ओपीडी में रिकॉर्ड संख्या में पहुंचे मरीज
दरभंगा में डीएमसीएच के ओपीडी में सोमवार को 3599 मरीज पहुंचे। यह संख्या एक दिन में सबसे अधिक है। सेंट्रल ओपीडी में निबंधन के लिए लंबी कतारें लगी थीं। मौसम में बदलाव के कारण खांसी, सर्दी और बुखार के...
दरभंगा। डीएमसीएच के ओपीडी में मरीजों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। सोमवार को अस्पताल के विभिन्न विभागों के ओपीडी में रिकॉर्ड 3599 मरीज पहुंचे। बताया जाता है कि एक दिन में इलाज के लिए पहुंचे मरीजों की यह सबसे ज्यादा संख्या है। सेंट्रल ओपीडी में तो निबंधन कराने के लिए सुबह से ही मारामारी हो रही थी। निबंधन काउंटर के सामने सूई रखने की जगह तक नहीं थी। मरीजों की कतार ओपीडी के प्रवेश गेट के बाहर तक पहुंच गई थी। शाम तक यहां 2861 नए और 399 पुराने मरीजों का निबंधन किया गया। वहीं दूसरी ओर गायनी विभाग और एमसीएच में भी बड़ी संख्या में इलाज के लिए मरीज पहुंचे। यहां 201 नए और 29 पुराने मरीजों का निबंधन किया गया। इमरजेंसी विभाग के ओपीडी में 157 और सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल में 107 मरीजों ने निबंधन कराया। शिशु रोग विभाग में में भी काफी संख्या में मरीज पहुंचे। बता दें कि सोमवार को ओपीडी में सबसे अधिक भीड़ रहती है। मौसम के बदलने की वजह से खांसी, सर्दी और बुखार से पीड़ित मरीजों की संख्या में काफी इजाफा हो गया है। मेडिसिन, चर्म रोग और ईएनटी विभाग में अधिक संख्या में मरीज पहुंच रहे हैं। ओपीडी की व्यवस्था को संभालने में सुरक्षा कर्मियों को काफी मशक्कत करनी पड़ रही है। दरभंगा, नगर प्रतिनिधि। डीएमसीएच के मातृ-शिशु अस्पताल (एमसीएच) के ओपीडी में सोमवार की सुबह 9.45 बजे तक इलाज शुरू नहीं होने से मरीजों के बीच अफरातफरी मच गई। इसकी शिकायत लेकर दो-तीन मरीजों के परिजन अधीक्षक कार्यालय पहुंचे। वहां से एमसीएच की सिस्टर इंचार्ज को फोन पर इलाज नहीं शुरू होने की सूचना दी गई। आनन-फानन में सिस्टर इंचार्ज ने वहां पहुंचकर इलाज शुरू कराया। सूत्रों के अनुसार निबंधन काउंटर से पुर्जा लेकर पाली घनश्यामपुर की जूही कुमारी, ताराडीह की खुशबू कुमारी, बेलवागंज की परवीन खातून, खराजपुर की वंदना देवी, मधुबनी की खुशबू देवी सहित दर्जनों मरीज इलाज शुरू होने के इंतजार में खड़ी थीं। चिकित्सक भी ओपीडी में मौजूद थीं। तब भी इलाज शुरू नहीं होना मरीजों के लिए पहेली बनी हुई थी। परिजनों के पूछने पर बताया गया कि निबंधन पुर्जे पर मुहर लगने के बाद ही इलाज शुरू हो सकेगा। मुहर सिस्टर इंचार्ज के रूम में बंद है। जिस कर्मी के पास ताले की चाबी है, वह अभी तक नहीं पहुंचा है। इधर, अधीक्षक कार्यालय से सूचना मिलने पर सिस्टर इंचार्ज ने एमसीएच पहुंचकर मुहर उपलब्ध कराया तब जाकर निर्धारित समय से 1.45 मिनट विलंब से इलाज शुरू
हो सका।
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