दुर्घटना में कुछ यात्री घायल हुए, जिनका...
दरभंगा। तमिलनाडु में शुक्रवार की रात मैसूर-दरभंगा ट्रेन के दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद वहां से शनिवार की सुबह रवाना की गई स्पेशल ट्रेन सोमवार की सुबह 12 घंटे से अधिक की देरी से 05.19 बजे दरभंगा पहुंची। इस ट्रेन को रविवार की शाम चार बजे ही दरभंगा पहुंचना था। ट्रेन से उतरे यात्रियों के चेहरे पर स्पष्ट रूप से खौफ नजर आ रहा था। हालांकि सुरक्षित दरभंगा पहुंचने पर वे राहत भी महसूस कर रहे थे। इस ट्रेन से उतरे मुकेश कुमार, मो. साबिर, अब्दुल रहीम आदि ने कहा कि ट्रेन दुर्घटना में हम लोग बाल-बाल बच गए। उन्होंने कहा कि हादसे के बाद चारों तरफ चीख-पुकार मच गयी। ट्रेन के डिब्बे पटरी से नीचे उतरे देख यात्रियों में दहशत फैल गयी। इस दुर्घटना में कई लोगों को चोट लगी, जिनका इलाज वहीं पर किया गया। उन्होंने कहा कि इस हादसे में कई यात्रियों का पैसा और सामान भी खो गया। हालांकि रेलवे अधिकारियों ने तत्परता दिखाते हुए सभी के इलाज की समुचित व्यवस्था की। सभी को सुरक्षित स्थान पर ठहराया गया। इसके बाद स्पेशल ट्रेन से सभी को दरभंगा के लिए रवाना किया गया। ट्रेन में भी यात्रियों के खाने-पीने की बेहतर व्यवस्था की गयी थी। इसके लिए उन्होंने रेल प्रशासन को धन्यवाद दिया।
कई अन्य यात्रियों ने कहा कि इस घटना में पूरा परिवार चोटिल हो गया, पर खुशी इस बात की है कि हम लोग सुरक्षित घर पहुंच गए। कई यात्री ऐसे भी थे जो दीवाली व छठ मनाने घर आ रहे थे। इस हादसे में उनका सामान खो गया। इस वजह से उनके चेहरे पर उदासी दिख रही थी। लेकिन खुशी इस बात की थी कि वे सुरक्षित घर पहुंच गए। हालांकि सामान खोने की शिकायत उन्होंने रेलवे में दर्ज करा दी है। ट्रेन से उतरी मरीना खातून ने कहा कि हम लोग स्लीपर में सवार थे। छह-सात डिब्बे पटरी से उतर गए थे। बोगियों में आग भी लग गयी थी। इस हादसे में हमें चोट भी आयी। लेकिन सभी लोग सुरक्षित हैं। हादसे के बाद रेल कर्मियों ने हमारी सहायता की। वहीं, गणेश कुमार ने कहा कि बहुत भाग्य से हम लोग यहां तक पहुंचे हैं। इसके लिए हम भगवान का शुक्रिया अदा करते हैं। उन्होंने कहा कि रेल लाइन पर मालगाड़ी खड़ी थी, फिर भी दरभंगा एक्सप्रेस को हरी झंडी दे दी गयी। यह ट्रेन सौ किमी प्रति घंटे की अधिक तेज गति से चल रही थी। इसी दौरान हादसा हुआ। उन्होंने कहा कि हम लोग बी वन बोगी में सवार थे। हादसे के बाद हम लोग सामान छोड़कर जान बचाने के लिए जैसे-तैसे बाहर आए। देखा कि बोगियां एक-दूसरे पर चढ़ गयी हैं। इंजन में भी आग लग गयी थी। यह दृश्य देखकर हम डर गए। नीचे उतरे तो वहां पानी भी जमा था। हालांकि रेल कर्मियों ने हमारी काफी मदद की। हम लोगों को बस से सुरक्षित स्थान पर ले जाया गया। वहां खाने-पीने का पूरा इंतजाम किया गया था। सुबह में चेन्नई से हम लोगों को स्पेशल ट्रेन से दरभंगा के लिए रवाना किया गया। ट्रेन में भी हम लोगों को कोई दिक्कत नहीं हुई। उन्होंने कहा कि इस घटना में मुझे भी चोट लगी। हमें वहां दवा भी दी गयी।
ट्रेन में झंझारपुर के भी थे दो यात्री
स्पेशल ट्रेन के दरभंगा पहुंचने पर जख्मी यात्रियों की सूची में से मिलने वाले झंझारपुर की हीरा देवी तथा राजन कुमार झा को विशेष सुविधा प्रदान करते हुए चाय-बिस्किट देने के बाद उन्हें झंझारपुर जाने वाली सवारी गाड़ी में बैठाया गया। इसके अलावा जिन यात्रियों को प्राथमिक उपचार या चाय-बिस्कुट की जरूरत महसूस हुई उन्हें भी उपलब्ध करवाया गया। बता दें कि स्पेशल ट्रेन में एसी कोच, सामान्य बोगी एवं वैन के साथ कुल 22 बोगियां थीं।
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।