नर्सिंग छात्र के निष्कासन पर हाईवोल्टेज ड्रामा
दरभंगा में डीएमसीएच के बीएससी नर्सिंग कॉलेज के एक छात्र को अभद्र व्यवहार के आरोप में निष्कासित किया गया। छात्रों ने इसके खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया, जिससे स्थिति बिगड़ने की आशंका पैदा हुई। प्राचार्या...
दरभंगा। डीएमसीएच के बीएससी नर्सिंग कॉलेज के 2023-27 बैच के एक छात्र को प्रभारी प्राचार्या की ओर से अभद्र व्यवहार करने के आरोप में निष्कासित किए जाने से बुधवार को वहां हाई वोल्टेज ड्रामा चला। छात्र के निष्कासन के खिलाफ विरोध जताने के लिए बैच के दर्जनों छात्र परिसर में जुट गए। वे छात्र का निष्कासन वापस लेने की मांग करने लगे। स्थिति बिगड़ने की आशंका में कॉलेज की प्राचार्य ने डायल 112 को इसकी सूचना दी। वहां पहुंचकर पुलिस निष्कासित किए गए छात्र को थाना ले गई। इससे छात्रों का आक्रोश बढ़ गया।
दर्जनों छात्र प्राचार्या की ओर से की गई कार्रवाई का विरोध जताते हुए अपनी बात रखने डीएमसीएच अधीक्षक कार्यालय पहुंचे। हालांकि अधीक्षक से उनकी मुलाकात नहीं हो सकी। इसके बाद गोलबंद होकर वे दरभंगा मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य से मिलने उनके कार्यालय पहुंचे। मीटिंग के सिलसिले में प्राचार्य के पटना में रहने से छात्रों की उनसे मुलाकात नहीं हो सकी। प्राचार्य कार्यालय से निराश लौटे छात्रों ने बताया कि अस्पताल परिसर में हॉस्टल रहने के बावजूद उन्हें कैंपस के बाहर रहना पड़ रहा है। अपनी समस्या को लेकर वे मंगलवार को कॉलेज की प्राचार्य से मिलने गए थे। उनकी समस्या पर गौर फरमाने के बजाय प्राचार्य ने गलत आरोप लगाकर उनके सहपाठी को निष्कासित कर दिया। छात्रों ने बताया कि वे अपनी समस्या रख ही रहे थे कि कुछ सीनियर छात्र प्राचार्य के सामने ही उनलोगों से उलझने लगे। छात्रों ने आरोप लगाया कि जिस छात्र को निष्कासित किया गया है, उसने सीनियर छात्रों का विरोध किया था। अभद्रता का आरोप लगाते हुए उसे बिना कारण निष्कासित कर दिया गया। उसके निष्कासन का नोटिस बोर्ड पर चस्पा कर दिया गया है। बैच की कई छात्राओं ने बताया कि पावर ग्रिड विश्रामालय में उनके रहने के लिए कमरे आवंटित किए गए हैं। कई कमरे सीनियर छात्रों को दे दिया गया है। उन्हें किराया देकर कैंपस से बाहर रहना पड़ रहा है।बेंता थानाध्यक्ष हरेंद्र कुमार ने बताया कि मामले में उनके लिखित आवेदन प्राप्त नहीं हुआ है। माहौल के बिगड़ने की आशंका में एक छात्र को लाकर थाने में बैठाया गया था।
दरभंगा मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. केएन मिश्रा ने बताया कि मामला उनके संज्ञान में नहीं है। पटना से लौटकर वे मामले को देखेंगे।
महीनों से खाली पड़ा है बीएससी नर्सिंग कॉलेज का हॉस्टल
बीएससी नर्सिंग कालेज का सात मंजिला हॉस्टल पिछले कई महीनों से खाली पड़ा हुआ है। पूर्व में भवन में डीएमसीएच के सर्जरी और आर्थोपेडिक वार्ड का संचालन हो रहा था। न्यू सर्जरी भवन बनने के बाद यहां के मरीजों को फरवरी माह में ही वहां शिफ्ट कर दिया गया। बताया ल जाता है कि डीएमसीएच प्रशासन ने इस भवन को वापस बीएससी नर्सिंग कालेज को सौंपने की कवायद को है।। पत्र भेजकर हास्टल भवन लेने का अनुरोध किया गया। जिस पर बीएससी नर्सिंग कालेज की प्राचार्या ने भवन की सफाई कराकर सौंपने को कहा। जिसके बाद से भवन के हस्तांतरण का मामला अधर में अटका में हुआ है। हॉस्टल की सुविधा नहीं मिलने से दर्जनों छात्रों को कैंपस के बाहर किराये के मकान में रहना पड़ रहा है। छात्रों ने बताया कि एक कमरे के लिए उन्हें छह से सात हजार रुपये मासिक भुगतान करना पड़ रहा है। हॉस्टल में कमरे आवंटित कर दिये जायें तो उन्हें काफी सुविधा होगी।
छात्रों का आरोप निराधार: प्राचार्या
इधर,बीएससी नर्सिंग कॉलेज की प्रभारी प्राचार्या गुड़िया रानी नेछात्रों के आरोपों को निराधार बताया। उन्होंने कहा कि जिस छात्र को निष्कासित किया गया है वह पूर्व में भी कॉलेज में अराजकता का माहौल उत्पन्न कर चुका है। चेतावनी देकर उसे कई बार माफ किया गया था। चेतावनी के बावजूद अराजकता फैलाने को लेकर उसे निष्कासित किया गया है। उन्होंने कहा कि छात्र के माफीनामा देने के बाद थाने में दिया गया आवेदन वापस लें लिया गया है। वहां से उसे छोड़ दिया गया है। संस्थान से निष्कासन की सूचना स्वास्थ्य विभाग को भेज दी गई है। अब नियमानुसार छात्रहित में कार्रवाई की जाएगी।
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